IFTTT अमित कर्ण. सलमान खान के पितासलीम खान दैनिक भास्कर से खास बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने इंदौर के लोगों से भी अपील भी की है। साथ ही उन्होंने कहा किकोरोना को मुंहतोड़ जवाब देना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। सिर्फ घर पर रहना है और सुरक्षित रहना है। सबसे सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करनी है। मैं भी इसे फॉलो कर रहा हूं। सलमान भी कर रहे हैं। सलमान पनवेल वाले फाॅर्म हाउस पर अटके हुए हैं। उनके साथ बेटी अर्पिता, उनका परिवार और कुछ बच्चे भी हैं। जीवन में पहली बार ऐसा हुआ है कि मेरा बेटा मुझसे 13 दिनों से दूर है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह मेरे बिना रो रहे हैं या फिर बहुत मिस कर रहे हैं। वह पूरी तरह समझ रहे हैं कि यह जिम्मेदारी लेने का वक्त है। दूर रहने में ही भलाई है। जज्बाती होने की कोई जरूरत नहीं है। बेटा-बाप से या बाप-बेटे से दूर रहकर ऐसे मौके पर एक दूसरे का भला ही कर रहा है। जब हम रह सकते हैं तो आप भी प्लीज जहां हैं वहीं रहें। अपने होमटाउन इंदौरवासियों से भी मेरा यही कहना है कि प्रशासन द्वारा दिए जा रहे निर्देशों का सख्ती से पालन करें। इसी में आपकी भलाई है। मेरे तीनों बेटे समझदार हैं मेरे तीनों बेटे समझदार हैं और सभी डॉक्टर्स द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कर रहे हैं। अरबाज और सोहेल मुंबई में मेरे करीब रहते हैं पर सलमान अभी पनवेल में हैं। उनसे ऑडियो कॉल पर ही बात होती है। वीडियो कॉल जैसी कोई जरूरत मुझे महसूस नहीं होती। लॉकडाउन खत्म हो जाएगा तो हम सभी फिर साथ हो जाएंगे। अभी तो ना मैं उनके पास जा सकता हूं, ना वह मेरे पास आ सकते हैं। हम चाहे कितने भी बड़े स्टार कोई क्यों ना हों पर हमने इस वक्त अपनी स्टार पावर यूज करना ठीक नहीं समझा। पनवेल में अर्पिता के दो छोटे बच्चे भी हैं। लिहाजा इस माहौल में सलमान का वहां रहना बहुत जरूरी भी है। बाकी अरबाज, सोहेल और मेरी बेटी करीब में ही रहते हैं। जब जरूरत होती है या खाने पर तो वह हम लोग आपस में बात कर लेते हैं या इकट्ठे खा लेते हैं। मेरा तो शौक रहा है पढ़ने का तो वह मैं इन दिनों वही पूरा कर रहा हूं। कुछ एक्टिंग और स्क्रीनप्ले की किताबें पढ़ रहा हूं। साहित्य भी पढ़ता रहता हूं। एस्ट्रोलॉजी और होम्योपैथी में भी मेरा इंटरेस्ट है तो वह किताबें भी पढ़ रहा हूं। होम्योपैथी में कई सारी विधियां दी गई हैं, लेकिन वे कितनी कारगर हो सकती हैं कोरोना पर वह तो इस्तेमाल होने के बाद ही पता चल पाएगा।’ Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सलीम खान का कहना है कि अभी तो ना मैं सलमान के पास जा सकता हूं, ना वह मेरे पास आ सकते हैं। How to search keywords April 10, 2020 अमित कर्ण. सलमान खान के पितासलीम खान दैनिक भास्कर से खास बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने इंदौर के लोगों से भी अपील भी…
IFTTT (ओमप्रकाश सोनोवणे)कोरोना से कब मुक्ति मिलेगी? यह सवाल आज सभी के मन में है। एक ओर दुनियाभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर इसका कारगर इलाज ढूंढने में लगे हैं, वहीं देश-विदेश का शासन-प्रशासन नागरिकों को इस महामारी से बचाने और रोकथाम के प्रयासों में जुटा हुआ है। इस बीच, भास्कर ने यह सवाल उन चार नगरों को ज्योतिषाचार्यों के सामने रखा, जहां समयानुसारकुंभ (सिंहस्थ) लगता है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है,‘‘ये राहु का साल है। 14 अप्रैल से कोरोना का असर कम होना शुरू होगा। मई तक यह नियंत्रित हो जाएगा, लेकिन इसका असर सितंबर तक रहेगा।’’ आइए जानते हैं उनकी रायः सौ साल में पहली बार ऐसे हालात बने, यह ज्योतिष के लिए शोध का विषय उज्जैन केपं. आनंद शंकर व्यास ने बताया कि25-27 दिसंबर 2019 तक षडग्रही योग बना था। इससे कोरोना की शुरुआत हुई। इसके पहले फरवरी 1962 में अष्टग्रही योग बना था। 23 मार्च से मकर में मंगल का प्रवेश हो गया, जहां शनि, गुरु पहले से हैं। इससे महामारी फैली। