अनलॉक के बढ़ते दायरे को देखते हुए रेलवे ने अगस्त में देशभर की 90 जोड़ी और स्पेशल ट्रेनों को चलाने की तैयारी पूरी कर ली है। इनमें रतलाम मंडल की इंदौर से चलने वाली 6 ट्रेन भी शामिल हैं। इसमें 3 रतलाम होकर, जबकि 3 उज्जैन होकर चलेंगी। सभी मंडलों से टाइम टेबल आने के बाद रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों का शेड्यूल भी रेडी कर लिया है। इनमें अधिकांश ट्रेनें दो से पांच राज्यों को कवर करती हैं इसलिए अब बोर्ड राज्य सरकार से ग्रीन सिग्नल मिलने का इंतजार कर रहा है। वर्तमान जैसे ही हालात रहे तो सरकार 10 अगस्त के आसपास नई ट्रेन चलाने की घोषणा कर सकती है। अभी भारत में 115 जोड़ी स्पेशल ट्रेन चल रही है। तीसरे चरण को मंजूरी मिल गई तो ट्रेनों की संख्या 205 हो जाएगी। फिलहाल रेलवे ने 12 अगस्त तक स्पेशल को छोड़कर सारी नियमित ट्रेनों को निरस्त कर रखा है।
ट्रेनों के परिचालन के लिए 10 अगस्त के आसपास सरकार कर सकती है घोषणा
मंडल में ये ट्रेनें चल सकती हैं दूसरे चरण में
इंदौर से - इंदौर-मुंबई-इंदौर अवंतिका एक्सप्रेस, इंदौर-गांधीधाम-इंदौर शांति एक्सप्रेस, इंदौर-पुणे-इंदौर, इंदौर-हावड़ा-इंदौर शिप्रा एक्सप्रेस
महू से - श्री वैष्णोदेवी माता कटरा मालवा एक्सप्रेस-महू-कटरा, गुवाहाटी-महू-गुवाहाटी
अनलॉक में कब-कब चली ट्रेन
12 मई - सबसे पहले 15 जोड़ी ट्रेन चलाई। इसमें दिल्ली-मुंबई-दिल्ली राजधानी स्पेशल रतलाम होकर चल रही है।
1 जून - दूसरी बार में 100 जोड़ी ट्रेनें चलाईं। इनमें से 13 जोड़ी रतलाम मंडल के 5 स्टेशनों से होकर चल रही है।
रेलवे भी चलाना नहीं चाहता यात्री गाड़ी क्योंकि...
मालगाड़ी से फायदा - सबसे ज्यादा रेवेन्यू मालगाड़ी से मिलता है। यात्री ट्रेनों के कारण मालगाड़ी को बीच-बीच में रोकना पड़ता था। इनके बंद होने से रेलवे गुड्स ट्रेनों को फर्राटे से दौड़ा रहा है। इससे जून में रतलाम मंडल ने माल लदान से 137.04 करोड़ की कमाई कर नया रिकॉर्ड बनाया था। 1 अप्रैल से 28 जुलाई तक माल लदान से मंडल के 358.02 करोड़ सहित पूरे पश्चिम रेलवे ने 2723 करोड़ से अधिक की आमदनी की है।
यात्री गाड़ी से नुकसान - अधिकांश यात्री गाड़ियां घाटे में चलती हैं। लॉकडाउन के कारण 22 मार्च से 28 जुलाई तक मंडल के 4.3 लाख सहित पूरे पश्चिम रेलवे में 62.39 लाख यात्रियों ने टिकट रद्द करवाए। बदले में मंडल के 7.5 करोड़ सहित पूरे पश्चिम रेलवे को 405.79 करोड़ रुपए का रिफंड करना पड़ा। एक यात्री ट्रेन चलाने में रेलवे को 7 से 11 लाख तक का खर्च होता है, जबकि उससे रेवेन्यू सिर्फ 65 से 80 प्रतिशत तक ही मिलता है।
मंडल की सारी ट्रेनें सवा चार माह से बंद
कोरोना महामारी के कारण मंडल की सारी यात्री ट्रेन चार सवा माह (22 मार्च) से बंद पड़ी हैं। पहले और दूसरे चरण में जो 115 जोड़ी ट्रेन चल रही है। उनमें एक भी रतलाम मंडल की नहीं है इसलिए अब रेलवे को उम्मीद है कि 6 ट्रेनों में से मंडल की एक या दो ट्रेनों को भी परमिशन मिल सकती है। इसमें भी लंबी दूरी की इंदौर-हावड़ा-इंदौर सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं।
13 जिलों के यात्री हो रहे परेशान
ट्रेन नहीं चलने से मंडल के दायरे में 13 जिलों के यात्री खासे परेशान हैं। इनमें निंबाहेड़ा, नीमच, मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, झाबुआ, आलीराजपुर, शाजापुर, बड़वानी, खरगोन, सीहोर, देवास शामिल हैं। इन्हें इन्हें निजी वाहनों से आवाजाही करना पड़ रही है क्योंकि ऑपरेटर बस चलाने को तैयार नहीं हैं।
फिलहाल 90 ट्रेनों को शॉर्ट लिस्ट किया है
रेलवे बोर्ड ने देश की 90 ट्रेनों को शॉर्टलिस्ट किया है। इनका शेड्यूल भी बन चुका है। 12 अगस्त तक तो सारी ट्रेनें निरस्त हैं। इसके बाद सरकार थोड़ी-थोड़ी करके या सारी 90 ट्रेनें भी एक साथ चला सकता है। मंडल से 6 ट्रेन चलाने का प्रपोजल भेजा है। एक इंदौर-हावड़ा को तो शामिल कर लिया है। - विनीत गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक रतलाम
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