IFTTT लॉक डाउन के बीच उन लोगों की मुसीबतें सबसे ज्यादा बढ़ गई हैं जो दिहाड़ी मजदूरी कर पेट पालते हैं। इन्हें कोई सुविधा नहीं चाहिए, सिर्फ दो टाइम की रोटी के लिए लिए यह दिनभर मजदूरी करते हैं। लॉक डाउन के बीच में ऐसे कई परिवार हैं, जिन्हें भरपेट खाना मिलना तक मुश्किल हो गया है। कराहल से लेकर विजयपुर व वीरपुर की करीब 60 फीसदी आबादी मजदूरी यानी दिहाड़ी पर निर्भर है। जबकि कराहल में तो 90 फीसदी लोग इसी पर आश्रित हैं। ऐसे में लॉक डाउन के चलते यह आदिवासी परिवार अब बेरोजगार हो चुके हैं और घरों में खाने के लाले पड़े चुके हैं। कराहल में समाजसेवी संगठनों के जरिए राशन भेजा जा रहा है, लेकिन हर एक तक यह राशन नहीं पहुंच पा रहा है। लॉक डाउन के बीच तीन दिनी कर्फ्यू ने भी गरीबों की मुसीबत बढ़ा दी है। कर्फ्यू के बीच घरों में आटा, दाल, तेल या अन्य खाद्य सामग्री खत्म होने पर लोग सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। लेकिन यहां अब तक किसी की समस्या का समाधान नहीं किया गया है। लोगों ने खुद ही इसका उपाय निकाला और राशन की पूर्ति पड़ोसी व अन्य लोगों के जरिए की। डोब सहराना में भूखी बैठी वृद्धा ने कहा- राशन देकर भूल गया प्रशासन... निमानिया गांव में एक या दो नहीं बल्कि कई ऐसे परिवार हैं, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। इसी के चलते उन्हें राशन का वितरण भी नहीं हुआ। अब यह लोग प्रशासन और समाजसेवियों के आने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्हें प्रशासन व समाजसेवियों के जरिए थोड़ा राशन दिया था, लेकिन वह खत्म हो चुका है। ऐसे में वह कर्फ्यू के बीच परेशान हैं, क्योंकि समाजसेवी भी उन तक राशन नहीं पहुंचा पा रहे हैं। वृद्धा ने कहा कि यहां तो प्रशासन ने अब तक गांवों में कोई खैर खबर ही नहीं ली है। पहले राशन देकर वह तो उन्हें भूल ही गया, अब वह क्या खाएंगे। बंद के कारण कुछ भी नहीं मिल रहा है। पप्पू बोला- ऐसे तो मैं और बच्चे भी भूखे मर जाएंगे अपने बच्चों के साथ अपनी झोपड़ी के बाहर खड़ा पप्पू। कराहल तहसील भोटूपुरा गांव निवासी पप्पू आदिवासी ने बताया कि उसकी पत्नी तो पहले ही मर चुकी है, अब उसके तीन बच्चे हैं, जिनकी पूरी जिम्मेदारी अब उसी पर है। वह दिहाड़ी कर लाता है फिर भोजन बनाकर बच्चों को खिलाता है। लेकिन लॉक डाउन के बीच उसकी झोपड़ी में अब खाने को कुछ नहीं बचा है। यहां मदद भी किससे मांगें, क्योंकि सभी उसी की तरह जीवन यापन कर रहे हैं। पप्पू ने बताया कि ऐसे तो वह और उसका परिवार भूखा मर जाएगा, क्योंकि उनके पास कोई विकल्प ही नहीं है। यहां चौरासी महापंचायत के टुंडा राम आदिवासी ने उसे कुछ आटा दिया, ऐसे में रुखी रोटी खाकर उसने अपना व बच्चों का पेट भरा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today निमानिया गांव में अपने घर में कई दिन से मदद की आस लगाए बैठी बुजुर्ग महिला। How to search keywords April 10, 2020 लॉक डाउन के बीच उन लोगों की मुसीबतें सबसे ज्यादा बढ़ गई हैं जो दिहाड़ी मजदूरी कर पेट पालते हैं। इन्हें कोई सुविधा नहीं च…
