देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबद्धता प्राप्त नौ लॉ कॉलेजों की मान्यता बहाल कर दी गई है। शासन ने पिछले साल बीसीआई (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) द्वारा जारी मान्यता को ही मान्य कर दिया है। इसके साथ ही लॉ कॉलेजों में एडमिशन पर मंडरा रहा संकट खत्म हो गया है। अब यूनिवर्सिटी भी बिना निरीक्षण संबद्धता जारी कर रही है। इंदौर के सभी लॉ कॉलेजों में ऑनलाइन एडमिशन के लिए बुधवारे रजिस्ट्रेशन शुरू होंगे। 28 अगस्त को पहली सूची आएगी।
दरअसल, कोरोना संकट के चलते बीसीआई की टीम मान्यता के लिए ज्यादातर कॉलेजों में निरीक्षण नहीं कर पाई थी। कोरोना संकट के चलते बीसीआई की मुख्य कमेटी की बैठक लंबित थी। इस कारण शासन ने अनुमति और यूनिवर्सिटी ने संबद्धता रोक दी थी। ‘भास्कर’ ने यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। उसी के बाद शासन ने यह निर्णय लिया। इंदौर में 12 लॉ कॉलेजों में 12 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं। करीब 6 हजार नए एडमिशन होना हैं। इन कॉलेजों में बीए एलएलबी, एलएलबी, एलएलएम और बीकॉम एलएलबी जैसे कोर्स हैं।
मान्यता मिलने से 12 हजार पुराने छात्रों का संकट टला
खास बात यह है कि इन कॉलेजों को मान्यता मिलने से बीए एलएलबी, बीकॉम एलएलबी, एलएलबी और एलएलएम के 12 हजार पुराने विद्यार्थियों को भी फायदा मिलेगा। क्योंकि नौ कॉलेजों की मान्यता अटकने से सेकंड ईयर से लेकर अंतिम सेमेस्टर तक के इन छात्रों का भविष्य भी संकट में पड़ गया था। अब इन्होंने राहत की सांस ली।
लॉ कॉलेजों में हर साल होते हैं पांच हजार से ज्यादा एडमिशन
हर साल लॉ कालेजों में 5 हजार से ज्यादा एडमिशन होते हैं। इसमें देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से संबद्धता प्राप्त सारे लॉ कॉलेजों की सीटें शामिल हैं। लेकिन 12 में से 9 कॉलेजों को मान्यता नहीं दी गई थी। इससे नई सीटों का संकट खड़ा हो गया था। चूंकि मालवा-निमाड़ के ज्यादातर छात्र लॉ की पढ़ाई के लिए इंदौर ही आते हैं। यदि इन कॉलेजों को मान्यता नहीं मिलती तो एडमिशन के लिए सीटों की मुश्किल हो जाती। अब लगभग तीन हजार सीटों का फायदा होगा, जिससे एडमिशन में आसानी होगी।
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