शिक्षा जगत में निजी स्कूलों के शिक्षकों को अब कोरोना की मार आर्थिक तंगी के रूप में झेलनी पड़ रही है। शहर में कई स्कूल पहले ही शिक्षकों की छंटनी करने आैर वेतन कम करने की कार्रवाई शुरू कर चुके हैं। हाल ही में एक निजी स्कूल प्रबंधन ने अपने स्कूल के 23 शिक्षकों को बाहर कर दिया है।
देवास रोड स्थित निजी स्कूल के 23 शिक्षकों की सेवाएं शिक्षा सत्र 2020-21 से समाप्त कर दी हैं। शहर में इस स्कूल प्रबंधन की दो ब्रांच हैं। इधर स्कूल प्रबंधन ने इसके पीछे तर्क दिया कि कई शिक्षकों को कांट्रेक्ट के अनुसार एक सेशन (एक शिक्षा सत्र) के लिए ही रखा था। उनका सेशन समाप्त हो गया है आैर इसे रिन्यू नहीं किया है। इसलिए कांट्रेक्ट के अनुसार स्वत: ही इस सत्र से उनकी सेवाएं समाप्त हो चुकी हैं। जिन शिक्षकों ने ऑनलाइन वर्क किया था, वे अब शेड्यूल के आधार पर स्कूल आ रहे हैं आैर उन्हें नियमानुसार वेतन भी दिया जा रहा है। इधर कई स्कूल प्रबंधन ने नए एडमिशन नहीं होने आैर आर्थिक कारणों का हवाला देते हुए शिक्षकों के वेतन काटना भी शुरू कर दिए हैं। नीलगंगा स्थित एक समिति ने अपने पांच स्कूल व कॉलेज इकाई के शिक्षकों के वेतन में 30 से 50 प्रतिशत तक की कटौती की है।
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