IFTTT इनको सलाम... ये हैं कोरोना से लड़ने वाले योद्धा, 450 लोगों की स्क्रीनिंग कर चुके 4 स्क्रीनिंग दलों द्वारा अब तक 78 घरों का भ्रमण कर 450 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई है। जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है। अब कसरावद की दो महिलाओं में संक्रमण की पुष्टि के साथ पीड़ितों की संख्या 14 हो गई है। इनमें 2 लोगों की मौत हो चुकी है। कसरावद के वार्ड 2 की 30 वर्षीय महिला का पति व सास 13 मार्च को सऊदी अरब उमराह की यात्रा से लौटे थे। महिला के पति ने सेंधवा के कोरोना पॉजिटिव परिवार के सदस्यों के साथ यात्रा की थी। वार्ड 11 की 40 वर्षीय महिला को उसके पति से संक्रमित होने की आशंका है। हालांकि उनकी रिपोर्ट नहीं आई है। 27 मार्च को महिला का पति उसके बड़गांव निवासी कोरोना संक्रमित जीजा को बाइक से निमरानी फाटे से खरगोन के नवग्रह मंदिर तक छोड़ने गया था। उमराह यात्री सेंधवा के बुजुर्ग की मौत व परिवार के सदस्यों और बड़गांव के युवक में कोराेना की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 5 अप्रैल को पति-पत्नी व उनके साथ रह रहे पुत्र के अलावा वार्ड 11 निवासी युवक, उसकी पत्नी और माता-पिता के सैंपल लिए थे। गुरुवार रात को मिली रिपोर्ट में दो महिलाओं के संक्रमित होने की पुष्टि हुई। यह सभी होम आइसोलेट थे। रिपोर्ट आने के बाद दोनों महिलाओं को इंदौर रैफर कर दिया गया है। दोनों परिवार के अन्य 5 सदस्य खरगोन जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में हैं। पीड़िता की सास उमराह से लौटी ठीकरी में उतरी विकासखंड कार्यक्रम अधिकारी गिरनार भूरिया ने बताया पॉजिटिव महिला की सास सेंधवा के बाद ठीकरी रिश्तेदारी में चली गई। वह अभी कसरावद नहीं लौटी। प्रशासनिक टीम ने बड़वानी स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर सैंपल लेने को कहा है। जानकारी के मुताबिक 5 अप्रैल के बाद से अब तक सैंपल नहीं लिए गए हैं। गोगावां में उमराह से लौटे 11 लोगों के सैंपल लिए उमराह की यात्रा कर लौटे 11 लोगों के गुरुवार को सैंपल लिए। तहसीलदार आरसी खतेड़िया ने बताया उमराह से लौटी कसरावद की महिला के पॉजिटिव आने के बाद 11 लोगों के सैंपल जांच के लिए इंदौर भेजे हैं। यह लोग संक्रमित महिला के साथ यात्रा पर गए थे। रिपोर्ट आने तक सभी को घर पर रहने को कहा है। उमराह से लौटे नगर के अन्य 3 लोगों के सैंपल पहले ही इंदौर भेजे हैं। 38 नए सैंपल, 94 रिपोर्ट निगेटिव सीएमएचओ कार्यालय के मुताबिक दामखेड़ा के क्वारंटाइन में 8 मरीज भर्ती हैं। 2 मरीजों को डिस्चार्ज किया। जिला अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में 7 मरीज भर्ती है। होम आइसोलेशन में 55, अभी तक लिए कुल सैंपल 255, आज लिए गए सैंपल 38, रिपोर्ट आना शेष 110, पॉजिटिव सैंपल 14, निगेटिव आए सैंपल 94, कोरोना से मृत्यु 2, स्क्रीनिंग किए गए मरीजों की संख्या 17160, सर्दी, खांसी व बुखार के मरीज 1376। कंट्रोल रूम में शिकायतें 14 आई। जिले के तीन कंटेनमेंट क्षेत्र के अब तक की स्थिति सहकार नगर : यहां 43 घरों में 259 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। कोई भी सर्दी, खांसी व बुखार का मरीज नहीं मिला। अब तक 114 सैंपल लिए गए। 37 की नेगेटिव व 9 मरीज पॉजिटिव मिले हैं। 68 सैंपल की रिपोर्ट आना शेष है। आसनगांव : यहां 522 घरों में 2695 लोगों की स्क्रीनिंग हुई। 6 मरीज सर्दी व खांसी के मिले। यहां कुल 21 में से 17 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। एक पॉजिटिव मरीज मिला है। 