डॉल्फिन अस्पताल में छह साल के बच्चे कुणाल करेरिया की मौत के मामले में बुधवार को एमवायएच में डॉक्टरों ने बच्चे का पोस्टमार्टम किया। पुलिस ने इसकी वीडियोग्राफी भी कराई। तुकोगंज थाने के एसआई राजकुमार जाटव ने बताया कि सीएमएचओ के निर्देश पर पांच डॉक्टरों की टीम ने बच्चे का पोस्टमॉर्टम किया। गुरुवार को रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस कार्रवाई तय करेगी।
डॉक्टर को थाने बुला डिग्री चेक की : डॉल्फिन अस्पताल के डॉक्टर गिरीश वर्मा को थाने बुलाकर उनकी डिग्री व सर्टिफिकेट चेक किए गए। उनकी सभी डिग्रियां इंडियन मेडिकल काउंसलिंग से सर्टिफाइड हैं। वहीं डॉ. वर्मा का कहना है कि एनेस्थीसिया देने में कोई लापरवाही नहीं हुई थी। 3 बजे बच्चे को ओटी में लिया गया। 3.30 बजे ऑपेरशन हो गया। बच्चे ने बात की। नाम बताया। शाम को 6 बजे फोन आया कि उसे कार्डियक अरेस्ट हुआ है। हम भी समझ नहीं पा रहे, ऐसा कैसे हुआ।
अस्पताल प्रबंधन को बता रहे मौत का जिम्मेदार
मामले में कांग्रेस नेता राकेश सिलावट ने मंगलवार रात डॉल्फिन अस्पताल में डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। उनके समर्थकों ने डॉक्टर से हाथापाई भी की थी। बुधवार को भी उनके समर्थक पोस्टमार्टम भवन में एकजुट हुए और अस्पताल प्रबंधन को ही मौत का जिम्मेदार बताया।
पिता बोले- डॉ. लड्ढा ने किया था डॉल्फिन रैफर
बच्चे के पिता संजू सिसौदिया ने बताया कि डॉक्टर अशोक लड्ढा ने देखने के बाद कहा था कि एमवायएच में बच्चे का ठीक से इलाज नहीं होगा, उसे डॉल्फिन में रैफर करो तो अच्छे से इलाज कर देंगे। उनके कहने पर मैं वहां ले गया, लेकिन उनके व साथी डॉक्टर की लापरवाही से मैंने इकलौता बेटा खो दिया। कांग्रेस नेता राकेश सिलावट ने आरोप लगाया कि डॉ. लड्ढा एमवाय के डॉक्टर हैं, लेकिन वे अपनी कमाई के लिए लोगों को डॉल्फिन अस्पताल में भेजकर वहां ऑपरेशन करते हैं।
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