23 मार्च से देश में लगे लॉकडाउन के कारण प्रदेश की 35000 बसों को चलाने के उद्देश्य नए परिवहन मंत्री द्वारा बसों में यात्री बैठाने के 50% नियम को शिथिल कर सामान्य दिनों की तरह यात्री बसों में सवारी बैठाने की परमिशन दे दी है। इससे प्रदेश के बस संचालकों को थोड़ी बहुत राहत मिली है, परंतु अपनी दूसरी मांगों को पूरा नहीं किए जाने के कारण अभी भी प्रदेश का प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन बस चलाने को तैयार नहीं है, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान बस ऑपरेटर पर बंद बसों का टैक्स इतना चढ़ चुका है कि वह अब इच्छा होने पर भी बस नहीं चला सकता। क्योंकि संचालक को एक बस पर 1 लाख तक टैक्स देना होगा।
प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद शर्मा बताते हैं कि नए परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत से बस ऑपरेटर और एसोसिएशन के सदस्य शनिवार को मिले थे। इनके सामने स्पेयर टैक्स राशि 50% कम करने, वाहन सरेंडर दो माह से बढ़ाकर छह माह करने, बीमा अवधि बढाने, फायनेंस पर लगने वाले ब्याज माफ कराने जैसे ज्वलंत मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। अब फैसला परिवहन मंत्री राजपूत को लेना है। उन्होंने एसोसिएशन के सभी प्रस्तावों को स्वीकार कर मुख्यमंत्री से मिलने की बात कही है। इससे एसोसिएशन के सभी सदस्यों को मांगों को पूरी होने की नई उम्मीद जागी है कि अगर हमारी मांग स्वीकार करते हैं तो एक दफा बसों का परिवार शुरू करने की सोच सकते हैं।
रक्षाबंधन पर बस नहीं चलाने का अफसोस
जिला बस ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्रसिंह सेंगर ने बताया कि कोरोना की वजह से हम रक्षाबंधन पर अपनी बहनों को भाइयों के घर और उनके मायके न छोड़े जाने का अफसोस है, क्योंकि महामारी के कारण तथा हमारी मांग सरकार द्वारा स्वीकार न किए जाने पर हम मजबूर हैं। अगर 3 अगस्त के पहले सरकार हमारी मांग स्वीकार कर लेती तो हम जरूर बहनों को राखी बांधने के लिए भाइयों के घर छोड़ेंगे।
डीजल के दाम बढ़ने से बसों का किराया बढ़ाने की मांग
जिला सचिव सुमित नागर ने बताया कि बसों के 50% किराया वृद्धि पर करने पर परिवहन मंत्री को अलग से कहा गया है। वर्ष 2018 मई में किराया 08 नए पैसे बढ़कर एक रुपया किराया तय हुआ था, तब डीजल के दाम एवं आज के दामो में 13 का भारी अंतर है अर्थात डीजल के दामों में भारी बढ़ाेतरी होने से संचालन व्यय बढ़ गया है। संसाधनों में भी 50-60% कीमतों में वृद्धि होने से मोटर मालिक आर्थिक संकट में है। इसलिए वर्तमान में किराया वृद्धि होना जरूरी है। मंत्री राजपूत ने इस विषय को किराया बोर्ड की कमेटी बैठक कर उनके समक्ष रखने की घोषणा की है।
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