लॉकडाउन के कारण तीन माह देरी से 1 जुलाई से नई गाइड लाइन लागू हो गई। इसमेंदो साल पहले की गई गलती को सुधारते हुए अधिकारियों ने वर्ष 2017-18 मेंविलुप्त किए गए काशीनगर व विवेकानंदनगर को फिर से गाइड लाइन का नया क्षेत्र बना लिया। क्षेत्र के नाम के साथ ही अफसराेंने दो साल पुरानी दरेंभी ऐसे ही दर्ज कर दी। इस कारण यहां के लोगाेंको पिछले साल प्रदेशभर मेंघटाई 20 प्रतिशत दर का फायदा नहीं मिल सका।
इधर, पक्के मकान की खरीदी पर भी अब 20 प्रतिशत की बढ़ाेतरी हो गई। इस कारण अब लोगों को पक्के मकान खरीदना महंगा पड़ जाएगा। पहले की तुलना अब उन्हें20 प्रतिशत ज्यादा शुल्क चुकाना पड़ेगा। इतना ही नहीं पंजीयन शुल्क मेंलॉकडाउन के दौरान की गई 0.5 प्रतिशत की छूट भी पुरानी गाइड लाइन के साथ खत्म कर दी गई। ऐसे में1 जुलाई से अब पंजीयन शुल्क फिर 2.5 प्रतिशत से बढ़कर 3 प्रतिशत लगना शुरू हो गया। इसके अलावा शहर के अन्य इलाकाेंमेंनई गाइड लाइन का ज्यादा असर नहीं पड़ा। यहां पक्के मकानाेंको छोड़ पुरानी दर के हिसाब से ही शुल्क लगेगा। में
जिन दो इलाकों को जोड़ा, उसमेंदो बड़ी चूक भी सामने आई
शहर के जिन दो क्षेत्र विवेकानंदनगर व काशीनगर को गाइड लाइन 2020-21 मेंजोड़ा है। उनमेंविवेकानंदनगर को वार्ड 28 में दर्शाया गया है, जबकि उक्त कॉलोनी शहर के वार्ड 13 मेंआती है। इस गलती के कारण लोगों को यहां खरीदी-बिक्री के बाद नामांतरण में दिक्कतंे आएंगी। उन्हें नगर पालिका वार्ड 28 का नामांतरण करेगी, जबकि वे निवासी वार्ड 13 के रहेंगे। ऐसे ही बैंक फाइनेंस के दौरान भी इसे लेकर अड़चन पैदा हो सकती है।
इसलिए फायदा नहीं मिला
दोनों ही क्षेत्रों की दरें वर्ष 2017-18 मंे सबसे हाई थी। 18-19 मंे इन्हें विलुप्त कर दिया गया। इसके एक साल बाद वर्ष 2019-20 मंे सरकार ने पूरे प्रदेश की गाइड लाइन मंे 20 प्रतिशत की कटौती कर दी। उस समय दोनों क्षेत्रों के नाम नहीं थे। इधर, इस साल इन क्षेत्रों को अधिकारियांे ने पुरानी दर के साथ ही जोड़ दिया, जो 2017-18 मंे तय थी, यानी बीच मंे 20 प्रतिशत घटी दर यहां लागू नहीं हो सकी।
यहां सुधार किया
शहर से लगे दिल्लौद रोड क्षेत्र के ग्राम बायड़ा वाले हिस्से मंे वर्ष 2017-18 मंे तात्कालीन अधिकारियों ने एकदम 100 प्रतिशत बढ़ोतरी करते हुए 100 रुपए स्क्वेयर फीट के बजाए सीधे 1 हजार रुपए कर दिया गया। इस कारण उक्त क्षेत्र मंे इसके बाद से यहां की रजिस्ट्री ही नहीं हो सकी। इस बार इसमंे सुधार करते हुए अधिकारियांे ने बायड़ा के उक्त हिस्से की पुरानी दरें ही तय कर दी है।
ऐसे समझें कैसे होगा घाटा
