नागपंचमी 25 जुलाई को सावन शुक्ल पंचमी को रवियोग में मनाई जाएगी। रवि योग में नागदेवता की पूजा-आराधना करने से कर्ज मुक्ति, स्वास्थ्य और सर्जरी आदि कार्य में बेहतर लाभ मिलने की उम्मीद है। साथ ही विभिन्न प्रकार के दोष स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं।
पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि इस बार सावन शुक्ल पंचमी शनिवार को है, साथ ही चंद्रमा उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से पूरे समय रहेगा। इसके चलते रवि योग का निर्माण हो रहा है। जिसकी कुंडली में राहु-केतु के साथ सूर्य बैठा हो या ग्रहण, कर्ज योग हो तो वह नागपंचमी पर रवि योग में पूजा-आराधना करें। जिन जातकों की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष हो। या वे काल सर्प दोष से पीड़ित हो तो वे भी इस दिन नागदेवता की पूजा करें
हिंदू परंपरा में है नाग पूजन का विधान
1. नागपंचमी के दिन नागदेवता की पूजा करने और उन्हें दूध चढ़ाने की परंपरा है। हिन्दू धर्म की कथाओं में कहा गया है नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से लक्ष्मी घर आती हैं। इससे नाग देवता खुश होते हैं। उनकी कृपा से घर से लक्ष्मी कभी बाहर नहीं जाती। नाग देवता की पूजा से सर्पदंश का भय नहीं रहता।
2. सांपों की पूजा का दूसरा महत्वपूर्ण तर्क यह है कि भारत कृषि प्रधान देश है और सांप, चूहों से खेतों की रक्षा करता है। सांप को क्षेत्रपाल नाम से भी जानते हैं। सांपों के इसी महत्व को देखते हुए लोग इनकी पूजा करते हैं। हमारे देश में जैसे कि नदियों और पेड़ों की पूजा करने की परंपरा है, वैसे ही सांपों को भी पूजते हैं।
श्रद्धालु यह करें उपाय
शिव मंदिर की सफाई, मरम्मत, पुताई करवाएं। सपेरे से नाग-नागिन का जोड़ा खरीदकर जंगल में मुक्त करें। शिव का अभिषेक करते समय उन्हें चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाएं। नव नाग स्तोत्र का 108 बार पाठ करें। अपने वजन के बराबर कोयला पानी में बहाएं। पीपल के पेड़ के नीचे दूध रखें, बहते हुए जल में 11 नारियल प्रवाहित करें।
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