कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के लिहाज से शनिवार इंदौर के लिए बड़ा झटका देने वाला दिन साबित हुआ। एक ही दिन में एमजीएम मेडिकल कॉलेज से जारी हुई दो रिपोर्ट में 49 नए पॉजिटिव सामने आए। इसके साथ ही कुल मरीजों का आंकड़ा 298 पर पहुंच गया। पॉजिटिव मरीजों में बॉम्बे हॉस्पिटल के एक डॉक्टर व नर्स भी हैं। इधर, सुबह तीन मरीजों ने दम भी तोड़ दिया। इससे मृतकों का आंकड़ा 30 पर पहुंच गया है।
चंदननगर में पुलिस जवान पर पथराव करने वाले आरोपियों में से एक जावेद खान भी कोरोना संक्रमित निकला है। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर रासुका में जबलपुर जेल भेजा है। शनिवार को वहां चेकिंग में आरोपी जावेद की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसके संपर्क में आने वाले चंदननगर थाने के 10 जवान और उसे जबलपुर छोड़ने वाले डीआरपी लाइन के आठ जवानों को क्वारेंटाइन कर चेकअप करवाया जा रहा है। आरोपी जावेद के पिता नासिर व मां के साथ उसके आसपास के लोगों को भी आइसोलेशन के लिए क्वारेंटाइन वार्ड में भेजा है।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धिपुरम कॉलोनी में एक ही परिवार के 10 सदस्य संक्रमित मिले। इनमें 15 साल की लड़की और 22, 46, 75, 62, 39 और 42 साल की 6 महिलाएं हैं। इसी तरह रानीपुरा के एक परिवार की भी 3 महिलाएं पॉजिटिव मिली हैं। इंदौर फ्रंट पेज भी पढ़ें
हमारे पास ऐसी मां हैं :इनके जज्बे से जीतेगा इंदौर : उम्र 80 वर्ष, दिनभर मास्क बनाती हैं, जरूरतमंदों को पहुंचाती हैं
ये हैं सुखलिया निवासी 80 वर्ष की सुषमा केलकर। इन दिनों घर में रोज मास्क बना रही हैं। अब तक 100 से ज्यादा मास्क बनाकर जरूरतमंदों को नि:शुल्क दे चुकी हैं। सुषमा बाल आश्रम में रहने वाली निराश्रित बच्चियों के लिए नि:शुल्क फ्रॉक बनाती हैं। इसके लिए कपड़ा भी खुद ही लाती हैं। जब से कोरोना महामारी फैली है, उन्होंने मास्क बनाना शुरू कर दिया है। उनका कहना है सभी लोग मास्क में रहेंगे तो संक्रमण फैलने से रुकेगा।
लड़ेगा इंदौर, जीतेगा इंदौर, क्योंकि... अब हमारे पास एक और डेडिकेटेड अस्पताल, 102 नए डॉक्टर और कोरोना से सीधे दो-दो हाथ कर रहे नागरिक
चोइथराम अस्पताल भी रेड श्रेणी में, होगा कोरोना का इलाज
1. एमआर टीबी हॉस्पिटल, एमवायएच चेस्ट सेंटर, अरबिंदो और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के बाद चोइथराम हॉस्पिटल में भी अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज होगा। जिला प्रशासन ने इस अस्पताल को कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए अधिग्रहित कर लिया है। ये खबर कोरोना के मरीजों और उनके परिजन को राहत देने वाली है, लेकिन चोइथराम हॉस्पिटल में पहले से इलाज करवा रहे मरीजों और उनके परिजन की इससे मुश्किल हो गई है। हॉस्पिटल प्रबंधन ने ब्लड, डायबिटीज, कैंसर, थैलेसीमिया सहित गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को कहीं और इलाज कराने के लिए कह दिया है। यहां रोजाना 80 से 100 मरीजों का डायलिसिस होता है। मरीजों का कहना है हमें सप्ताह में दो से तीन बार ब्लड चढ़ाने के लिए आना होता है। हमको इलाज नहीं मिला तो हम ऐसे ही मर जाएंगे। मरीजों का कहना है प्रशासन को यहां भर्ती मरीजों के इलाज की दूसरे अस्पतालों में व्यवस्था करना थी। इस गंभीर मामले की शिकायत सीएमएचओ से की गई है।
पॉजिटिव थे डॉक्टर, छुट्टी के बाद बोले- दोस्तों ने दी हिम्मत
2. शेल्बी अस्पताल में लीवर और पेट रोग विशेषज्ञ डॉ. इकबाल कुरैशी डिस्चार्ज हो चुके हैं। वे बताते हैं कि संभवतः इलाज के दौरान किसी मरीज से संक्रमण हुआ। 24 मार्च को जांच कराई तो पॉजिटिव आ गई। एकदम से मेंटल प्रैशर में आ गया। छोटे भाई और एक रिश्तेदार की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। दोस्तों, रिश्तेदारों ने बीमारी से लड़ने की हिम्मत दी।