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में भीषण रूप दिखेगा। मई से राहत मिलेगी। सौ साल में ऐसे कोई ग्रह योग नहीं बने, जिनसे ऐसी स्थिति बनी हो। यह शोध का विषय है। भारत में अन्य देशों की तुलना में कम नुकसान, गुरु-शुक्र अच्छा फल देगा हरिद्वार के डॉ. हरिदास शास्त्री ने बताया कि कोरोना से भारत में इतना नुकसान नहीं होगा, जितना अन्य देशों में हुआ है। इस बार देवी नाव पर सवार हो कर आई हैं,इसलिए शुभता की शुरुआत हो गई है। इस साल के राजा बुध हैं और मंत्री चंद्रमा। बुध और चंद्र के राज में घबराने की जरूरत नहीं है। इस वर्ष की कर्क लग्न की कुंडली का स्वामी चंद्र है। यानी रोग भय कम होगा। गुरु और सूर्य का परिवर्तन अच्छा फल देगा। 6 मई के बाद ग्रहों के परिवर्तन से ही कोरोना से मुक्ति मिलने की संभावना काशी के प्रोफेसररामचंद्र पांडे ने बताया कि कोरोना से राहत की शुरुआत 13 अप्रैल को मेष संक्रांति के साथ हो जाएगी। 14 अप्रैल से लोग राहत महसूस करेंगे। मेष संक्रांति की कुंडली भी अच्छे समय का संकेत कर रही है। सूर्य अपनी उच्च राशि में आएंगे तो उनका प्रभाव शुरू हो जाएगा। गुरु, मंगल व शनि की मकर में युति से अभी यह प्रभाव दिख रहा है। 6 मई से कोरोना का प्रभाव क्षीण होने लगेगा। असर सितंबर तक रहेगा। 4 मई को बदलेगी मंगल की राशि जयपुर के पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि11 मई 2020 को बृहस्पति के वक्री होने के बाद से इसका असर कमजोर होगा। 4 मई को मंगल भी राशि बदलेंगे। इसके बाद कोरोना का असर कम होना शुरू हो जाएगा। ग्रह योगों के कारण स्थिति विकट प्रयागराज के प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि 2020 का योग 4 है, जो राहु का अंक है। उथल-पुथल तो मचेगी ही। इस पर ग्रह योगों के कारण स्थिति विकट हो गई है। आने वाले समय में ग्रहों के और उथल-पुथल नजर आएंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today चेन्नई में कोरोनावायरस से मरीज की मौत के बाद शव को दफनाते निगम कर्मचारी। कोरोना से देश में अब तक 232 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं दुनिया में अब तक 94 हजार से ज्यादा लोगों मौतें हो चुकी हैं। How to search keywords April 10, 2020 (ओमप्रकाश सोनोवणे) कोरोना से कब मुक्ति मिलेगी? यह सवाल आज सभी के मन में है। एक ओर दुनियाभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर इसका…
IFTTT सुमित ठक्कर.महज तीन दिन में चंदन नगर में सब बदल गया। पहले गलियों में लोग इकट्ठा होकर तफरीह करते थे, लेकिन अब सब घरों में सिमट गए। चंदू वाला रोड पर जिस गली में रहवासी पुलिस टीम पर पथराव किया और मारने दौड़े थे, वहां गुरुवार को सन्नाटा था। छह आरोपियों पर कार्रवाई ने यह नजारा बदल दिया। टीआई वायएस तोमर ने इलाके में ड्रोन उड़वाया तो लोग घबरा गए। कई लोगों ने घरों की खिड़कियां बंद कर लीं तो छतों पर खड़े लोग भागकर फिर घर में दुबक गए। एसआई बाइक पार्टी के साथ चंदू वाला रोड, ग्रीन पार्क, लोहा गेट की तंग गलियों में घूमे तो एक भी शख्स घर से नहीं निकला। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे चंदन नगर में भगतसिंह चौराहे पर तीन युवक बाइक से गुटखा लेने के लिए निकल आए। एसआई की टीम ने उन्हें रोका तो वे बाइक दौड़ाकर गलियों में भाग निकले। काफी पीछा करने के बाद सईद नामक युवक को पकड़ा। उससे साथियों के नाम पूछकर उन्हें भी पकड़ लिया। दोनों ने अपने नाम रफीक और उस्मान बताए। तीनों की पुलिस ने अच्छी खातिरदारी की और थाने में बैठा दिया। पुलिस की यह सख्ती देख दिनभर चंदन नगर की गलियों में लोग नहीं निकले। सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए छोटा क्लिनिक खुलेगा चंदू वाला रोड की 10वीं गली में जहां पुलिस पर हमला हुआ, वहां गुरुवार दोपहर में कमिश्नर आकाश त्रिपाठी और आईजी विवेक शर्मा पहुंचे। इस दौरान समाज के प्रमुख और पूर्व पार्षद रफीक खान ने समाज की तरफ से अफसरों से माफी मांगी। खान ने कहा कि इस घटना ने मुस्लिम समाज को पूरे विश्व में शर्मसार कर दिया। अब ऐसी घटना नहीं होगी। अफसरों ने सामान्य बीमारियों के मरीजों के इलाज के लिए छोटा क्लिनिक खोलने की बात कही। लोगों ने कहा कि अरिहंत, क्लाॅथ मार्केट और यूनिक जैसे अस्पतालों में सामान्य बीमारियों का इलाज हो। कमिश्नर ने चंदन नगर में ही क्वारेंटाइन हाउस बनाने की बात कही, लेकिन फिर विचार हुआ कि यहां कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए मैरिज गार्डनों में ही ठीक रहेगा। रिपोर्ट-2 एक मरीज मिला तो डर ऐसा कि सिर्फ दूध व पेपर के लिए दरवाजे खोलते हैं रहवासी राहुल दुबे.