अभिभाषक संघ आमला ने बुधवार को राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन, प्रमुख सचिव राजस्व मंत्रालय और नर्मदापुरम् संभाग के कमिश्नर के नाम तहसीलदार नीरज कालमेघ को ज्ञापन सौंपकर आमला में एसडीएम कोर्ट खुलवाने की मांग की है।
आमला तहसील में सप्ताह में दो दिन शुक्रवार औरर शनिवार को एसडीएम कार्यालय मुलताई का लिंक कोर्ट चल रहा था। कोरोना प्रकोप के पूर्व भी एसडीएम सीएल चनाप की एसडीएम कोर्ट आमला में प्रति शुक्रवार लग रही थी, लेकिन कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से आमला में एसडीएम की लिंक कोर्ट भी बंद कर दी गई। यह लिंक काेर्ट लॉकडाउन खुलने के बाद भी बंद है। पूर्व में अभिभाषक संघ ने तहसीलदार के माध्यम से कलेक्टर बैतूल के नाम भी लिंक कोर्ट शुरू करने की मांग की थी। लेकिन इस विषय में कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई ना होते देख अभिभाषक संघ ने ज्ञापन देकर चेतावनी दी है कि यदि तीन जुलाई को लिंक कोर्ट प्रारंभ नहीं होती है तो अभिभाषक संघ कोर्ट का बहिष्कार करने और आंदोलन करने के लिए मजबूर हाेगा।
वकील बाेले - जनहित में फैसला : अभिभाषक संघ का कहना है कि सस्ते, सरल और सुलभ न्याय के लिए लिंक कोर्ट आमला में शुरू किया जाना जनहित का फैसला होगा। क्योंकि वर्तमान में बस और ट्रेन बंद होने की स्थिति में अभिभाषक और पक्षकारों को प्रकरणों की सुनवाई के लिए 45 किमी मुलताई जाना पड़ता है।
जनप्रतिनिधियाें को करनी चाहिए पहल
आमला ब्लॉक उपेक्षा का शिकार रहा है। यहां जागरूक नागरिक और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के पहल नहीं करने से यह स्थिति बनी हुई है। इसका परिणाम है कि आमला रेलवे स्टेशन से बेस किचन बंद हो गया, सैकड़ों एकड़ खाली भूमि हाेने के बावजूद कारखाना नहीं खुल सका। उपपंजीयक कार्यालय भी जनप्रतिनिधियों के रुचि नहीं लेने से बंद हैं। शहर के जागरूक नागरिकों का कहना है कि पिछले 15 सालाें से जिले में भाजपा के सांसद और आमला-सारनी विधानसभा में भाजपा के विधायक हैं। इसके साथ ही 15 साल से राज्य में भाजपा की सरकार और केन्द्र में पिछले 6 सालों से भाजपा की सरकार है।
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