
नगर से गुजरे नेशनल हाईवे क्रमांक 3 आगरा-मुंबई पर गुरुवार सुबह 10 मजदूर पैदल आते दिखे। पूछने पर बताया कि वे पुणे से 1300 किमी दूर यूपी के फतेहपुर के लिए पैदल ही चलकर जा रहे हैं। 8 दिन में वे अभी 450 किमी का सफर तय कर पाए हैं। चिलचिलाती धूप में भी वे बिना रुके लगातार चल रहे हैं। रोजाना 30 से 40 किमी का सफर कर रहे हैं।
मजदूरों ने बताया कि उनके रुपए भी खत्म हो गए हैं। इससे खाने के भी लाले पड़ रहे हैं। राहगीर उमाशंकर व जितेंद्र ने बताया कि हम 10 लोग 16 अप्रैल को पुणे से पैदल ही निकले थे। अपने घर जिला फतेहपुर यूपी तक पैदल ही जाना पड़ेगा। करीब 1300 किमी का ये सफर मुश्किलों भरा है। उन्होंने बताया हम लोग पुणेकाम करने गए थे। वहां की निजी कंपनी ने लॉकडाउन होने पर हमारी मजदूरी भी नहीं दी। हमारे फोन भी नहीं उठाए जब तक पास में रुपए थे। वहां रह लिए लेकिन अब रुपए खत्म हो गए हैं। इसलिए पैदल ही घर के लिए निकल पड़े हैं। राहगीरों ने कहा कि सरकार को पैदल घर जा रहे मजदूरों के लिए वाहन व भोजन की व्यवस्था करना चाहिए। नहीं तो कई लोग भूख से ही रास्ते में दम तोड़ देंगे।
मजदूरों ने कहा- रात में दो से तीन घंटे करते हैं आराम
रात में कहीं भी पेड़ के नीचे रुककर दो से तीन घंटे आराम कर लेते हैं। इसके बाद फिर से पैदल यात्रा शुरू करते हैं। मजदूरों ने जांच कराने के बाद उन्हें घर तक भिजवाने की मांग की है। ताकि वे भूख-प्यास से नहीं मरें और घर पहुंच जाएं।
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