शहर के काशीनगर के दो रेट तय किए गए हैं। मुख्य मार्ग पर 12 हजार और मुख्य मार्ग के अंदर 10 हजार 400 रुपए वर्ग मीटर तक कर दिया गया है। इस हिसाब से आमजन को यहां प्लॉट खरीदने पर मुख्य मार्ग पर 1115 रुपए और मुख्य मार्ग के अंदर के लिए 1022 रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से शुल्क चुकाना पड़ता है। यहां एक हजार स्क्वेयर फीट के प्लॉट पर मुख्य मार्ग पर 1 लाख 40 हजार और अंदर के लिए 1 लाख 28 हजार रुपए खर्च आता है। यदि उक्त गाइड लाइन की दरंे 20 प्रतिशत कम करके तय की जाती तो यहां दरें 9600 और 8800 रहती। ऐसा होने पर आमजन को एक हजार स्क्वेयर फीट के प्लाॅट पर 1 लाख 11 हजार और अंदर के लिए 1 लाख 2 हजार रुपए लगते। यानी सीधे आमजन को 25 से 30 हजार रुपए का बोझ रहेगा।
पंजीयन शुल्क भी 3 प्रतिशत
लॉकडाउन के दौरान राज्य शासन ने पंजीयन शुल्क में 0.5 प्रतिशत छूट दे दी थी, लेकिन 1 जुलाई से लागू हुई नई गाइड लाइन मंे इस छूट काे खत्म कर दिया गया है। यानी अब पंजीयन शुल्क फिर वहीं 3 प्रतिशत के हिसाब से लगना शुरू हो गया।
हकीकत ये भी : रजिस्ट्री पर भी 68 हजार ज्यादा पड़ रहे
अभी तक हम बात सिर्फ कागजी रिकाॅर्ड के हिसाब से कर रहे थे। वास्तविकता तो बिलकुल ही अलग है। वास्तविक रूप से प्लॉट की सौदेबाजी यहां मुख्य मार्ग पर 800 और अंदर के लिए 500 रु. मंे ही होती है। यदि इस मान से स्टॉम्प शुल्क लिया जाए तो मुख्य मार्ग पर एक हजार स्क्वेयर फीट के प्लॉट पर 1 लाख रु. और अंदर के लिए महज 62 हजार रु. ही खर्च हांेगे। लोगों को यहां एक हजार स्क्वेयर फीट के प्लॉट की रजिस्ट्री पर मुख्य मार्ग पर 40 हजार और अंदर के प्लॉट के लिए 68 हजार रु. ज्यादा चुकाना पड़ रहे हैं।
भास्कर की खबरांे को आधार मान जोड़े विलुप्त क्षेत्र
दो साल पहले अधिकारियों द्वारा विलुल्प किए गए विवेकानंद व काशी नगर को लेकर भास्कर ने प्रमुखता से मुद्दा उठाया। ग्राम बायड़ा मंे अचानक बढ़ाए गए 100 प्रतिशत दरों की बात भी अधिकारियांे के सामने रखी। हालांकि उस साल गाइड लाइन लागू हो गई और सुधार होना संभव नहीं हो सका, लेकिन भास्कर की उक्त खबरों को लेकर अफसरांे ने वर्ष 2019-20 मंे फिर सुधार करते हुए प्रस्ताव तैयार किया। हालांकि इस दौरान राज्य सरकार ने सभी जिलों की गाइड लाइन को छूए बगैर ही एक साथ पूरे प्रदेश मंे 20 प्रतिशत दरें कम कर दी। इस कारण सुधार नहीं हाे सका। इस बार नए सिरे से गाइड लाइन के प्रस्ताव तैयार करते समय अधिकारियांे ने भास्कर की खबरांे को आधार मानते हुए न सिर्फ विवेकानंद व काशीनगर क्षेत्र को फिर से गाइड लाइन मंे जोड़ा, बल्कि बायड़ा के बढ़े हुए दाम भी फिर घटा दिया।
पुरानी दरें इस साल लगाने से कटौती में नहीं होगा फायदा
^भास्कर की खबरांे के आधार पर दो साल पहले विलुप्त हुए दोनों क्षेत्रों को इस साल फिर गाइड लाइन मंे शामिल कर लिया है। बायड़ा वाले हिस्से की दरों में सुधार करते हुए पहले की तरह की कर दी गई है। रही बात विवेकानंद नगर व काशी नगर को पिछले साल हुए 20 प्रतिशत दरों में कटौती के फायदे की। तो वाकई ऐसा हो सकता है, क्योंकि चलन मंे चल रहे क्षेत्र के दौरान उसी समय की दरंे उठाकर इस साल लगाई है। - कोविंद स्वामी, जिला पंजीयक शाजापुर
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