शहर में अब गर्मी अपना असर दिखा रही है। दोपहर में सामान्य कपड़ों में भी व्यक्ति गर्मी व पसीने से परेशान हो जाता है। ऐसे में खाकी वर्दी के ऊपर हमारी पुलिस पीपीई किट पहनकर शहर की सीमाओं पर तैनात है। छह-छह घंटे तक यह लोग पीपीई किट पहनकर ड्यूटी कर रहे हैं। इस किट में हवा तक नहीं अंदर जाती, फिर भी पुलिस शहर को काेरोना से बचाने के लिए तैनात खड़ी है। इसी हाल में अस्पतालों के बाहर तैनात पुलिसकर्मी व अस्पतालों के अंदर ड्यूटी दे रहे डॉक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ भी है।
दैनिक भास्कर टीम ने शहर की सीमा से लेकर सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के बाहर और अस्पताल के अंदर तैनात पैरामेडिकल स्टाफ तक से मिलकर जाना कि इतनी गर्मी में वह किस तरह अपना फर्ज निभाकर कोरोना वायरस से शहर को बचा रहे हैं। सभी का एक ही जवाब था। पीपीई किट हमारी और दूसरे लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए जरूरी है। चाहे गर्मी हो या अन्य कोई परेशानी आखिर हम सभी को मिलजुलकर शहर से कोरोना का संक्रमण पूरी तरह खत्म करना है।
6 घंटे तक वॉशरूम तक नहीं जाते, पानी भी कम पीते हैं
-पंजाब सिंह, सिपाही, मोहना नाके पर तैनात के मुताबिक,कहर दिन छह घंटे पीपीई किट पहनकर ड्यूटी करनी पड़ती है। अभी दोपहर 12 से शाम 6 बजे की ड्यूटी कर रहा हूं। दिन का तापमान बढ़ रहा है, ऐसे में वर्दी के ऊपर पीपीई किट पहनने से पूरी वर्दी पसीने से गीली हो जाती है। पिछले एक सप्ताह से यही रूटीन हो गया है। पहले दो-तीन दिन बहुत दिक्कत हुई थी। पीपीई किट पहनने के बाद छह घंटे बाद ही वॉशरूम जा पाते हैं, इसलिए पानी कम पीते हैं। क्योंकि पीपीई किट एक बार उतार दी तो उसे डिस्पोज ही करना पड़ता है। पानी पीने में दिक्कत होती थी, इसलिए अब ग्लास वाला मास्क न लगाकर दूसरा मास्क लगा रहे हैं और हेड कैप लगा लेते हैं। अब आदत होती जा रही है। लेकिन हम सुरक्षित रहेंगे तभी शहर सुरक्षित रहेगा। यहां हर छह घंटे में दो सिपाही पीपीई किट पहनाकर लगाए जाते हैं। इस तरह पूरे दिन में आठ सिपाही पीपीई किट पहनकर ड्यूटी करते हैं। लोग इस हाल में देखकर भी शहर के अंदर जाने की जिद करते हैं। उन्हें यह समझना चाहिए, हम उन्हीं के लिए यहां तैनात हैं।
इस समय सुरक्षित रहना ही सबकी प्राथमिकता
-अजय कुमार, सिपाही, सुपर स्पेशिलिटी हाॅस्पिटल के मुताबिक, दिन में आठ घंटे वर्दी के ऊपर पीपीई किट पहनना भी एक चुनौती है। गर्मी के कारण इतना पसीना आता है कि वर्दी गीली हो जाती है। लेकिन इस समय पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी करने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा उपकरण पहनने के निर्देश जारी किए हैं। पीपीई किट के चलते असुविधा तो हो रही है लेकिन इसे पहनने से हम सुरक्षित रहते हैं और इस समय सुरक्षित रहना ही सबकी प्राथमिकता है।
जब गर्मी लगती है तो परिसर में टहलना शुरू कर देता हूं
दिन में जब पारा चढ़ता है, उस समय पीपीई किट पहनकर काम करने में असुविधा होती है। इसके कारण जहां पसीना आता है, वहीं ज्यादा देर मास्क लगाए रखने से सांस लेने में दिक्कत होती है। लेकिन अधिकारियों के निर्देश है कि सारे सुरक्षा उपकरण लगाने हैं। इस कारण ड्यूटी के समय पूरी सावधानी बरती जा रही है। जब ज्यादा गर्मी लगती है तो परिसर के अंदर टहलना शुरू कर देता हूं। इससे मुझे बड़ी राहत मिलती है। मेरा तो यही कहना है कि लोग कोरोना को गंभीरता से लें। खुद भी सुरक्षा से रहें और दूसरों को भी सजगता से रहने के लिए प्रेरित करें। -शेरा, वार्ड ब्वाॅय, क्वारेंटाइन सेंटर, जैन छात्रावास
सिपाही नींबू पानी और ओआरएस का घोल पीएं
पीएचक्यू ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें मौसम विभाग की एडवायजरी का हवाला देते हुए कहा है कि आगामी माह में तापमान बढ़ेगा, इसके चलते तैनात स्टाफ को नींबू-पानी और ओआरएस घोल लेने की सलाह दी गई है। साथ ही चाय और कॉफी का कम सेवन करने के लिए बोला गया है। इतना ही नहीं, वाहन और आम लोगों को रोकने व दस्तावेज चेक करने में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। एडीजी राजाबाबू सिंह का कहना है कि चलित चाय-नाश्ता वाहन पुलिसकर्मियों के लिए चल रहा है, इसमें नींबू पानी व ओआरएस घोल भी रखवाया जाएगा। अभी गरम पानी और चाय पुलिसकर्मियों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
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