3 की रिपोर्ट आना बाकी है। बड़गांव : यहां 62 लोगाें की स्क्रीनिंग गई। 4 सर्दी व खांसी के मरीज मिले। कुल 32 सैंपल लिए गए हैं। 23 की रिपोर्ट आना शेष है। 8 निगेटिव व 1 पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सहकारनगर कंटेनमेंट एरिया में डॉक्टरों को गुलदस्ता देकर काम की प्रशंसा की गई। 4 स्क्रीनिंग दलों द्वारा अब तक 78 घरों का भ्रमण कर 450 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई है। How to search keywords April 10, 2020 इनको सलाम... ये हैं कोरोना से लड़ने वाले योद्धा, 450 लोगों की स्क्रीनिंग कर चुके 4 स्क्रीनिंग दलों द्वारा अब तक 78 घरो…
IFTTT प्रदेश में कोरोना वायरस के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के लक्षण दिखने लगे हैं। गुरुवार देर रात स्टेट वायरोलॉजी लैब भोपाल की रिपोर्ट में विदिशा शहर में 5 और गंजबासौदा शहर में 4 और 1 लटेरी कोरोना पॉजिटिव नए मरीज मिलने का खुलासा हुआ है। इससे पहले 8 अप्रैल को गंजबासौदा में 1 और सिरोंज में 6 अप्रैल को 1 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुका है। इस प्रकार विदिशा जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या का आंकड़ा 13 तक पहुंच गया है। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर उनके संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। बासौदा और सिरोंज में 1 कोरोना पॉजिटिव मरीज पहले ही मिल चुके हैं। सीएमएचओ डॉ. केएस अहिरवार और कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने बताया कि गुरुवार देर रात स्टेट वायरोलॉजी भोपाल की रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि विदिशा शहर में कोरोना पॉजिटिव 5 नए मरीज मिले हैं । ये मरीज विदिशा शहर के किला अंदर, चोपड़ा मोहल्ला, लोहंगीपुरा और स्वर्णकार कॉलोनी आदि क्षेत्रों के रहने वाले हैं। इन सभी मरीजों की रात में ही सर्चिंग करवाई गई। जो नए मरीज मिले हैं इनके सैंपल स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पॉजिटिव मरीज मिलने का खुलासा हुआ है। कंटेनमेंट किया गया है पूरे क्षेत्र को कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन का कहना है कि जिन जगह पर कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, उसको कंटेनमेंट किया गया है। जहां किसी को आने जाने की मनाही रहेगी। वहीं प्रशासन ने आज से मास्क और चेहरे पर कपड़ा बांधकर ही घर से निकलने के आदेश जारी किए हैं। मैदानी अमले को ग्लब्स नहीं ऐसे माहौल के बीच संक्रमितों की पड़ताल करने घर-घर सर्वे कर रहा मैदानी अमला ही असुरक्षित है। सर्वे में जुटे मैदानी अमले को विभाग ने संक्रमण से बचाव के लिए पूरे साधन उपलब्ध नहीं कराए हैं। इससे कई आशा कार्यकताएं हाथों में बिना ग्लब्स पहने ही सर्वे करते दिखाई दे रही हैं। 