संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में लगातार दूसरे दिन कोरोना संदिग्ध पाया गया। रविवार को मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के संयंत्र सहायक को सर्दी, खांसी होने पर संदिग्ध मानकर कोविड केयर सेंटर में भेजा गया। इस कर्मचारी को सेंपल लेने के बाद होस्टल में रखा गया था। शनिवार को ही उसे अन्य क्वारेंटाइन लोगों के साथ अस्थायी कॉलोनी में शिफ्ट किया गया था। रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य अमला उसे खंडवा ले गया। इस रिपोर्ट के बाद शिवरिया टाउनशिप में रहने वाले एमपीपीजीसीएल के करीब 1000 परिवारों में चिंता बढ़ गई है। मरीज के परिवार को होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है।
दो दिन में विश्वास कंपनी के चार कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। एमपीपीजीसीएल सूत्रों के अनुसार कंपनी ने सिंगाजी परियोजना में जब काम शुरू किया तब बिहार-यूपी से कर्मचारी लेकर आए थे। इनमें से 10-12 लोग पहले से बीमार थे। इसके बावजूद इन्हें स्वास्थ्य परीक्षण होने का प्रमाण पत्र दिया गया है। इन्हीं कर्मचारियों के कारण परियोजना में संक्रमण की शुरूआत हुई है। शिवरिया टाउनशिप में कोरोना संक्रमण का रविवार को पहला मामला सामने आया है। रविवार को टाउनशिप में सन्नाटा पसरा हुआ था।
गार्ड करता है स्क्रीनिंग, संयंत्र सहायक का ब्लाक सील
परियोजना में सुबह प्रवेश करते समय मेन गेट पर सुरक्षा गार्ड मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग करते हैं, जबकि एमपीपीजीसीएल के पास खुद का स्वास्थ्य अमला है। ईडी सहित कई अन्य वरिष्ठ अफसर अब चिंता में पड़ गए हैं। कुछ अफसर तो अवकाश लेने पर भी विचार कर रहे हैं। अगर रोजाना पॉजिटिव मरीज निकलते गए तो बिजली उत्पादन बंद करने की नौबत आ सकती है। रविवार को बीएमओ, तहसीलदार, टीआई सहित अन्य अफसर टाउनशिप पहुंचे और एक बार फिर अफसरों को निर्देश दिए। संयंत्र सहायक जिस ब्लाक में रहता है उसे सील कर दिया गया है।
5 सेंपल और भेजे हैं
^शनिवार को 3 व रविवार को एक कर्मचारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 5 लोगों के सेंपल भेजे गए हैं। यह सभी होम क्वारेंटाइन हैं। सभी को घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है।
डॉ. रामकृष्ण इंगला, बीएमओ, मूंदी
कैदियों जैसा व्यवहार... भोजन-पानी को तरस गए क्वारेंटाइन कर्मचारी
परियोजना में कोरोना पॉजिटिव लोगों से संपर्क में आने वाले 48 लोगों को शनिवार शाम अस्थायी कॉलोनी में क्वारेंटाइन किया गया था। रविवार को यह लोग भोजन-पानी के लिए भटकते दिखाई दिए। इन लोगों के लिए मात्र तीन केन पानी (60 लीटर) रखा गया था, जो 12 बजे तक ही समाप्त हो गया। कई कर्मचारी बोतल लेकर भटकते दिखे। कुछ कंपनियों ने तो अपने कर्मचारियों को भोजन तक नहीं पहुंचाया। इन लोगोें का कहना था कि हमसे कैदियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। एमपीपीजीसीएल, विश्वास इंजीनियरिंग, कृष्णा कंपनी व बीएचईएल कंपनियों द्वारा इन लोगों की सुध नहीं ली गई। तहसीलदार सीमा मौर्य ने कहा अस्थायी कॉलोनी में क्वारेंटाइन लोगों को भोजन-पानी क्यों नहीं मिला इसकी जानकारी लेती हूं।
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