
अनलाॅक वन शुरू हाेते ही साेमवार काे शहर में पहला विवाह हुआ। यह विवाह दिलावरा राेड स्थित कब्रिस्तान के पास हुआ। यहां बामंदा का मुकेश धार की सपना के साथ ब्याह रचाने के लिए पहुंचा। दुल्हन के घर दिलावरा राेड जाने से पहले दूल्हे मुकेश की चिकित्सकाें ने स्क्रीनिंग की। इसके साथ ही गाड़ी काे सैनेटाइज किया गया। फिर दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचा। ना बैंड, ना घाेड़ी। साथ में सिर्फ 15 बाराती और दुल्हन पक्ष के 15-20 लाेग। रस्म अदायगी के दाैरान भी पंडित ने दूल्हा-दुल्हन काे मास्क पहनवाया, साेशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया।
दरअसल धार निवासी सपना पिता राधेश्याम व नागदा कानवन के समीप गांव बामंदा निवासी मुकेश पिता जगन्नाथ की सगाई जनवरी के पहले सप्ताह में हुई थी। इनकी शादी का मुहूर्त आखातीज पर निकला था, लेकिन काेराेना संक्रमण के चलते लाॅकडाउन था। ऐसी स्थिति में तब दाेनाें पक्षाें के लाेगाें ने निर्णय लेते हुए विवाह स्थगित कर दिया। इसके बाद विवाह की अगली तारीख 1 जून निकली। तब दाेनाें पक्षाें के लाेगाें ने विवाह की अनुमति के लिए एसडीएम काे आवेदन दिए। प्रशासन ने आवेदन स्वीकृत करते हुए लाॅकडाउन नियमाें की शर्त पर विवाह की अनुमति दी। साेमवार काे मुकेश बामंदा से बारात लेकर लेकर रवाना हुआ। धार पहुंचते ही घाेड़ा चाैपाटी पर मुकेश व बाकी बारातियाें की स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद गाड़ी सैनिटाइज की गई। तब सभी काे आगे जाने दिया गया।
दुल्हन काे मास्क पहनाया, फिर पूजन की विधि की
विवाह पूजन की विधि के दाैरान दुल्हन मास्क पहनना भूल गई थी। तब पंडित ने सबसे पहले दुल्हन काे मास्क पहनवाया। पुजारी ने भी रूमाल बांध रखा था। विवाह के साक्षी बने बाराती और दुल्हन के पक्ष सभी लाेग मास्क पहने बैठे थे। बारात सुबह 11 बजे पहुंचना थी, लेकिन किसी कारणवश बारात दाेपहर 1 बजे पहुंची। दाेपहर करीब 2 बजे के बीच मुकेेश अाैर सपना के फेरे हुए।
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