21698 की हुई स्क्रीनिंग जिले में बाहर से आए 21698 मरीजों की अब तक स्क्रीनिंग की जा चुकी है। गुरुवार की स्थिति में जिला अस्पताल में 13 मरीज क्वारेंटाइन हैं, जबकि 12 मरीजों को आइसोलेशन में हैं। जिले में सिर्फ गुरुवार को ही 63 मरीजों के सैंपल कोरोना की जांच के लिए लेकर भेजे गए हैं। जबकि जिले में 299 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। अभी तक कुल 151 मरीजों की रिपोर्ट आ चुकी हैं, जिनमें दो कोरोना पॉजिटिव आए हैं, जबकि 149 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 3500 अमला जुटा सर्वे में सिरोंज और बासौदा के बाद विदिशा शहर में भी सर्वे शुरू हो चुका है। शमशाबाद, नटेरन और लटेरी में भी सर्वे शुरू किया जा रहा है। इस सर्वे में स्वास्थ्य विभाग की एएनम, एमपीडब्ल्यू, आशा-ऊषा कार्यकर्ता व सहयोगी के अलावा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं और नगरीय निकायों का अमला जुड़ी अन्य जानकारियां जुटा रहा है। सीएमएचओ डॉ. केएस अहिरवार ने बताया कि जिले में करीब 3500 से अधिक मैदानी कर्मचारियों की इस सर्वे में स्थानीय स्तर पर ड्यूटी लगाई गई है। अब तक कहां कितने मरीज मिले विदिशा 6, बसौदा 5, सिरोंज 1, लटेरी 1, कुल 13 Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today स्वासथ् विभाग की टीम घर-घर जाकर सक्रीनिंग कर रही है। How to search keywords April 10, 2020 प्रदेश में कोरोना वायरस के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के लक्षण दिखने लगे हैं। गुरुवार देर रात स्टेट वायरोलॉजी लैब भोपाल की र…
IFTTT नागदा में 21 साल के युवक की कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार काे उसकी 20 वर्षीय बहन के भी संक्रमित होने की बात सामने आई। युवक 1 अप्रैल को ट्रक में सवार होकर इंदौर से नागदा पहुंचा था। इसके बाद बीमार होने पर पिता उसे जबरन जांच करवाने अस्पातल लेकर पहुुंचे थे। युवती की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब उज्जैन में संक्रमितों का आंकड़ा 16 हो गया है। अब तक 5 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। संक्रमित क्षेत्र की नाकाबंदी कर सील कर दिया गया है। युवक के सभी 9 परिजनों को उज्जैन में आइसाेलेशन में रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र के सभी 426 घरों के 2134 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहा है। युवक ट्रक ड्राइवर है और जांच कराने के स्थान पर इंदौर से भागकर नागदा पहुंचा था। उज्जैन सीएचएमओ कार्यालय से सोमवार रात बीएमओ डॉ. कमल सोलंकी को नागदा निवासी 21 वर्षीय युवक की रिपाेर्ट पाॅजीटिव मिलने की सूचना मिली थी। इसके बाद प्रशासन ने रात में नई दिल्ली (किरण टॉकीज के पीछे) क्षेत्र के गली नंबर एक क्षेत्र काे क्वारेंटाइन घाेषित कर सील कर दिया था। युवक के परिवार के 9 लोगों के साथ उसके एक मित्र को भी उज्जैन जिला चिकित्सालय में रखा गया है। पुलिस ने नई दिल्ली क्षेत्र काे क्वारेंटाइन कर दिया है। मंडी थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा ने बल के साथ क्षेत्र में भ्रमण नई दिल्ली अाने-जाने वाले 9 रास्तों काे सील कर दिया, ताकि काेई भी व्यक्ति अंदर या बाहर नहीं जा सके। चाचा के लड़के साथ ही घूम रहा था युवक युवक का गली नंबर एक में ही दो मंजिला मकान है। नीचे के हिस्से में युवक परिवार सहित रहते हैं, ऊपरी मंजिल पर उसके चाचा रहते हैं। प्रशासन को मिली जानकारी के अनुसार संक्रमित युवक के 16 वर्षीय चाचा के लड़के से सबसे ज्यादा पटती थी। दोनों दिनभर घूमने के साथ अक्सर रात में एक साथ में ही सोते भी थे। बताया जा रहा है चाचा के लड़के का क्षेत्र के कई लोगों के घर में अाना-जाना है। ऐसे में स्वास्थ्य अमला अब ऐसे लोगों