कोरोना के नाम से जहां लोगों में दहशत है, वहीं 99 वर्षीय वृद्धा ने इससे डटकर मुकाबला किया और स्वस्थ हाेकर घर पहुंच गई। जिले में यह पहला मामला है जब इतनी उम्र की महिला ने काेराेना काे मात दी। लड़खड़ाती जुबान में सुबरा बी बोलीं- यहां बेहतर इंतजाम के कारण ही मैं ठीक हो गई। खानशाहवली क्षेत्र में रहने वाली 99 वर्षीय सुबरा बी 1 अगस्त को कोरोना संक्रमित पाई गई थी। उन्हें कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया था। यहां अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने उनकी अच्छी तरह देखभाल की और चिकित्सकों ने उनका बेहतर उपचार किया। परिणामस्वरूप सुबरा बी स्वस्थ होकर घर वापस पहुंच गई। सुबरा बी ने बताया अस्पताल में 15-16 दिन भर्ती रहने के दौरान उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। समय पर नाश्ता, खाना और दवाइयां उन्हें मिलती रहीं। सुबह-शाम डॉक्टर्स नियमित रूप से उनके स्वास्थ्य की जांच करते थे।
सुबरा बी ने बताया जुलाई के अंत में सांस लेने में कुछ समस्या आ रही थी तो उनकी कोरोना संक्रमण की जांच हुई। 1 अगस्त को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अस्पताल आते समय काफी चिंतित थी। मन में तरह-तरह के ख्याल आ रहे थे, लेकिन अस्पताल पहुंचने के कुछ देर बाद ही यह डर दूर हो गया। अस्पताल की बेहतर व्यवस्थाओं के चलते 15 दिन कब बीत गए पता नहीं चला। 14 अगस्त को रिपोर्ट निगेटिव आई और उन्हें 17 अगस्त को डिस्चार्ज कर दिया।
कोविड वार्ड के ड्यूटी डॉक्टर रणजीत बड़ोले व अन्य ड्यूटी डॉक्टर्स ने सुबरा बी की अधिक उम्र तथा कमजोर हालत देखकर निर्णय लिया कि उन्हें कोविड वार्ड से डिस्चार्ज कर मेडिकल वार्ड में भर्ती रखा जाए। दो दिन जनरल मेडिकल वार्ड में भर्ती रहने के बाद अब सुबरा बी अपने घर पहुंच गई। सिविल सर्जन डॉ. ओपी जुगतावत ने बताया सुबरा बी के उपचार में विशेष सतर्कता और सजगता बरती गई, क्योंकि इस उम्र में रिकवरी में अनेक दिक्कतें आती हैं।
83 वर्षीय मरीज भी ठीक हुआ, जल्द करेंगे डिस्चार्ज
जिला अस्पताल के कोविड सेंटर में भर्ती 83 वर्षीय दिनकर की हालत भी ज्यादा खराब हो गई थी। उन्हें भी सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इंदौर रैफर करते, लेकिन इसमें खतरा ज्यादा था। जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने दिनकर का यहीं पर इलाज शुरू किया। और उन्हें ठीक कर दिया। दो या तीन दिन बाद दिनकर भी स्वस्थ होकर घर पहुंच जाएंगे।
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