जिला अस्पताल में ओपीडी के पास लगाया गेट मरीजाें के लिए मुसीबत बन रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने गेट पर सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी लगाई है, लेकिन यहां से गार्ड नदारद रहता है। गेट बंद रहने से एंबुलेंस ट्रामा सेंटर तक नहीं जा पाती। मरीजाें काे ट्रामा सेंटर से एंबुलेंस तक स्ट्रेचर पर ले जाया जा रहा है।
काेराेना के चलते जिला अस्पताल प्रबंधन ने ओपीडी कैंटीन के सामने शिफ्ट कर दी है। इसके पास ही गेट भी बनाया गया है। यहां सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी लगाई है। ताकि एंबुलेंस काे अंदर तक जाने दिया जा सके, कर्मचारी नदारद रहने से गेट नहीं खुलता। एंबुलेंस काे केस गेट के बाहर ही खड़ा रहना पड़ता है। अटेंडर स्ट्रेचर या व्हील चेयर से मरीज काे लेकर एंबुलेंस तक पहुंचते हैं। फिर एंबुलेंस केस लेकर रवाना हाेती है। जिससे समय बर्बाद होता है, साथ ही मरीज की जान काे भी खतरा रहता है।
एंबुलेंस कर्मचारियाें ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया 12 जुलाई काे लेबड़ में हुए हादसे में घायल काे जिला अस्पताल धार से इंदाैर रैफर किया गया था, गेट बंद हाेने से एंबुलेंस मेल सर्जिकल वार्ड तक नहीं जा पाई। मरीज काे लेकर गेट के उस तरफ मेल सर्जिकल वार्ड की तरफ खड़ा अटेंडर मरीज का स्ट्रेचर लेकर गेट तक पहुंचा। यहां से उसे एंबुलेंस में शिफ्ट कर इंदाैर ले जाया गया। कर्मचारियाें ने बताया वे डिलीवरी केस लेकर भी पहुंचते हैं। एंबुलेंस को गेट के अंदर नहीं जाने दिया गया ताे इसका खामियाजा गर्भवती काे भुगतना पड़ सकता है। जिला अस्पताल की पार्किंग व्यवस्था काे लेकर भी काेई निर्णय नहीं हुअा है। गेट की वजह से लाेग बेतरतीब वाहन खड़े कर रहे हैं।
गेट पर सुरक्षा गार्ड के साथ कांस्टेबल भी ड्यूटी देगा
मैंने ओपीडी पहुंचकर स्थिति देखी थी। यहां गेट पर ड्यूटी दे रहा सुरक्षा गार्ड माेबाइल चलाते हुए मिला था। मैंने फटकार लगाई है। अधीनस्थाें से सुरक्षा गार्ड के साथ पुलिस कांस्टेबल की भी ड्यूटी भी लगाने काे कहा है। गेट के अंदर एंबुलेंस काे प्रवेश नहीं देने की बात अापसे पता चली है। जाे गलत है। एंबुलेंस को हाल में प्रवेश दिया जाना चाहिए।
अनुसुईया गवली, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, धार
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