लोकमान्य में सिर्फ सुबह सात से आठ और शाम को भी इसी समय घरों के दरवाजे खुल रहे हैं। पहले पेपर उठाने के लिए दरवाजा खुलता है तो दूसरी बार दूध वाले के लिए। इसके बाद आप काॅलोनी में घरों के बाहर लोग देखने के लिए तरस जाएंगे। काॅलोनी के गेट नंबर दो पर एक चौकीदार के सिवाए दूसरा कोई व्यक्ति नजर नहीं आता। जगह-जगह प्रिंट आउट चिपका दिए हैं। जिस पर लिखा है कि कर्फ्यू में ढील के बाद कोई बाहरी व्यक्ति यहां प्रवेश ना करे। 7 अप्रैैल को यहां एक कोरोना पॉजिटिव मिलने बादइस अनुशासित काॅलोनी के लोग और सख्त हो गए हैं। कंटेनमेंट एरिया बनने के बाद लोग इतने सजग हैं कि माॅर्निंग वाॅक भी छत पर ही कर रहे हैं या स्थगित कर दी है। रहवासियों के इस स्वानुशासन से पुलिस को काफी सहूलियत है। जिस घर में पॉजिटिव व्यक्ति मिला उसके आसपास के चार घरों को भी क्वेरंटाइन कर दिया है। घरों के बाहर स्टीकर चस्पा कर दिया है। जिस पर 22 अप्रैल तक लोगों केघरों में रही रहने की बात लिखी है। लोकमान्य नगर को घर, रोड कीसाफ-सफाई खुद ही करने, डेंगू, मलेरिया के दौर में खुद ही फाॅगिंग कराने सहित कई मामलों में जाना जाता है। सब्जी वालों को भी नहीं आने दे रहे रहवासी संघ ने लाॅकडाउन के बाद किसी बाहरी को नहीं आने दिया। प्रशासन ने सब्जी पर रोक लगाई तो लोगों ने खुद ही सब्जी लेना बंद कर दी। किसी सब्जी वाले को प्रवेेश भी नहीं करने दिया। जिनके पास छूट है वहीं वेंडर किसी रहवासी के बुलाने पर आ पाते हैं। इनमें भी दूध और पेपर वाले के अलावा किसी को नहीं बुलाया जा रहा। पुलिस ने केवल एक बार दोनों गेट पर बैरिकेडिंग की। इसके बाद से पुलिस को काॅलोनी में गश्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सब घरों में ही रहकर वक्त बिता रहे हैं। रहवासी बोले- यहां आना मना है, अब लॉकडाउन खत्म हाेने पर ही खुलेगा गेट का ताला गौरव शर्मा.एरोड्रम रोड स्थित विंध्याचल नगर। कंटेनमेंट एरिया। इस क्षेत्र के गेट को ताला लगाकर बंद कर दिया है। मेन रोड से आवाजाही क्षेत्र में पूरी तरह से बंद। रामचंद्रनगर होते हुए जब कॉलोनी में जाएंगे तो अंदर गलियों को भी लोगों ने सील कर दिया है। किसी ने फोर-व्हीलर को आड़ा लगाकर तो किसी ने अस्थायी बैरिकेड्स, सीढ़ियां लगाकर। क्षेत्र में आने-जाने की एक गली को छोड़ बाकी सभी गलियां पूरी तरह से बंद हैं। क्षेत्र के ही निवासी करण का कहना है वैसे तो हम लॉकडाउन के बाद से ही घर से बाहर नहीं निकले। लेकिन अब कंटेनमेंट एरिया बनने के बाद से और ज्यादा सतर्क हो गए हैं। क्षेत्र में बाहरी लोगों की आवाजाही बंद है। स्थानीय निवासी भी बहुत जरूरी होने पर ही घर के बाहर निकल रहे हैं। वहीं, इसी घर से कुछ दूरी पर रहने वाले गोपाल यादव का कहना है कॉलोनी के मेनगेट के साथ ही लोगों ने गलियों को भी बंद कर दिया है ताकि किसी तरह की आवाजाही नहीं हो। क्षेत्र के लोगों से अपील भी की गई कि घरों में ही रहें। ये ही अभी सबसे सच्ची मानव सेवा है। मरीमाता : आधे बैरिकेड्स बंद, पर आवाजाही चालू मरीमाता क्षेत्र में गणेश मंदिर के पास से सड़क के दोनों हिस्सों में बैरिकेड्स जरूर लगाए। ज्यादातर लोग तो घरों में ही थे, लेकिन गणेश मंदिर के आगे के हिस्से में जरूर गलियों में कुछ वाहनों की आवाजाही चालू थी। कई लोग घरों के बाहर भी खड़े थे। पुलिस की गाड़ी आने पर लोग जरूर अंदर हुए लेकिन इसके बाद वही स्थिति। क्षेत्र में रहने वाले प्रकाश ने कहा अभी इस हिस्से में एक पॉजिटिव केस आ गया है। ज्यादातर लोग तो समझदारी दिखा रहे, सतर्क भी हैं, लेकिन कुछ लोग अब भी नहीं मान रहे। बाणगंगा रोड की ओर रहने वाले कमल ने कहा इस क्षेत्र में कई गरीब परिवार भी हैं। उन्हें खाने-राशन की परेशानी है। घरों में राशन खत्म होने की कगार पर है। फूड पैकेट आ रहे लेकिन संख्या कम है। 10 लोगों के बीच दो-तीन फूड पैकेट आते। हम लोग घरों में ही हैं, लेकिन परिवार के लोगों को भूखा नहीं देख सकते। उन्होंेने प्रशासन से राशन-फूड पैकेट की मांग भी की। पल्हर नगर : मेडिकल टीम ने की लोगों की स्क्रीनिंग 60 फीट रोड स्थित ओम विहार-पल्हरनगर क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव आने के बाद यहां पर मेडिकल टीम पहुंची। जिस घर में केस आया, वहां पर अन्य लोगों की स्क्रीनिंग की। वहीं, ओम विहार की ही एक गली में एक व्यक्ति का निधन भी हुआ। अंतिम संस्कार में परिवार के कुछ लोग गए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today चंदन नगर इलाके में उत्पातियाें को सबक मिला तो सड़कों पर अब सिर्फ पुलिस वाले ही दिखाई दे रहे हैं। How to search keywords April 10, 2020 सुमित ठक्कर. महज तीन दिन में चंदन नगर में सब बदल गया। पहले गलियों में लोग इकट्ठा होकर तफरीह करते थे, लेकिन अब सब घरों…
