इंदौर जिले में सैटेलाइट मैपिंग से 265 तालाबों के होने का खुलासा हुआ। इनमें ज्यादातर तालाबों पर अतिक्रमण है। तालाबों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने के लिए भास्कर द्वारा 2019 अभियान चलाया जा रहा है। इससे अब जिला स्तरीय समिति भी जुड़ गई है। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बनाई गई इस समिति का अध्यक्ष कलेक्टर को बनाया गया है। कलेक्टर ने बुधवार को इस समिति की पहली बैठक ली और सभी संबंधित विभागों से तालाबों को पुनर्जीवित कर उनका संरक्षण करने के लिए बात की।
समितियां बनाकर तालाबों का सर्वे कराएंगे, फिर उन्हें संवारेंगे
कलेक्टर ने कहा कि जिले में प्राचीन तथा अन्य तालाबों के पुनर्जीवन के लिए जीर्णोद्धार अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके लिए क्रियान्वयन, प्रशासकीय समिति, सीमांकन समिति और तालाब स्तर की समिति बनाएंगे। अभियान में तालाबों के वर्गीकरण, पहचान, जल की उपलब्धता व अनउपयोगी होने के कारणों का पता लगाया जाएगा। इसके लिए सर्वे दल गठित होंगे और ये ही सारी जानकारी एकत्रित करेंगे। कैचमेंट एरिया बढ़ाया जाएगा। गाद निकालकर गहरीकरण होगा। इसमें जनसहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।
गहरीकरण से निकलने वाली गाद खेतों में डाल बढ़ाएंगे उर्वरक क्षमता
तालाबों से निकाली गई गाद का उपयोग खेतों की उर्वरक क्षमता बढ़ाने में किया जाएगा। तालाबों की पाल तथा वेस्टवियर सुधार के कार्य भी होंगे। पानी के उपयोग को प्रभावी बनाने के विकल्प तलाशकर प्रभावी प्रणाली विकसित की जाएगी। इसमें भी जनसहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। तालाबवार जल बजट बनाया जाएगा। कलेक्टर ने कहा है ऐसा काम करें, जिससे लोगों को लंबे समय तक लाभ मिले। बैठक में जिला पंचायत सीईओ रोहन सक्सेना सहित जल संसाधन, ग्रामीण यांत्रिकी, कृषि, पीएचई, नगरीय प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
टिगरिया बादशाह : सुपर कॉरिडोर के पानी से जिंदा हुआ, अब चैनल में भरी गाद
पिछले साल 27 इंच बरसात के बाद भी टिगरिया बादशाह तालाब नहीं भरा तब भास्कर ने इसकी दुर्दशा उजागर की। इसके बाद प्रशासन और आईडीए ने नई चैनल बनाने की जिम्मेदारी दी। सुपर कॉरिडोर की ओर बनाई गई चैनल से सात दिन में ही लबालब हो गया था। इस बार पूरी गर्मी बीतने के बाद भी करीब 4 फीट पानी था। लेकिन अब चैनलों में फिर से गाद जमा हो गई है।
किसी भी स्कीम से तालाबों की कोई चैनल ब्लॉक नहीं होगी: आईडीए सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने बताया टिगरिया बादशाह तालाब के विकास के लिए फंड नहीं होने से उसे वापस प्रशासन को सौंपा गया। तालाब के लिए सरकार से कोई स्वीकृति नहीं मिली। इसके बावजूद हमने तय किया है कि सुपर कॉरिडोर की चैनल का पानी सीधे तालाब तक पहुंचे इसके लिए फिर से चैनल की मिट्टी हटाई जाएगी।
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