सावन के सेरे का जुमला इस साल सुनने को नहीं मिला। बादलों ने खूब उमड़-घुमड़ की लेकिन किसानों की उम्मीद के मुताबिक बरस नहीं सके। झड़ी का तो नामोनिशान इस बार नहीं दिख रहा है। अंतिम सावन सोमवार भी आ गया है।
चार साल बाद ऐसा मौका है जब सावन के महीने ने निराश किया है। हमारे शहर में ज्यादातर जुलाई के आखिरी महीने में 4 से 5 दिन की बारिश की झड़ी लग ही जाती है। इधर, मानसून की मायूसी का असर अब जिले की कुल बारिश पर भी दिखने लगा है। रतलाम में 14.01 इंच ही बारिश हो सकी है। जो, औसत बारिश से 2.34 इंच कम है। वहीं, पिछले साल से भी 5.19 इंच कम बारिश अब तक हुई है। पिछले आंकड़े देखें तो सावन तक 2019 में 38 इंच, 2018 में 14.74 इंच, 2017 में 19.68 इंच बारिश हुई थी। 2016 में 29.23 इंच बारिश हो गई थी।
- 2016 : 20 जुलाई से सावन की शुरुआत हुई थी। 6 से 9 अगस्त तक झड़ी लगी थी।
- 2017 : 26 जुलाई से 6 दिन तक सावन की झड़ी लगी। इस दौरान 7.48 इंच पानी बरसा था। सावन की शुरुआत 10 जुलाई से हुई थी।
- 2018 : इस साल सावन का महीना लेट यानी 28 जुलाई से शुरू हुआ था। 8 अगस्त से बारिश हुई। सावन से पहले ही 20 जुलाई को झड़ी लगी थी, 7 दिन में 7.5 इंच पानी बरसा था। सावन में चार से पांच दिन की झड़ी लगी थी।
- 2019 : 17 जुलाई से सावन की शुरुआत हुई थी। 29 जुलाई से सावन की झड़ी लगी थी। अगस्त मध्य में सावन महीना समाप्त होने के साथ ही जिले में 38 इंच बारिश हो गई थी।
सिस्टम आए... लेकिन कमजोर रहे, अब भी नमी से हो रही बारिश
जिले में जुलाई में अब तक तीन सिस्टम आ चुके हैं, लेकिन तीनों ही कमजोर रहे हैं। पहला सिस्टम तो नहीं बरस सका था। लेकिन, आखिरी दो सिस्टम से एक से डेढ़ इंच बारिश की राहत मिली है। मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे ने बताया जुलाई अंत में एक और सिस्टम बनने की उम्मीद है। इससे अगस्त के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश मिलने के आसार बने हुए हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/30OCKuj
via IFTTT