IFTTT टोटल लॉकडाउन में दुकानदारों ने अपना कर्फ्यू टैक्स वसूलना शुरू कर दिया है। 27 मार्च से शहर में सब्जियां, दूध और राशन की कुछ आवश्यक वस्तुएं आसमान छूने लगी हैं। 10-20 रुपए किलो बिकने वाला आलू अब 40 से 50 रुपए किलो हो गया है। ऐसे ही हर माल में लोग अपना कर्फ्यू कमीशन दोगुने-तीगुने रेट पर ले रहे हैं। पुलिस लाइन के आगे भेरूबाबा मंदिर के सामने एक रिक्शा में तराजू लगाकर बैठे बुजुर्ग से पूछा कि आलू-प्याज हैं तो उन्होंने पहले मना कर दिया। फिर कहा कि हां है, लेकिन छिपकर दूंगा। फिर उसने साफ कहा कि आलू-प्याज 50 रुपए किलो मिलेंगे। लेना हो तो लो वरना कोई बात नहीं है। तेजाजी नगर से राऊ के बीच सेज यूनिवर्सिटी के पास एक खेत पर बने मकान में सब्जी का ठेला लगा था। वहां बैठी एक युवती बोली कि कोई सी भी सब्जी लो 100 रुपए से कम नहीं है। मैंने पूछा इतना रेट क्यों तो बोली कि साहब सब्जियां ब्लैक में आ रही हैं। दूध के भाव 50 रुपए लीटर तय कर दिए शहर के करीब 40 अलग-अलग स्थानों पर दूध के भाव पता किए, तो सभी दूर 50 रुपए लीटर बेचा जा रहा है। 10 दिन पहले तक 44-46 रुपए लीटर बेचा जा रहा दूध अचानक 50 रुपए कर दिया है। धार रोड पर दूध दुकान पर खड़ी एक महिला बोल पड़ी कि दूध के भी भाव बढ़ाकर हमारे घर का खर्चा बढ़ा दिया है। बिना जानकारी दिए दूध 50 रुपए बेचा जा रहा है। चोरल के लोगों ने शिकायत की है कि उनके यहां के किराना व्यापारी कालाबाजारी कर रहे हैं। कर्फ्यू लागू होते ही यहां 92 रुपए भाव वाला तेल 150 रुपए तक बेचा गया। ग्रामीणों ने बताया कि 100 रुपए की दाल 130 रुपए तक बेची गई। जब इसकी शिकायत पुलिस को की गई तो दुकानदार ने माफी मांग ली और सिमरोल पुलिस ने उसे माफ कर दिया, जबकि उसके खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए थी। चौकीदार का दावा सब्जी चाहिए तो लाकर देगा अनूप नगर में रहने वाले राहुल वर्मा ने बताया कि हमारे यहां तो ठेले भी नहीं आते। चौकीदार लिस्ट लेकर आया है। बोला कि यदि सब्जियां चाहिए तो वह ला देगा। पास की कॉलोनियों में उन्हें आलू-प्याज 50, हरी सब्जियां 150 रुपए किलो और अदरक 80 रुपए पाव मिल रहा है। मजबूरी में लोग बुलवा रहे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today प्रतीकात्मक फोटो How to search keywords April 10, 2020 टोटल लॉकडाउन में दुकानदारों ने अपना कर्फ्यू टैक्स वसूलना शुरू कर दिया है। 27 मार्च से शहर में सब्जियां, दूध और राशन की…
IFTTT कोरोना नहीं फैले, इसके लिए पुलिस लोगों को घरों में ही रखने के लिए सख्ती कर रही है। इसके लिए 2755 पुलिस अधिकारी-कर्मचारी 16 दिन से अपने घर-परिवार से दूर रहकर ड्यूटी दे रहे हैं। शहर के 82 होटल, लाॅज, मैरिज हाॅल और धर्मशालाओं में रुके हुए हैं। रोज 12 से 14 घंटे की ड्यूटी दे रहे हैं। इसी कारण इन पुलिसवालों ने अपने परिवार को संक्रमण से बचा रखा है। आईजी भी मैस में अकेले रह रहे हैं। हाल ही में इंदौर आए डीजीपी विवेक जौहरी ने इस प्लान को अच्छा बताते हुए प्रदेशभर में लागू करवा दिया। लॉकडाउन के दिन से ही आईजी विवेक शर्मा ने कलेक्टर मनीष सिंह से इन होटल, लॉज, धर्मशाला व मैरिज हाॅल को पुलिस जवानों के लिए उपलब्ध करवाने की मांग की थी। इसके बाद उन्होंने वाट्स एप पर ग्रुप बनाकर फील्ड में तैनात पुलिस अमले से अपील कि वे संक्रमित इलाकों में ड्यूटी पर रहेंगे। संक्रमण घर तक न जा सके, इसके लिए वे परिवार से अलग रहें। इस अपील को सभी ने माना और घर छोड़ दिया। इसके लिए एक सूबेदार को नियुक्त कर उसका मोबाइल नंबर सभी परिवारों को दिया, ताकि वे अपनी समस्या, मांग उसे बता सकें। उन समस्याओं को एसपी रैंक के एक अधिकारी 24 घंटे में निराकरण कर रहे हैं। हालांकि अब तक किसी भी पुलिसकर्मी के परिवार को परेशानी नहीं आई। परिजन के लिए पुलिस लाइन में राशन और सब्जियों की व्यवस्था इन जवानों के परिवारों के लिए डीआरपी लाइन में राशन, सब्जी