
कोरोना से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 15 दिन में जो सामग्री मांगी थी, उसके टेंडर ही 9 दिन तक अटके रहे। इसमें अमले के लिए जरूरी पीपीई किट, मास्क और वेंटिलेटर से जुड़ी आवश्यक सामग्री सहित दवाइयां भी शामिल हैं। कुल 100 करोड़ रुपए की खरीदी होना है। विभाग में मंत्री के आते ही गुरुवार को टेंडर तो खुले गए, लेकिन देरी के कारण डॉक्टर्स-नर्स के साथ ही मरीजों को भी आपूर्ति के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। मप्र पब्लिक हेल्थ सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीपीएचएससीएल) ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए 9 अप्रैल को बताया कि 10 अप्रैल को सुबह 10 बजे टेंडर बुलाए जाएंगे। इसके लिए 4 दिन का वक्त दिया गया। 14 अप्रैल शाम 5 बजे टेंडर क्लोज कर दिया गया था। टेंडर प्रकिया में 111 कंपनियां शामिल हुई थीं।
अब शुरू होगी प्रक्रिया...लेकिन स्वास्थ्य अमले को अभी और करना होगा इंतजार
15 दिन में करना होगी आपूर्ति
खरीदी के लिए बुलाए गए टेंडर में मप्र पब्लिक हेल्थ सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कंपनियों के समक्ष शर्त रखी है कि वर्क ऑर्डर जारी होने के 15 दिन के भीतर सामग्री की आपूर्ति करना होगी। यदि वह ऐसा नहीं कर पाया तो 15 दिन बाद उसे 5 फीसदी पैनल्टी देना होगी। पैनल्टी लगने के 15 दिन बाद भी आपूर्ति नहीं हो पाई तो 10 फीसदी पैनल्टी लगाई जाएगी।
सप्लाई में आएगी ये परेशानी
कोरोना से बचाव में लगे अमले के लिए पीपीई किट्स की प्रदेश में कमी है। एक लाख पीपीई किट आने में देरी होगी, जिसका असर इलाज में भी पड़ेगा। मास्क, ग्लव्स व अन्य सुरक्षा उपकरणों की सप्लाई में देरी होने से मुश्किल बढ़ेंगी। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में गंभीर पीड़ितों के लिए वेंटीलेटर की जरूरत भी बढ़ेगी। 200 वेंटिलेटर भी खरीदना है।
एमपीपीएचएससीएल ने टेंडर के बाद... इन कंपनियों को किया अधिकृत
एमपीपीएचएससीएल ने टेंडर के बाद कम रेट देने वाली कंपनियों को सामग्री की आपूर्ति के लिए अधिकृत किया है। इसमें हेल्थकेयर मेडिकल डिवाइसेस प्रालि., मेडिनोवा, इनोवेटिव लिनेन को. प्रालि., पीडी पॉलिएस्टर प्रा.लि., सुरेश मेडिकल स्टोर, बायोमेड इंस्ट्रूमेंट्स, एओवी इंटरनेशनल एलएलपी, इन विट्रोजन बायोसर्विस इंडिया प्रालि., एसके ट्रेडर्स, अंजना इंटरनेशनल इंडस्ट्रीज, स्टेरी इक्विप सोलूशन प्रालि. और हनी इंटरप्राइजेज ईएस।
टेंडर खोल दिए हैं, अब संस्थाएं वर्कऑर्डर जारी करेंगी
जब हेल्थ सामग्री कोविड-19 से जुड़ी है तो इसके टेंडर खोलने में देरी क्यों हुई?
टेंडर मिलने के बाद तकनीकी समिति उनका अध्ययन करती है। इसी में वक्त लगा।
क्या मंत्री बनने का इंतजार किया?
नहीं, मैंने आपसे कहा कि तकनीकी समिति सभी पहलुओं को देखती है।
क्या सामग्री आने में भी देर होगी?
हमने रेट तय करने वाले टेंडर खोल दिए हैं। शुक्रवार को ये वेबसाइट पर डलेगा। अब संबंधित संस्थाएं वर्क ऑर्डर जारी करेंगी। सामग्री तेजी से आएगी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2xTGkc9
via IFTTT