चेक बाउंस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी व अन्य कारणों से अब बिजली कंपनी अगस्त से बिजली बिलों का पेमेंट चेक से नहीं लेगी। खाते में राशि नहीं होने के बाद भी उपभोक्ताओं द्वारा हजारों कीसंख्या में चेक कंपनी को दिए जाते हैं, जो बाउंस हो जाते हैं।
ऐसे में हर माह कंपनी को लाखों रुपए का नुकसान होता है। कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास नरवाल ने बताया कि बड़े उपभोक्ता तो अभी भी पेमेंट नेफ्ट या आरटीजीएस से ही करते हैं। छोटे उपभोक्ता एमपी ऑनलाइन, एनआईसीटी, पेटीएम, फोन पे, गूगल पे, एयरटेल मनी, कंपनी के सभी 450 कार्यालय पर नकद या कियोस्क के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं। कंपनी क्षेत्र में हजार से ज्यादा डोर टू डोर कलेक्शन एजेंट, 55 सहज भुगतान सेवा वाहन के माध्यम से भी बिल भरा जा सकता है। यदि उपभोक्ता स्वयं घर बैठे मोबाइल, टैबलेट या कम्प्यूटर से कैशलेस बिल भरता है, तो एलटी उपभोक्ता को हर माह हर बिल पर 5 से 20 रुपए तक व एचटी उपभोक्ता को 1000 रुपए तक कैशलेस प्रोत्साहन मिलता है। अन्य पेमेंट माध्यम बढ़ने से वैसे भी चेक की उपयोगिता कम होती जा रही थी।
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