और अन्य जरूरी चीजों की व्यवस्था करवाई है। उन्हें समय-समय पर इनकी उपलब्धता करवाई जा रही है। उधर, जवानों को एक-एक किट बैग दिया है जिसमें वे ड्यूटी के बाद आकर वर्दी डाल रहे हैं। लांड्री में वर्दी धुलकर अगले दिन तैयार मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग भी लागू करे ऐसा प्लान विवेक शर्मा, आईजी के मुताबिक,हमारे इस प्लान से पुलिसकर्मियों के परिवार संक्रमण से दूर हैं। इसे डीजीपी ने पूरे प्रदेश में लागू किया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से भी इसे लागू करने की अपील की है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today पुलिस अफसर और जवान ड्यूटी के बाद घर से दूर होटल, लॉज में रह रहे हैं। How to search keywords April 10, 2020 कोरोना नहीं फैले, इसके लिए पुलिस लोगों को घरों में ही रखने के लिए सख्ती कर रही है। इसके लिए 2755 पुलिस अधिकारी-कर्मचार…
IFTTT डोर टू डोर किराना व्यवस्था अभी भी पटरी पर नहीं आ पा रही है। निगमकर्मी ऑर्डर पूरा करने के लिए दुकानदार पर दबाव बना रहे हैं और आधा सामान पहुंचाकर ही रिकॉर्ड में ऑर्डर पूरा लिख देते हैं। हमने ऐसे दुकानदारों से बात की तो बोले आगे से ही होलसेल माल नहीं मिल रहा। कुछ लोग ऐसे भी मिले, जिन्होंने चार दिन पहले ऑर्डर शीट दे दी लेकिन वह दुकानदार तक पहुंची ही नहीं। इंद्रपुरी के मनीष भालेराव ने तीन दिन पहले नगर निगम की ऑर्डर शीट में 10 सामान पर टिक लगाकर भेजा था। यह ऑर्डर क्षेत्र के ही चायनीज पॉइंट दुकान द्वारा पूरा किया जाना था। दुकान से सिर्फ तुअर दाल, चावल ही पहुंचा। दुकानदार सन्नी बॉथम ने बताया हमें जो सूची मिली, उसमें सिर्फ तुअर दाल ही थी। ऐसे कई लोगों ने शिकायत की है कि उन्होंने ज्यादा सामान नोट करवाया था लेकिन आधा ही सामान मिला। कुछ सामान तो होलसेल से ही नहीं आ रहा है। चावल खत्म हो गए थे, चायपत्ती नहीं मिल रही थी। ऐसे में हम क्या कर सकते हैं। चार दिन से इंतजार, लिस्ट ही गायब ब्रजनयनी कॉलोनी के महेश हार्डिया ने चार दिन पहले निगम की कचरा गाड़ी को ऑर्डर शीट भरकर दी थी। अभी तक कोई भी सामान नहीं पहुंचा। इस क्षेत्र में किराना सामान पहुंचाने की जिम्मेदारी मां नर्मदा ट्रेडर्स को है। दुकानदार हिमेंद्र राजपूत ने बताया हमने सारे ऑर्डर पूरे कर दिए हैं लेकिन इस नाम से कोई पर्ची मिली ही नहीं। बस्ती में नहीं पहुंचा सकते, लूट लेते हैं जोन 11 वार्ड 55 के अंतर्गत श्रद्धानंद मार्ग पर स्थित किराना व्यवसायी वैभव शाह से गुरुवार सुबह 10 बजे निगमकर्मी आकाश कैथवास पास की ही एक बस्ती में किराना पहुंचाने का कह रहा था। शाह ने बताया उस बस्ती में हम किराना नहीं भेज सकते, किसी और दुकान से भिजवा दो। पहले भी डिलीवरी देने हमारा लड़का गया था तो उससे सामान छीन लिया था। सामने ही तेल का पाउच छिपा लिया और बोले सामान आधा ही लाए हो। कैथवास ने समझाया कि पुलिस के साथ भेजेंगे। इसके बाद व्यापारी तैयार हुए। कचरा गाड़ियों को ही दे रहे ऑर्डर शीट, रूट प्रभारी नहीं पहुंच रहे निगम की कचरा गाड़ियों को ही लोग ऑर्डर शीट दे रहे हैं। उनके साथ रूट प्रभारी को नियुक्त किया गया था। जोन 12 के अंतर्गत सिटी जिमखाना के रूट पर चलने वाली कचरा गाड़ी पर गुरुवार को लोगों ने ड्राइवर से ही ऑर्डर फॉर्म लिए और भरकर उसे सौंप दिए। ऐसे ही सर्वोदयनगर में भी लोगों ने कचरा गाड़ी के ड्राइवर को ऑर्डर शीट भरकर दी। अग्रसेन चौराहे पर जोन 18 वार्ड 63 की कचरा गाड़ी मिली। उसके साथ भी रूट प्रभारी नहीं था। सहायक दरोगा ने बताया कि रूट प्रभारी अलग से चल रहे हैं। जबकि रूट प्रभारी के कचरा गाड़ी के साथ चलने के निर्देश निगमायुक्त आशीष सिंह ने दिए थे। इसमें एक कर्मचारी को निलंबित भी किया जा चुका है। किराना व्यवस्था सुधारने के लिए अब 11 अप्रैल को ऑर्डर नहीं लेगा निगम डोर टू डोर किराना व्यवस्था को सुधारने के लिए निगमायुक्त ने गुरुवार को दो चरणों में अधिकारियों और नोडल अफसरों की बैठक ली। इस दौरान ऑर्डर पूरा करने में आ रही समस्याओं को दूर करने और व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। ऑर्डर पूरे करने के लिए निगम 11 अप्रैल को ऑर्डर नहीं लेगा और तब तक बाकी के ऑर्डर सप्लाय करने के निर्देश दिए। 