
बुधवार को सतुवाई अमावस पर राजघाट में पर्व स्नान नहीं हुआ। ऐसा पहली बार हुआ। नर्मदा घाट पर वीरानगी छाई रही। इसी तरह लॉकडाउन के कारण 24 मार्च को भूतड़ी अमावस्या पर भी लोग पर्व स्नान नहीं कर पाए थे। राजघाट में एक माह से अास्था का प्रवाह थमा है। घाट पर नाव बंधी है। नर्मदा में स्नान के दौरान अठखेलियों के स्वर मौन है। पं. चेतन उपाध्याय ने बताया गुरुवार सुबह 7.30 बजे तक अमावस है। उदयकालीन तिथि होने से लोग गुरुवार को भी अमावस मनाएंगे। इस दिन सत्तू खाने का विशेष महत्व है। इसलिए भी इसे सतुवाई अमावस कहा जाता है।
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