अकोदिया के पुलिसकर्मी सहित शुजालपुर अनुभाग में 5 नए पॉजिटिव मिले है। अब तक कोरोना ग्रसित शुजालपुर के 56 संक्रमितों में 3 की मौत हुई , 13 ठीक हुए और 40 का उपचार जारी है। कुल संक्रमितों में से 55 फीसदी संक्रमण 30 वर्ष से कम व 50 से अधिक आयु वर्ग में फैला।
शुजालपुर के सिविल अस्पताल व कोविड-19 सेंटर छात्रावास में 32, घर में विशेष परिस्थिति में रखे गए 2, भोपाल में 1, शाजापुर में 5 रोगियों का उपचार जारी है। संक्रमण का शिकार हुए सभी 56 मरीजों का उम्रवार आकलन करने पर सामने आया कि सबसे ज्यादा संक्रमण 11 से 30 वर्ष की आयु के किशोर व युवाओं में फैला है। शुजालपुर में कुल 40 फीसदी मरीज इसी आयु वर्ग के हैं। इसके अलावा हाई रिस्क एज ग्रुप के 10 वर्ष से कम व 50 वर्ष से अधिक आयु के कुल 9 मरीज यानी करीब 16 फीसदी रोग पूर्व से दी गई चेतावनी के बाद भी घर से निकलने के कारण संक्रमित हुए हैं।
अकोदिया नाका स्थित शासकीय छात्रावास में बनाए गए 70 बिस्तर के कोविड-19 सेंटर में 23 रोगी उपचाररत हैं। इनमें से किसी को कोई भी रोग लक्षण नहीं है। 9 मरीज सिविल अस्पताल सिटी के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है। भोपाल में 1, शाजापुर में 5 रोगी उपचाररत हैं। नवजात के साथ होने से 1 संक्रमित मां व एक 11 माह के नवजात को विशेष परिस्थितियों में घर रहने के लिए अनुमति दी गई है।
बारिश में संक्रमण का प्रभाव अधिक रहता है। डॉ. राजेश तिवारी ने बताया कि बारिश में पानी को उबालकर-छानकर पीना चाहिए। खुले में रखी हुई चीजें खाने से बचे। कुनकुना पानी पीकर गले को साफ रखें। सर्दी-खांसी-जुकाम, बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। कोरोना की जांच का सैंपल देने में लोग डरे नहीं। सैंपल देने का यह मतलब नहीं होता कि हर सैंपल पॉजिटिव आएगा। पॉजिटिव रोगियों को भी पूरी सुविधा व देखरेख के साथ अस्पताल में रखा जाता है।
दो वजह...जिसने फैलाया संक्रमण
पहली: मुझे नहीं होगा कोरोना- मुझे कोरोना नहीं होगा, हर आदमी की इस सोच ने ही संक्रमण को शुजालपुर में फैला दिया है। ग्राम जामनेर निवासी मदरसा शिक्षक ने इंदौर से जामनेर आकर संक्रमण का खाता खोला। इंदौर से शुजालपुर आई 23 वर्षीय प्रसूता के परिजनों ने संक्रमित होने के बाद भी प्रशासन से बेटी के इंदौर से आने की हिस्ट्री छुपाई, इस परिवार के 7 सदस्य कोरोना संक्रमित हैं। मृत हुए दिल्ली में कार्यरत शासकीय कर्मचारी ने भी फ्लाइट से आने की जानकारी उपचार के दौरान छुपाई और इस परिवार के एक सदस्य की मौत हो गई।
दूसरी: मास्क को जरूरी नहीं मजबूरी माना यह भी एक वजह- संक्रमित हुए 56 लोगों में से कई लोगों से भास्कर ने चर्चा की तो सामने आया कि संक्रमित होने से पहले सभी ने मास्क को जरूरी नहीं बल्कि मजबूरी माना। अधिकांश समय मास्क नहीं पहना तथा हाथ धोने की आदत न होने से संक्रमण का शिकार हुए।
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