लॉकडाउन के पहले तत्कालीन संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी द्वारा सियागंज किराना और चायपत्ती व्यापारियों की लीज निरस्ती के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पूर्व आईडीए अध्यक्ष सांसद शंकर लालवानी व्यापारियों के पक्ष में आ गए हैं। उन्होंने कहा पूर्व में जो 3 प्रतिशत राशि लेकर नियमित करने का फैसला था उस पर अमलीजामा क्यों नहीं पहनाया गया। उन्होंने इस संबंध में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से भी बात की है। दूसरी तरफ व्यापारी इस फैसले के विरोध में हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
सी-21 मॉल के कुछ हिस्से और उसके पीछे की जमीन पर सियागंज के किराना व्यापारी और चाय-पत्ती एसोसिएशन को पीयू-4 स्कीम में प्लॉट दिए गए थे। मार्च में लॉकडाउन के पहले तत्कालीन संभागायुक्त और आईडीए बोर्ड अध्यक्ष आकाश त्रिपाठी ने सभी 300 व्यापारियों की लीज निरस्त कर दी थी। इसका खुलासा हाल में तब हुआ जब व्यापारियों को इसके नोटिस मिलने लगे। सभी को जवाब देने के लिए 4 अगस्त या उसके बाद की तारीख दी गई है और उसके बाद लीज निरस्त होने का फैसला सुनाया गया। व्यापारी अधर में आ गए हैं। कारण यह है कि सी-21 मॉल को लेकर ही यह पूरी कार्रवाई शुरू हुई थी लेकिन मॉल पर कोई आंच नहीं आई अब व्यापारियों पर लीज निरस्ती की तलवार लटक रही है।
खंडेलवाल बोले... अचानक लीज कैसे रद्द कर सकते हैं
सियागंज व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल का कहना है कि ज्यादातर व्यापारियों ने पीयू-4 में अपने-अपने प्लाॅट पर बिल्डिंगें बना ली हैं। हम लगातार लीज को नियमित करने के लिए आवेदन देते रहे हैं। अचानक लीज कैसे निरस्त की जा सकती है। कई व्यापारियों ने तो प्लॉट बेच भी दिए हैं जबकि नोटिस पहले व्यापारी को ही आया है। इसकी कंपाउंडिंग की प्रक्रिया भी कई व्यापारियों ने करवा ली है। हम इस नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट जा रहे हैं।
कानूनी राय लेकर ही निकाला था 3 प्रतिशत राशि का प्रस्ताव : लालवानी
2018 में आईडीए के राजनीति बोर्ड में यह फैसला हो गया था कि व्यापारियों की लीज नियमित कर दी जाएगी। इसके लिए सीईओ को जिम्मेदारी सौंपी गई कि वे प्रत्येक व्यापारी से बाजार भाव के मुताबिक 3 प्रतिशत की राशि जमा कराएं। बोर्ड के अध्यक्ष रहे सांसद शंकर लालवानी ने कहा, हमने विधिक राय लेने के बाद ही शासन की नीति के अनुसार यह फैसला लिया था। व्यापारियों को प्लॉट देने की शर्त यह थी कि वे यहां का कारोबार बंद कर नई जगह व्यापार करेंगे। ऐसा कहीं नहीं था कि उन्हें चाय का ही कारोबार करना है। आईडीए को उनकी लीज नियमित करना थी।
सीईओ ने कहा... 25 दिन में देना है जवाब, कोर्ट का रास्ता खुला है
आईडीए सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने बताया, इसे लेकर लोकायुक्त में शिकायत हुई थी। अक्टूबर 2018 में नया व्ययन नियम आने के बाद से बोर्ड के लीज नियमित करने के फैसले पर अमल नहीं हो सका। अब चूंकि बोर्ड लीज निरस्त कर चुका है तो व्यापारियों को कोर्ट से ही राहत मिल सकती है। हमने उन्हें जवाब देने के लिए 25 दिन का समय दिया है।
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