बिजली ट्रांसफार्मरों के संचालन से लेकर मीटर लगाने, रीडिंग देने से लेकर बिल जमा करने तक का निजीकरण होने के बाद अब इसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं। ग्राम मंगलाज में निजी कंपनी के कर्मचारी कमल पाटीदार पिता निर्भयसिंह ने मीटर की फर्जी रीडिंग बताने से लेकर बिल कम कराने व नया ट्रांसफार्मर लगवाने के नाम पर जमकर अवैध रुपए वसूले।
जिन ग्रामीणों का कंपनी में अधिकृत रूप से 100 रुपए का बिल दर्ज हैं, उन्हें 2 से 3 हजार का बिल बताकर कर्मचारी ने रुपए हड़प लिए। मामला सामने आने के बाद ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से निजी कंपनी के कर्मचारी कमल पाटीदार की करतूत अधिकारियों के सामने पेश की। बाकायदा बिल में फेरबदल कर ज्यादा रुपए चुकाने वाले 37 कनेक्शनधारियों ने मय सबूत के बिजली कंपनी के अधिकारियों को इसकी शिकायत की है। शिकायत मिलने के बाद विभागीय स्तर पर इसकी जांच भी शुरू हो चुकी है।
ऐसे सामने आई कंपनी कर्मचारी की गड़बड़ी
ग्रामीणों ने आवेदन दिया, उसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कमल पाटीदार उक्त निजी कंपनी में लेबर के रूप में काम करता है। 6 माह पहले से कंपनी का काम संभालते हुए उसने ग्रामीणों से लाखों रुपए वसूल लिए। कमल ने शुरुआत में मीटर शिफ्टिंग के नाम पैसे लिए। बाद में मिनी इलेक्ट्रिक मशीन से बिल निकालने पर फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया। मिनी मशीन के जरिए वह ग्रामीणों के बिल वास्तविक बिल से ज्यादा कर देता।
जिन ग्रामीणों को कंपनी 100 रु. का बिल देती, उनमें संशोधन कर वह 2 से 3 हजार रु. का बिल दे देता। ग्रामीणों को शंका होने पर उन्होंने ऑनलाइन अपने बिल की जांच की। तब कहीं जाकर मामले का खुलासा हुआ। ग्रामीणों ने अपने साथ हो रही धोखाधड़ी को लेकर भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र पाटीदार को जानकारी दी। इस पर पूर्व मंडल अध्यक्ष ने ग्रामीणों गड़बड़ी होने वाले 37 लोगों के बिल लिए और उनकी काॅपी सहित लिखित शिकायत शाजापुर कार्यालय में की।
इस तरह वसूले रुपए
मंगलाज के चंदरसिंह पिता भूरासिंह मालवीय ने बताया नया ट्रांसफार्मर लगवाने के नाम पर संबंधित कर्मचारी ने मुझसे करीब दो माह पहले 33 हजार रु. लिए, लेकिन आज तक खेत पर ट्रांसफार्मर नहीं लगाया। सतीश मालवीय ने बताया कि मुझे बिजली का बिल 4 हजार से ज्यादा का दे दिया। बाद में कम कराने के लिए 2500 रु. लिए। जितेंद्र प्रजापति से तो मीटर शिफ्टिंग के ही 500 रु. ले लिए। कमल पिता तोलाराम पाटीदार से खेत पर ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए 20 हजार रु. ले लिए।
नुकसान : तो वसूली भी नहीं हो सकेगी
निजी कंपनी के कर्मचारी की गड़बड़ी सामने आने के बाद भी भले ही अब उसे हटा दिया जाए, लेकिन उसके द्वारा ग्रामीणों से ली गई राशि वापस दिलवाने के लिए कंपनी ज्यादा कुछ कर पाएगी या नहीं, इसको लेकर संशय है। निजी कंपनियों के बढ़ते दखल से आम उपभोक्ताओं को इसी तरह नुकसान उठाना पड़ेगा।
फिलहाल शिकायत की जानकारी नहीं है
उक्त शिकायत के मामले में फिलहाल मुझे जानकारी नहीं है। आवक-जावक में आई होगी तो दिखाकर जांच कराएंगे। यदि ग्रामीणों के बिल से लेकर अन्य नाम पर राशि वसूल की गई गई तो कानूनी कार्रवाई कराएंगे।
- ए.एच. शेख, अधीक्षण यंत्री बिजली कंपनी शाजापुर
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