चिरायु कोविड सेंटर से शुक्रवार दोपहर 140 संदिग्धों को मैनिट के क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट करने के दौरान काफी हंगामा हुआ। ये लोग कॉन्टैक्ट हिस्ट्री के आधार पर चिरायु में क्वारेंटाइन किए गए थे। इनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पहले ही निगेटिव आ चुकी है। जब उन्हें मैनिट में फिर से क्वारेंटाइन करने के बारे में बताया गया तो वे हंगामा करने लगे। लोग उन्हें शिफ्ट करने के लिए बुलाई गई बसों के आगे बैठ गए। करीब सात घंटे तक उहापोह की स्थिति बनी रही। बारिश के बीच गर्भवती महिला और बुजुर्ग परेशान होते रहे। बाद में इन्हें समझा-बुझाकर बस से मैनिट भेज दिया गया। रात में उन्हें मैनिट के हॉस्टल नंबर 11 में शिफ्ट किया गया। इन लोगों का आरोप है कि इन्हें पहले घर भेजने काे कहा गया था। फिर मैनिट में कोरोना मुक्त होने का सर्टिफिकेट देकर छुटटी देने की बात कही गई। जब मैनिट भेजने की बात आई तो लोग भड़क गए। इन लोगों ने जब एक डॉक्टर पर दबाव डालकर पूछा तो उन्होंने बताया कि उनका क्वारेंटाइन पूरा नहीं हुआ है। हफ्तेेभर मैनिट में रहने के बाद छुट्टी देंगे। शेष | पेज 4 पर
हालांकि चिरायु में अभी भी 300 से ज्यादा संदिग्ध क्वारेंटाइन हैं। लगभग रोज ही तीन से पांच दिन की निगरानी के बाद निगेटिव रिपोर्ट वालों को अन्य सेंटर भेजा जा रहा है।
सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के फर्स्ट कांटेक्ट
क्वारेंटाइन से शिफ्ट किए गए सभी लोग कोरोना पॉजिटिव के फर्स्ट कॉन्टैक्ट हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों से यहां लाए गए थे। इनमें बैरागढ़ कैम्प नंबर 12 के 19 लोग भी शामिल थे। उन्हें 30 मई से यहां रखा गया था।
घंटों परेशान होते रहे
आरिफ खान, बैरागढ़ के मुताबिक, मेरी पत्नी काे आठ महीने का गर्भ है। हमें झूठ बाेलकर क्वारेंटाइन सेंटर से बाहर लाए। बारिश में भीगे और घंटाें खड़े रहने से पत्नी काे असहनीय पीड़ा हुई। अब मैनिट में रखा है, हम चाहते थे कि घर पर ही क्वारेंटाइन किया जाए।
मैनिट में इंतजाम नहीं
शाबिर खान, बैरागढ़के मुताबिक, पहले घर भेजने और फिर सर्टिफिकेट देने के बहाने मैनिट ले जाने की काेशिश की गई। पता चला ताे जबरन मैनिट में लाकर रख दिया है। यहां एक बाेतल पानी दिया है और साढे दस बजे तक खाना भी नहीं दिया गया है।
अभी पूरी तरह क्लीन चिट नहीं दे सकते
तरुण पिथोड़े, कलेक्टर के मुताबिक, चिरायु के आईसोलेशन सेंटर से संदिग्धों को क्वारेंटाइन सेंटर शिफ्ट करने के लिए डिस्चार्ज किया गया है। सभी की जांच रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई है। हालांकि पहली रिपोर्ट के आधार पर उन्हें क्लीनचिट नहीं दी जा सकती। कोई बाद में पॉजिटिव हो सकता है। इसलिए उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में ही रखा गया है।
तर्क... रिपोर्ट निगेटिव तो घर में क्वारेंटाइन क्यों नहीं किया
लाेगाें का कहना था कि वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं, उनमें किसी तरह के लक्षण नहीं है, उनकी जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी है। प्रशासन उन्हें घर भेज दे, वे घर में क्वारेंटाइन हाे जाएंगे। लेकिन, जिम्मेदार इसके लिए तैयार नहीं थे। शाम करीब सात बजे तक हंगामा चलता रहा।
तीन दिन में लक्षण नहीं आने पर कर देते हैं शिफ्ट
-डाॅ. अजय गाेयनका, डायरेक्टर, चिरायु अस्पताल के मुताबिक, पाॅजिटिव मरीज के फर्स्ट कांटैक्ट वाले लाेगाें काे क्वारेंटाइन में रखकर सैंपल लिए जाते हैं। इनकी सतत निगरानी की जाती है ताकि किसी मरीज की तबीयत बिगड़े ताे उसका तुरंत इलाज शुरू किया जा सके। तीन दिन में काेई लक्षण नहीं आने और रिपाेर्ट निगेटिव आने पर प्रशासन की ओर से बनाए गए 15 में से किसी भी क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट किया जाता है। शुक्रवार को भी यही किया जा रहा था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2XBhUxX
via IFTTT