
एमजीएम मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच रिपोर्ट तीन-चार दिन में मिल पा रही है। एक डॉक्टर ने तीन दिन पहले सैंपल दिया था, जिसकी रिपोर्ट शुक्रवार शाम को मिली। ऐसे में उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर गुस्सा जताया। डॉक्टर का वीडियो वायरल होने के बाद यह सवाल खड़ा हो गया कि डॉक्टरों और मेडिकल प्रोफेशनल्स की रिपोर्ट भी देर से मिलेगी तो काम कैसे करेंगे? डॉ. योगेश शाह ने आईएमए की ओर से आइसोलेशन सेंटर और विशेष अस्पताल में वॉलेंटियर के तौर पर सेवा देने का फैसला किया था। उन्होंने वीडियो में कहा कि वे यलो कैटेगरी के अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं। तीन दिन पहले उन्होंने असरावद खुर्द स्थित आइसोलेशन सेंटर में रुके लोगों का परीक्षण भी किया। इसके बाद सर्दी-जुकाम हुआ तो वह सैंपल देने मेडिकल कॉलेज पहुंचे। गुरुवार को उन्होंने रिपोर्ट की जानकारी ली तो बताया कि रविवार तक रिपोर्ट मिल पाएगी। हालांकि रिपोर्ट शुक्रवार को मिली, जो निगेटिव थी।
रोज हो रही है 200 सैंपल की जांच
मेडिकल कॉलेज की लैब में रोज 200 सैंपल की जांच की जा रही है। देवास, धार, रतलाम सहित आसपास के कुछ जिलों से भी सैंपल यहां भेजे जा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि एक बार जांच में 10 से 12 घंटे लगते हैं। इस कारण उसी दिन रिपोर्ट नहीं मिल पाती। शुक्रवार को भी मेडिकल कॉलेज ने जिन तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत की पुष्टि की है, उनकी रिपोर्ट उनकी मौत के बाद ही मिली। पहले ही मरीजों की मौत दो-तीन दिन पहले ही हो चुकी है। जांच रिपोर्ट मिलने में कम से कम दो दिन का समय लग रहा है।
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