30 जून की रात 12 बजे यानी मध्य रात्रि से रेत के उत्खनन पर प्रतिबंध (रोक) के बावजूद बागडोंगरी खदान में एक जुलाई की सुबह 10 बजे तक रेत के अवैध उत्खनन किए जाने का मामला अभी सरगर्म है। इस सरगर्म मामले के बीच एक और नया मामला सामने आया हैे। कमोबेश यह मामला भी कलेक्टर के निर्देशों की अवहेलना से जुड़ा है।
मामला रेत उत्खनन पर प्रतिबंध के बाद खदान के पास गांव में मौजूद मशीनों व अन्य साजो-सामान से जुड़ा है, जिसे अब तक हटाया नहीं गया है। यहां बता दें कि जिले की रेत खदानों का ठेका लेने वाली जय महाकाल एसोसिएट्स द्वारा प्रतिबंध के बावजूद बागडोंगरी में रेत का उत्खनन किए जाने की बात सामने आने पर कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग ने बुधवार शाम कहा था कि मशीनें खदानों के आसपास से हटवाई जाएंगी, ताकि उनका गलत तरीके से इस्तेमाल न किया जा सके। 48 घंटे बाद भी कलेक्टर के कहे पर अमल न तो जय महाकाल एसोसिएट्स ने किया और न ही खनिज महकमे ने इस दिशा में कोई कदम उठाया। शुक्रवार को भी खदान के पास बागडोंगरी में जेसीबी व पोकलेन खड़ी रहीं। उत्खनन पर एक अकटूबर तक रोक के बावजूद ठेका कंपनी द्वारा खदानों के आसपास से अपनी मशीनें नहीं हटाए जाने को लेकर ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि रात के अंधेरे में अवैध खनन करने फिर से मशीनें धनई नदी में उतारी जा सकती हैं।
जब्त मशीनें भी नहीं हटा पाया विभाग
कलेक्टर को की गईं अवैध उत्खनन की शिकायतों के बाद खनिज विभाग का अमला मशीनों की जब्ती के लिए मजबूर तो हुआ लेकिन इन्हें भी थाना जैसी सुरक्षित जगह पर नहीं पहुंचाया गया। 16 व 29 जून को जब्त की गईं तीनों पोकलेन मशीनें भी वहीं मौजूद हैं। इसमें से 16 जून को बागडोंगरी में जब्त की गई एक पोकलेन मशीन से रेत का खनन किए जाने के फोटो-वीडियो भी वायरल हो चुके हैं।
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