अवैध पान मसाले के कारोबार, उत्पादन, सप्लाय चेन और वसूली इस पूरे सिंडिकेट का किंगपिन किशोर वाधवानी है। सिंडिकेट में शामिल एएए इंटरप्राइजेज का विजय नायर, वाधवानी का फ्रंट मैन है। यह बात डीजीजीआई ने हाईकोर्ट में विष्णु एसेंस के संचालक अशोक डागा और अमित बोथरा की जमानत याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान कही।
विभाग ने कोर्ट ने बताया कि इस सिंडिकेट में विष्णु एसेंस के बोथरा और डागा अहमदाबाद व अन्य शहरों से कच्चा माल व पैकिंग मटेरियल मंगवाकर अवैध पान मसाले का उत्पादन करते थे। इसकी सप्लाय वाधवानी के फ्रंट मैन विजय नायर की कंपनी एएए इंटरप्राइजेज को की जाती थी। इन्होंने कोविड जैसी महामारी से उपजी परिस्थितियों का फायदा उठाकर लॉकडाउन में भी जमकर सप्लाय की। इस सिंडिकेट में वाधवानी के साथ पाकिस्तानी नागरिक संजय माटा, बोथरा, डागा, नायर भी शामिल हैं। विभाग ने कोर्ट को बताया कि 30 मई को छापे मारे गए, इसके बाद ट्रांसपोर्टर आशु रोड लाइंस भी इसमें शामिल मिला। इसके मोबाइल व ड्राइवरों की पूछताछ में पता चला कि अवैध कारोबार हो रहा है।
डागा और बोथरा ने 225 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी स्वीकारी
पूछताछ में डागा और बोथरा ने माना कि 320 करोड़ का अवैध पान मसाले का कारोबार किया, जिस पर 225 करोड़ की टैक्स चोरी की गई। उन्होंने कहा कि वह हर माह सात से आठ करोड़ का जीएसटी चुका कर कारोबार कर रहे हैं, कोविड परिस्थितियों के कारण कागज वर्क पूरा नहीं कर सके, वह जीएसटी भरने के लिए तैयार हैं और नियम के तहत दस फीसदी भरकर टैक्स डिमांड पर अपील कर सकते हैं। हमारा वाधवानी और माटा से िकसी तरह का वास्ता नहीं है।
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