जाट-नॉन जाट के बीच फंसे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए रविवार को अचानक पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के नाम की घाेषणा हो गई। इसी के साथ जोर आजमाइश के बीच धनखड़ ने बाजी मार ली, पर भाजपा के किसान मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके धनखड़ ने कहा कि उन्हें भी इसका अंदाजा नहीं था। उधर, चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि उन्हें सुबह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का फोन आया कि पूर्व मंत्री ओपी धनखड़ को प्रदेशाध्यक्ष बना रहे हैं।
मैंने भी कहा कि बनाइए। पार्टी ने सबकी पसंद से यह निर्णय किया है। धनखड़ हमारे पुराने नेता हैं। सूत्रों का कहना है कि सीएम मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को तीसरी बार यह पद दिलाने की कोशिश में थे। उन्होंने नायब सिंह सैनी व केंद्रीय मंत्री केपी गुर्जर के नाम को भी पार्टी नेतृत्व के समक्ष रखा था। दरअसल, एक सप्ताह से केंद्रीय मंत्री केपी गुर्जर का नाम नॉन जाट में सबसे आगे चल रहा था, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने जाट चेहरे के नाम पर विचार करने को कहा था। इसलिए पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु व ओपी धनखड़ के नाम चर्चा में आए।
इससे पहले प्रदेशाध्यक्ष के पद को लेकर कैप्टन, प्रदेश महामंत्री संदीप जोशी, पानीपत ग्रामीण के विधायक महीपाल ढांडा, कृष्णपाल गुर्जर, पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के नामों पर भी मंथन हुआ।
मैं प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में कभी शामिल ही नहीं था
पूर्व कृषि मंत्री,ओपी धनखड़ ने कहा कि मैं दोपहर में पार्टी का काम करके सो रहा था। तभी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी का फोन आया। मैंने उनसे कहा कि बस सोया हुआ था। इस पर जेपी नड्डा बोले कि अब समय आ गया है। उठ खड़े हो जाओ, आपको हरियाणा संभालना है। मैं न तो कभी प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल था और न कभी इसके लिए अपनी बात रखी।
धनखड़ के पक्ष में यूं बने समीकरण
नड्डा के करीबी
- हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी रहे हैं, यहीं से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी हैं। दोनों में मित्रता है।
- धनखड़ संघ की पृष्ठ भूमि से हैं। दोनों ही लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे।
मोदी भी देते रहे अहमियत
- पीएम नरेंद्र मोदी ने जब अपने पहले कार्यकाल के दौरान गुजरात में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की स्थापना की तो धनखड़ को इस प्रोजेक्ट का राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया।
- धनखड़ ने देशभर में आयोजन कर सरदार पटेल की प्रतिमा के लिए लोहा जुटाने का अभियान चलाया।
..और इसलिए पीछे रह गए गुर्जर : एक व्यक्ति एक पद का नियम बड़ा कारण
- सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री केपी गुर्जर का नाम नाॅन जाट में आगे था। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जाट चेहरे पर विचार करने को कहा। इस कारण दूसरे चेहराें तलाशने का काम शुरू हुआ।
- भाजपा नेतृत्व चाहता था कि गुर्जर मंत्री का पद छोड़कर ही प्रदेशाध्यक्ष बनें। क्योंकि पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का ही नियम है।
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