76 साल के फरीद भी ठीक बोले- तनाव नहीं लिया मैंने
भोपाल के रहने वाले 76 वर्षीय फरीद उल्लाह ने इस उम्र में कोरोना को हरा दिया। वे बताते हैं- मैं खेती करता हूं। 16 मार्च को परिजनों के मिलने इंदौर आया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण इंदौर में ही फंस गया। यहां एक परिजन पॉजिटिव थे। 28 मार्च को मेरी जांच कराई तो पॉजिटिव निकली। मुझे किसी तरह का तनाव नहीं हुआ। 1 अप्रैल को अरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हुआ। 10 को छुट्टी हो गई।
हॉस्पिटल में इलाज बहुत ही अच्छा हुआ। डॉक्टर ने सलाह दी है कि घर जाने के बाद भी एक-दो सप्ताह घर में अलग ही रहें। लॉकडाउन खुलने के बाद भोपाल जाऊंगा।
102 डॉक्टर इंदौर आएंगे, ग्रीन अस्पताल स्क्रीनिंग सेंटर बनेंगे
3. इंदौर में कोरोना नियंत्रण के लिए सीनियर अधिकारी भेजने के बाद शासन ने 102 डॉक्टरों की भी ड्यूटी इंदौर करने के आदेश जारी कर िदए। इसमें 70 डॉक्टर बांड भरने वाले और 32 नियमित डॉक्टर हैं, जो अन्य जिलों में पदस्थ हैं। वहीं ग्रीन जोन अस्पतालों में मरीजों को उपचार नहीं मिलने पर कलेक्टर ने कहा कि कोई भी अस्पताल मरीज के उपचार से मना नहीं कर सकता है। एेसा होने पर कानूनी कार्रवाई होगी। वहीं अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टॉफ के नहीं आने पर कलेक्टर ने कहा कि एक दिन का समय दिया है, रविवार तक अस्पतालों में सौ फीसदी उपस्थिति नहीं होती है तो नहीं आने वालों को गिरफ्तार कर अस्थाई जेल में डालेंगे। डॉक्टरों के प्रैक्टिस लाइसेंस रद्द होंगे। वहीं कलेक्टर ने कहा कि कर्मचारी बीमा निगम अस्पातल को यलो कैटेगरी में चिह्नित कर उपचार शुरू कर दिया गया है। सभी अस्पताल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह एक स्क्रीनिंग सेंटर बनाएं और जो मरीज अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, उनका इलाज किया जाए।
महिला में कोरोना लक्षण, खुद फोन कर एम्बुलेंस बुलाई
4. मूसाखेड़ी क्षेत्र में कोरोना का एक और मामला सामने आया है। यहां श्रीकृष्णा नगर की 30 वर्षीय महिला में कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद उन्हें गोकुलदास अस्पताल भेजा गया। महिला ने जागरूकता दिखाते हुए खुद ही फोन कर एम्बुलेंस बुलाई थी। उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि उसे सांस लेने में ज्यादा तकलीफ हो रही है। सर्दी-खांसी और बुखार भी है। इसके बाद पुलिस ने पूरा इलाका सील कर दिया है। महिला के परिवार में पति और तीन बच्चे हैं। हालांकि उन्हें घर में ही रहने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने परिवार के लोगों को 14 दिन के लिए घर में ही रहने को कहा है। परिवार वालों के भी सैंपल लिए जाएंगे। फिलहाल महिला का सैंपल लेकर लैब भेजा गया है। तीन दिन में रिपोर्ट आने की संभावना है। उधर, महिला के आसपास के घरों में लोगों ने खुद को बंद कर लिया है।
अरबिंदो में भर्ती 20 से 25 मरीज स्वस्थ हो चुके, पर अंतिम रिपोर्ट का इंतजार
कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या और मृत्यु के आंकड़ों के बीच राहत की बात ये है कि पॉजिटिव मरीज लगातार स्वस्थ हो रहे हैं। एमआर टीबी अस्पताल में भर्ती 8 मरीजों की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई गई है, ये रविवार को डिस्चार्ज होंगे। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी के मुताबिक, एमआर टीबी में भर्ती 11 अन्य मरीजों की भी पहली नेगेटिव रिपोर्ट आ गई है, संभवत: दो दिन बाद ये भी डिस्चार्ज होंगे। अरबिंदो अस्पताल में 20 से 25 मरीज स्वस्थ हो गए हैं। इनके भी सैंपल जांच के लिए भेज रहे हैं।
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