दिन कोई बुरा या अच्छा नहीं होता हमारा मन अच्छा और बुरा होता है। जिस दिन हम अच्छे मन से कोई कार्य करते हैं तो वही दिन मंगलमय हो जाता है। महावीर स्वामी ने अमावस्या के दिन निर्वाण को प्राप्त किया तो वही दिन दुनिया के लिए दीपों से भरा हुआ दीपावली का त्योहार हो गया । हमेशा विश्वास रखें सबसे अच्छा दिन आज है सबसे अच्छा समय अभी है। कभी यह ना सोचे कि हम कितने दिन जिए बल्कि यह सोचें कि कैसे जिए खुशियों भरा एक लम्हा भी करोड़ों की दौलत जैसा है। यह विचार क्रांतिवीर मुनि प्रतीक सागर महाराज ने आचार्य पुष्पदंत सागर सभागृह धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मुनिश्री ने कहा कि हर हाल में प्रसन्न रहें अगर आप प्रसन्न रहेंगे तो आपके पास रहने वालों को भी आप प्रसन्न रख सकेंगे। आप उदास रहेंगे तो सारा माहौल गमगीन होने लग जाएगा।
प्रवचन प्रतिदिन होंगे
चातुर्मास समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि मुनिश्री की अमृतवाणी में प्रतिदिन सोमवार से शनिवार तक शाम 7:00 बजे से 7:30 बजे तक ओर रविवार को दोपहर 3:30 से 4:30 तक विशेष प्रवचन होंगे। यह आयोजन मुनि श्री का प्रवास स्थल सोनागिर सिद्ध क्षेत्रफल स्थित अमोल वाली धर्मशाला के आचार्य पुष्पदंत सागर सभागृह में चलेंगे।
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