12 अप्रैल से फिर निगम की कचरा गाड़ियों के साथ ऑर्डर लिए जाएंगे। निगमायुक्त ने कहा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कंप्लीट लॉकडाउन का पालन किया जाना जरूरी है। ऐसी स्थिति में नागरिकों के पास किराना सामग्री पहुंचना आवश्यक है तथा यह व्यवस्था बड़ी मुश्किल है किंतु संकट की इस घड़ी में इस कार्य को पूरे लगन से करना है। नोडल अधिकारी और जोनल अधिकारी प्रतिदिन किराना व्यवसायी से संपर्क करें, उन्हें किराना सामग्री सप्लाय करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करें साथ ही उन्हें प्रोत्साहित भी करें। जोनल अधिकारी और नोडल अधिकारी सुनिश्चित करें कि कचरा संग्रहण गाड़ी प्रतिदिन समय पर निकल जाए, गाड़ी के साथ ऑर्डर लेने वाला व्यक्ति साथ में रहे। व्यक्ति के पास नागरिकों से ऑर्डर लेने के लिए पर्याप्त मात्रा में पर्ची हो, गाड़ी में गाना लगातार बजता रहे। समीक्षा में खुलासा हुआ नागरिकों द्वारा सामग्री के विशेष ब्रांड की मांग की जाती है। इस पर नागरिकों से अपील की गई है कि वर्तमान का समय कठिनाई का समय है। उपलब्ध ब्रांड लेकर सहयोग प्रदान करें, विशेष ब्रांड न मांगें। समस्या यह भी... लेबर ही नहीं मिलेंगे तो पैकिंग कैसे होगी श्रद्धानंद मार्ग स्थित चंचल ट्रेडर्स के राजकुमार ने बताया हमें नगर निगम की ऑर्डर शीट मिली थी। 100 से ज्यादा ऑर्डर की बात कह रहे थे लेकिन ऑर्डर कैसे करते हमारे पास लेबर ही नहीं थी। गुरुवार को ही दुकान खोली है, धीरे-धीरे ऑर्डर करवाते हैं। सुंदर ट्रेडर्स के गोकुल जायसवाल ने बताया होलसेल माल ही नहीं मिल रहा है। जायसवाल के पास ऑर्डर लेने दो पुलिसकर्मी भी आए लेकिन उन्हें भी साफ इनकार कर दिया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today श्रद्धानंद मार्ग स्थित चंचल ट्रेडर्स के राजकुमार ने बताया हमें नगर निगम की ऑर्डर शीट मिली थी। How to search keywords April 10, 2020 डोर टू डोर किराना व्यवस्था अभी भी पटरी पर नहीं आ पा रही है। निगमकर्मी ऑर्डर पूरा करने के लिए दुकानदार पर दबाव बना रहे …
IFTTT काेराेनावायरस संक्रमण के कारण इंदाैर में गुरुवार सुबह एक डाॅक्टर की माैत हाे गई। रूपराम नगर में रहने वाले 62 वर्षीय डाॅ. शत्रुघ्न पंजवानी जनरल फिजिशियन थे और प्राइवेट प्रैक्टिस करते थे। काेराेना के चलते किसी डाॅक्टर की देश में यह पहली माैत है। एमजीएम अस्पताल ने बुधवार रात काेविड-19 के मरीजाें की सूची जारी की थी, जिसमें डाॅ. पंजवानी का भी नाम था। उनमें काेराेना के लक्षण थे, लेकिन प्रशासन काे अभी पता नहीं चला है कि उन्हें संक्रमण कैसे हुआ। चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमएचओ) डाॅ. प्रवीण जड़िया ने कहा, ‘लगता है कि इलाज के दाैरान वह किसी संक्रमित के संपर्क में अाए थे। उनके संक्रमण का स्राेत पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’ उनके अलावा साउथ तोड़ा निवासी 44 वर्षीय एक अन्य मरीज ने भी दम तोड़ दिया। इन्हें मिलाकर इंदौर के मृतकों का अांकड़ा अब 23 हो गया। वहीं गुरुवार को ही 22 नए पॉजिटिव भी मिले हैं। यानी कुल 235 मरीज हो चुके हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि 12 और मरीज स्वस्थ हो गए हैं। शुक्रवार को इन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इससे पहले 15 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। यानी स्वस्थ होने वालों की संख्या भी 27 हो गई है। अगर एमजीएम मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट देखें तो दूसरा एक और सकारात्मक पहलू सामने आया। शहर के 256 मरीजों के सैंपल में से 222 की रिपोर्ट निगेटिव आई। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी के मुताबिक, बुधवार को 199 सैंपल में से 28.64% यानी 57 पॉजिटिव आए थे। गुरुवार को ये आंकड़ा घटकर 13.18% रह गया। ये नए पॉजिटिव संत नगर निवासी 58 वर्षीय महिला, हाजी कॉलोनी के 52 वर्षीय पुरुष, मल्हारगंज के 42 वर्षीय पुरुष, सिद्धि विनायक अस्पताल के पास रहने वाले 50 वर्षीय पुरुष, टाटपट्टी बाखल की 18, 38, 42 साल की महिलाएं। 50 साल के पुरुष, सुदामा नगर की 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला व 55 वर्ष के बुजुर्ग, मोहनपुरा की 46 वर्ष की महिला, चंदन नगर के 72 वर्षीय बुजुर्ग, नयापुरा के 58 वर्षीय बुजुर्ग, मदिना नगर के 55 वर्ष के बुजुर्ग, आलापुरा के 42 वर्षीय पुरुष, पलसीकर कॉलोनी के 54 वर्षीय पुरुष, पिंजारा बाखल के 65 वर्षीय बुजुर्ग, राजीव नगर खजराना के 62 वर्षीय बुजुर्ग, मोती तबेला के 50 वर्षीय और चंद्रभागा के पुरुष, चंपाबाग के 65 वर्षीय बुजुर्ग और अहिल्या पल्टन का 21 वर्षीय युवक पॉजिटिव आने वालों की सूची में शामिल हैं। 