20 जुलाई को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इस बार हर्षण योग, पुनर्वसु नक्षत्र, श्रावण सोमवार हाेने अमावस्या खास मानी गई है। साेमवार काे अमावस्या हाेने से यह साेमवती अमावस्या भी कहलाई जाएगी। हरियाली अमावस्या पर पांच ग्रह अपनी ही राशियों में रहेंगे। पांच गृहाें के स्वगृही होने से इस दिन किया गया स्नान, दान पुण्य अाैर पाैधाराेपण करना फलदायी हाेगा।
ज्याेतिषाचार्य डाॅ. अशाेक शास्त्री ने बताया यह संयाेग 15 साल बाद बना है। इससे पहले 2004 में सावन महीने में अधिक मास के दाैरान साेमवार काे अमावस्या अाई थी। तब दाे बार साल महीना पड़ा था। दूसरे सावन में यह याेग बना था। इससे पहले 31 जुलाई 2000 में साेमवती अाैर हरियाली अमावस्या एक साथ थी। इस साल हरियाली अमावस्या के दिन चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि अपनी राशियों में रहेंगे। ग्रहों की इस स्थिति का शुभ प्रभाव राशियों पर रहेगा।
पाैधाराेपण करना शुभ
डाॅ. शास्त्री के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन पाैधाराेपण करने से ग्रह दाेष शांत हाेते है। अमावस्या तिथि का संबंध िपतृाें से भी माना जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन पौधारोपण करने से पितृ तृप्त रहते है। राशि नक्षत्र ग्रहों के अनुसार पाैधे लगाने से सेहत, धन, स्वभाव, आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती हैं।
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