शहर को टेस्टिंग को लेकर शुक्रवार शाम एक बड़ी राहत मिल गई। मेडिकल कॉलेज को नई व पुरानी तकनीक से जांच करने वाली करीब तीन हजार किट उपलब्ध हो गई हैं। इसमें करीब 600 किट नई आटोमैटिक मशीन की हैं। बाकी पुरानी मैन्युअल तकनीक वाली किट हैं, जिसमें डेढ़ सौ सैंपल की हर दिन जांच हो सकती है। कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से एमआरटीबी अस्पताल की लैब से जांच की भी मंजूरी आ गई है। इस लैब में जांच के लिए जो कार्टेज लगती है, वह उपलब्ध हो गई है। इससे यहां पहले कम सैंपल की जांच करेंगे और फिर कार्टेज मिलने के साथ क्षमता बढ़ाकर सौ सैंपल तक जांच कर सकेंगे। वहीं मप्र शासन ने मान्यता प्राप्त निजी लैब से भी टेस्ट के लिए ढाई हजार रुपए प्रति टेस्ट दाम तय कर दिए, जिस पर अहमदाबाद की सुप्रा लैब तैयार हो गई है। इस लैब को शनिवार को ही 400 से 500 सैंपल जांच के लिए दिए जाएंगे। कमिश्नर ने बताया कि यह लैब 36 से 48 घंटे में जांच करके दे देगी। इन्हें पुराने सैंपल जांच के लिए दे रहे हैं, जिससे कि लंबित सैंपल का बैकलॉग खत्म हो जाए। वहीं, पुडुचेरी में भी जांच के लिए पुराने 606 सैंपल भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट तीन-चार दिन में आना संभावित है। रोटेशन में निजी लैब को सैंपल देते जाएंगे। इसके साथ ही एसआरएल को भी मंजूरी मिली है, लेकिन अभी उनके दाम पर मंजूरी नहीं आई है। वहीं कुछ और लैब संपर्क में हैं जो जांच के िलए तैयार हैं। इसके साथ ही अधिक क्षमता की ऑटोमैटिक पीसीआर मशीन और बेंगलुरू से हाईटेक मशीन आ रही है। इसके लिए किट का इंतजाम किया जा रहा है।
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