4 अप्रैल को एमआर टीबी अस्पताल लाया गया था मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. पंजवानी को 4 अप्रैल को एमआर टीबी अस्पताल लाया गया था। लेकिन सरकारी अस्पताल की बजाए गोकुलदास अस्पताल में उन्हें भर्ती किया गया। वहां उनका जब पहला एक्स-रे करवाया गया तो फेफड़े में एक फेज नजर आया। अगले दिन दूसरे एक्स-रे में फेज की संख्या 2 हो गई। इसके बाद तीसरे एक्सरे में पूरे फेफड़े में कई सारे फेज नजर आने लगे, क्योंकि गोकुलदास अस्पताल में स्टाफ की कमी है और आईसीयू की व्यवस्था मुफीद नहीं थी इसलिए उन्हें सीएचएल अस्पताल शिफ्ट किया गया। 3 दिन से उनका सीएचएल अस्पताल में इलाज चल रहा था। बुधवार देर रात एमजीएम मेडिकल कॉलेज के बुलेटिन में 40 मरीजों की सूची जारी की, जिसमें उनका सैंपल भी पॉजिटिव बताया गया। रात में ही उन्हें अरबिंदो अस्पताल शिफ्ट किया गया। पहली कोरोना संक्रमण की जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी बताया जा रहा है कि उनकी कंडीशन ऐसी नहीं थी कि उन्हें शिफ्ट किया जाए, लेकिन राज्य शासन ने कोविड-19 दिए हैं जहां संक्रमित मरीजों को रखा जाता है जैसे ही रिपोर्ट पॉजिटिव आती है मरीजों को तत्कालीन अस्पतालों में शिफ्ट किया जाता है। उनके पारिवारिक मित्र ने बताया कि उनकी पहली बार जब कोरोना संक्रमण की जांच की गई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई थी लेकिन एक्स-रे में बीमारी बढ़ती हुई दिखाई दे रही थी इसलिए जब दूसरी बार सैंपल जांच के लिए भेजा गया तब रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। उन्हें वेंटिलेटर पर जीवन रक्षक उपकरणों के सहारे रखा गया था लेकिन आज सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया इस मौके पर उनके तीनों बेटे भी उनके पास नहीं थे उनके तीनों बच्चे ऑस्ट्रेलिया में है। मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. पंजवानी ने सिंध से एमबीबीएस किया था। 22 मार्च से उन्हें सर्दी-जुकाम की समस्या हुई, लेकिन परिवार में उनके साथ कई लोगों को एलर्जी की समस्या थी तो सामान्य जुकाम समझा। 30 मार्च को पहली बार उनकी तबीयत खराब हुई तो जांच करवाने के लिए वो एमआर टीबी अस्पताल पहुंचे। पहली रिपोर्ट निगेटिव आई। दूसरी रिपोर्ट जब पॉजिटिव आई, तब वे अस्पताल में भर्ती हुए। 7 दिन पहले वीडियो में कहा- मैं बिलकुल फिट हूं डॉ. पंजवानी के उस वीडियो के अंश, जो उन्होंने चलाया था। उन्होंने कहा था किमैं स्वस्थ हूं और फिट हूं। घर में परिवार और बच्चों के साथ बैठा हूं। मेरे जो भी वीडियो चलाए जा रहे हैं, वह गलत हैं। आईएमए की ओर से डॉक्टर के परिवार को दिया जाएगा 10 लाख का फंड 62 वर्षीय डॉक्टर की मौत के बाद मेडिकल समुदाय भी सतर्क हो गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मध्यप्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष संजय लोंढे ने कोविड-19 से डॉक्टर की मौत पर अफसोस जताने के साथ ही कहा कि कई मरीजों में कोविड-19 के लक्षण कुछ दिन बाद प्रकट होते हैं। ऐसे में डॉक्टरों को खुद के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। आईएमए के डॉ. नटवर सारडा ने कहा कि आईएमए की ओर से 10 लाख का फंड परिवार को दिया जाएगा। ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. सुबीर जैन बताते है कि हफ्तेभर पहले ठीक थे। 5 दिन पहले ही उनमें लक्षण आने लगे। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया था। 2-3 दिन में ही अचानक उनकी तबीयत खराब हुई। परिवार में पत्नी और तीन बेटे हैं। उनके तीनों बेटे फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में हैं। उनका इंदौर में उनके चार परिजनों की मौजूदगी में कोविड-19 से बचाव के प्रोटोकॉल के मुताबिक दाह संस्कार किया गया। दिवंगत डॉक्टर को सोशल मीडिया पर कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शामिल हैं। 