सुनील सिंह बघेल,डायरेक्टर जनरल जीएसटी इंटेलिजेंस ने इंदौर की जिस सिगरेट कंपनी पर छापा मारकर करोड़ों की कर चोरी पकड़ी है, वहां 24 घंटे निगरानी के लिए अफसर तैनात रहते थे। इसके बावजूद सिगरेट-गुटखा को मिलाकर टैक्स चोरी का आंकड़ा 400 करोड़ को पार कर चुका है। यानी 70% उत्पाद पर जीएसटी चोरी हो रही। डायरेक्टर जनरल जीएसटी इंटेलिजेंस ओमप्रकाश दधीच का कहना है कि इन कंपनियों में ड्यूटी पर रहे जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई करेंगे। ऑपरेशन कर्क के तहत इस अभियान में सीजीएसटी इंदौर में पदस्थ एक दर्जन से ज्यादा अफसर जांच के दायरे में हैं। छापे की जद में आई सिगरेट कंपनियों में 24 घंटे तीन शिफ्ट में अफसर तैनात रहते थे। इन पर फैक्ट्री से बाहर जाने वाली हर सिगरेट पर जीएसटी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी थी।
एक दर्जन से ज्यादा ऐसे अफसर सामने आए हैं, जो बारी-बारी से 15 दिन के लिए किशोर वाधवानी से जुड़ी सिगरेट कंपनी में पोस्टिंग करवाते रहे। एक विभागीय अफसर ने बताया कि एक पैकेट सिगरेट पर लगभग 10 रुपए टैक्स लगता है, लेकिन बाजार में उसकी कीमत महज 5-7 रुपए ही है।
पहले भी हटाए जा चुके एक दर्जन अधिकारी
केंद्र सरकार ने पिछले साल सेंट्रल जीएसटी के करीब 22 अफसरों को हटाया था, इनमें से 12 इंदौर में पदस्थ थे। ज्यादातर की भूमिका इसी व्यवसायी से जुड़ी सिगरेट कंपनियों में 2009 से 2011 के बीच पड़े छापों के बाद संदिग्ध मानी गई थी।
वाधवानी को रिटर्न भरने की छूट नहीं; फिर कई छापे
डीजीजीआई की टीमों ने शुक्रवार को भी कई जगह दबिश दी, पर इसका खुलासा नहीं किया है। देर रात तक जांच जारी थी। उधर किशोर वाधवानी को जीएसटी रिटर्न भरने की छूट देने से कोर्ट ने इनकार कर दिया। वाधवानी की याचिका पर शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट विनिता गुप्ता की कोर्ट में सुनवाई हुई। डीजीजीआई के विशेष लोक अभियोजक चंदन एरन ने कहा कि उन्हें इस पर आपत्ति नहीं है, क्योंकि रिटर्न भरने से सरकार को राजस्व मिलेगा, लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि जब जांच लंबित है और जेल में ऑनलाइन रिटर्न भरने की सुविधा नहीं है तो वाधवानी को रिटर्न भरने की छूट नहीं दी जा सकती।
लॉकडाउन के दौरान भी चलती रही सिगरेट की फैक्टरी
कोरोनाकाल के दौरान जब शहर में सख्त लॉकडाउन था, तब भी सांवेर रोड पर सिगरेट बनाने की फैक्टरी अवैध रूप से संचालित हो रही थी। डीजीजीआई को सांवेर रोड पर पकड़े गए गोदाम में कई जगह पर कोरोना से बचाव के उपाय वाले पोस्टर, सैनिटाइजर और मास्क रखे हुए मिले। यहां लंबे समय से लगातार सिगेरट उत्पादन होने की जानकारी विभाग को मिली है। ऐसे में फिर सवाल उठ रहे हैं कि इतनी सख्ती के बाद भी फैक्टरी कैसे संचालित होती रही और अन्य टैक्स विभाग, प्रशासन, पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की।
किन अफसरों की भूमिका संदिग्ध, रिपोर्ट में साफ होगा: दधीच
यह साधारण नहीं, बल्कि आपराधिक कर चोरी का मामला है। अभी तो कार्रवाई जारी है, मामला 400 करोड़ से भी ज्यादा जा सकता है। अभी जो चोरी सामने आई है, वह बहुत बड़े नेटवर्क का एक हिस्साभर है। सिगरेट कंपनी में पूरे समय विभागीय अफसरों की ड्यूटी रहती है, इसके बावजूद चोरी होना आश्चर्यजनक है। हमारी भोपाल यूनिट पूरी कार्रवाई को अंजाम दे रही है। रिपोर्ट मिलने पर ही साफ हो सकेगा कि किन अफसरों की भूमिका संदिग्ध है। हम पर किसी तरह का दबाव नहीं है, किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। हम इस कार्रवाई को अंतिम नतीजे तक पहुंचाएंगे।
- ओमप्रकाश दधीच, डीजी, जीएसटी इंटेलिजेंस, नई दिल्ली
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