2. युवक की मौत, कोरोना संदिग्ध मान अंत्येष्टि में कोई नहीं आया गुरुकृपा कॉलोनी में 48 वर्षीय युवक की मौत हो गई। परिवार में बुजुर्ग माता-पिता और बेटा है। कोरोना से मौत के संदेह में पड़ोसी और अन्य लोग अंतिम संस्कार के लिए नहीं आए। ऐसे में अधिकारियों ने निगम के कर्मचारियों को बुलाया। तब जाकर अंतिम संस्कार हुआ। 3. पिता के संस्कार में नहीं आई बेटी, कहा 28 दिन क्वारेंटाइन रहना पड़ता पल्हर नगर में कोरोना पीड़ित 65 वर्षीय वृद्ध की मौत हो गई। इनकी दो बेटियां हैं, एक लंदन में ताे दूसरी बीना में। एसडीएम राकेश शर्मा ने बीना वाली बेटी काे कॉल कर अंतिम संस्कार के लिए आने को कहा। बेटी ने कहा- आई तो 28 दिन क्वारेंटाइन में रहना होगा। निगमकर्मियों ने अंतिम संस्कार किया। 4. उज्जैन से बेटी नहीं आई, मोहल्ले के युवाओं ने किया क्रियाकर्म संविद नगर निवासी 80 वर्षीय शीलाबाई अकेली रहती थीं। बुधवार रात उनका निधन हो गया। इकलौती बेटी उज्जैन में रहती है। उज्जैन में भी कर्फ्यू होने से वह नहीं आ सकी। ऐसे में क्षेत्र के धर्मेंद्र सोनकर, राजा कोठारी, राम सिलावट, हरि पटेल ने अंतिम संस्कार किया। और थाने के एसआई से संपर्क कर अंतिम संस्कार के सामान की दुकान खुलवाई। सामान की व्यवस्था होने पर रहवासी भोला भदौरिया, आदि ने महिला का अंतिम संस्कार किया। ई पास भोपाल से ऑनलाइन होंगे मप्र शासन ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान किसी व्यक्ति के मप्र के अंदर या मप्र के बाहर कहीं भी जाने के लिए मंजूरी लिए जाने की भोपाल स्तर पर ई पास व्यवस्था लागू कर दी है। इसके लिए 0755-2411180 पर व्यक्ति फोन कर सकता है। इसमें किसी मौत की स्थिति, मेडिकल इमरजेंसी (हार्टअटैक, केंसर, स्ट्रोक, कैंसर डायग्नो, कीमोथेरेपी, डिलेवरी आदि) के िलए आवेदन किया जा सकता है। इस व्यवस्था के बाद जिला प्रशासन ने इंदौर स्तर पर जारी की ऑनलाइन व्यवस्था बंद कर दी है। शवयात्रा में पांच से ज्यादा लोग नहीं शवयात्रा, अंतिम संस्कार के दौरान अधिक लोग आने से कोरोना संक्रमण फैलने के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने अंतिम संस्कार को लेकर प्रतिबंधात्मक धारा 144 में विविध निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत किसी की मृत्यु की दशा में अब अंतिम संस्कार, जनाजे के दौरान पांच से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं हो सकेंगे। अस्पताल मेंकोरोना पॉजिटिव मरीज या अन्य किसी बीमारी से मौत की दशा में देह को अस्पताल से सीधे शमशान, कब्रिस्तान, मुक्तिधाम स्थल पर भेजा जाएगा, देह को जिले की सीमा से बाहर नहीं भेजा जाएगा। कोरोना पॉजीटिव मरीज अथवा शंकास्पद मौत की स्थिति में सभी अस्पताल, सरकारी अधिकारी परिजन को समझाइश देकर इंदौर में ही अंतिम संस्कार कराएंगे, ऐसा नहीं होने पर संबंधित डॉक्टर के विरुद्ध पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। कोरोना पॉजीटिव व शंकास्पद मौत की स्थिति में अस्पताल मृत देह को पैक करने में पूरा प्रोटोकॉल पालन करेगा। यलो अस्पतालों के लिए 36 डॉक्टर कोरोना के संदिग्ध लक्षण वालों मरीजों के उपचार के लिए जिला प्रशासन ने आठ अस्पातलों को यलो कैटेगरी में रखा है। इसमेंचिकित्सकों की आ रही कमी को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने शासन द्वारा जारी एस्मा आदेश के तहत 36 डॉक्टरों की ड्यूटी अस्पतालों में मरीजों के उपचार के लिए लगा दी है। जिले मेंपहली बार इस तरह के आदेश जारी हुए हैं। इन डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य करने के साथ ही इन सातों अस्पातलों में किसी भी डॉक्टर की अनुपस्थिति को लेकर कलेक्टर ने साफ कहा है कि किसी की भी छुट्टी की मंजूरी कलेक्टर द्वारा ही जारी होगी।इसलिए सभी सौ फीसदी स्टॉफ का आना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today डॉ. पंजवानी के तीन बेटे हैं। तीनों ऑस्ट्रेलिया में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। भारत से फ्लाइट बंद होने के कारण ऑस्ट्रेलिया में ही फंसे हुए हैं। पिछले कई दिन से वे पिता की बीमारी से चिंतित थे और वहीं से बार-बार अपने पिता के इलाज की स्थिति जान रहे थे। गुरुवार को पंजवानी के निधन के बाद वे उन्हें मुखाग्नि तक नहीं दे पाए। उन्होंने मोबाइल पर पिता के अंतिम दर्शन किए। How to search keywords April 10, 2020 काेराेनावायरस संक्रमण के कारण इंदाैर में गुरुवार सुबह एक डाॅक्टर की माैत हाे गई। रूपराम नगर में रहने वाले 62 वर्षीय डा…