को भी चिह्नित कर रहा है। जिन घरों में चाचा के लड़के की आवाजाही बीते दिनों में सबसे ज्यादा रही है। पिता की सजगता से सामने आया मामला क्षेत्र के लोगों के अनुसार युवक 1 अप्रैल की रात में ही इंदौर से भागकर आया था। इंदौर में इसके साथ रहने वाले दो दोस्तों में कोरोना संक्रमण मिला था। जब इसकी जांच का नंबर आया तो ये वहां से भागकर नागदा आ गया। इंदौर निवासी किसी परिचित ने ही युवक के पिता को कॉल कर यह सूचना थी कि उनका बेटा जांच कराने की बजाए वहां से भाग आया है। परिचित की सूचना पर पिता ने गौर किया तो पता चला मोहसिन को पेट दर्द की शिकायत है, साथ ही वह हांफ भी रहा है। इस पर पिता जबरदस्ती बेटे को लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे थे। क्षेत्र के रहवासियों ने यह भी बताया कि युवक को हॉस्पिटल ले जाने पर मां और दादी ने घर में काफी हंगामा भी किया था। बावजूद युवक की मां और दादी को फटकारते हुए उसे अस्पताल ले गए थे। काेराेना के शुरुआती लक्षण नहीं मिले पर सीधे सांस लेने में हो रही थी तकलीफ बीएमओडाॅ. साेलंकी ने बताया युवक ट्रक ड्राइवर है। वह इंदाैर के चंदननगर से ट्रक में 1 अप्रैल काे शहर पहुंचा था। 4 अप्रैल काे उसे तकलीफ हाेने पर रात 10 बजे वह अस्पताल पहुंचा था। इसका उपचार डाॅ. समन कुरैशी ने किया था। युवक काे सर्दी-खांसी व फीवर की शिकायत नहीं थी। बावजूद सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इस पर उसे जिला अस्पताल भेजा। जहां मामला संदिग्ध होने पर सैंपल जांच के लिए भेजा था। डाॅ. साेलंकी के मुताबिक उसका परिवार रविवार रात काे भी अस्पताल जांच कराने पहुंचा था, लेकिन अस्पताल बंद हाेने से लाैट गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today युवक काे सर्दी-खांसी व फीवर की शिकायत नहीं थी। बावजूद सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इस पर उसे जिला अस्पताल भेजा। जहां मामला संदिग्ध होने पर सैंपल जांच के लिए भेजा था। How to search keywords April 10, 2020 नागदा में 21 साल के युवक की कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार काे उसकी 20 वर्षीय बहन के भी संक्रमित होने की ब…
IFTTT संक्रमण के खतरे को देखते हुए भोपाल में 14 अप्रैल तक टोटल लॉकडाउन कर दिया गया है। इस दौरान राशन की परेशानी न आए, इसके लिए जिला प्रशासन ने सांची पॉर्लरों पर किराना रखना और वहां से सप्लाई की व्यवस्था शुरू कर दी है। वहीं, नगर निगम की कचरा गाड़ियों के माध्यम से भी लोगों से उन्हें राशन की जरूरत और घर का पता मांगा जा रहा है, जिससे अगले दिन उन्हें राशन की होम डिलेवरी की जा सके। इधर, लगातार 5 दिन के बाद संक्रमितों की संख्या में कमी आई है। 7 अप्रैल को जहां कोरोना संक्रमण के 23 नए मामले आए थे, वहीं 8 अप्रैल को 12 और 9 अप्रैल को ये घटकर 4 पर पहुंच गई। हालांकि लॉकडाउन के 17वें दिन आज सुबह 10 नए केस सामने आए हैं। इस तरह से भोपाल में संक्रमित मरीजों की संख्या 109 हो गई है। शहर के 80 से ज्यादा इलाकों को सील किया गया है। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के बाद अब गांधी मेडिकल कॉलेज की दो जूनियर डॉक्टर कोरोना से पॉजीटिव पाई गई हैं। गुरुवार देर रात आई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। दोनों पॉजीटिव जूनियर डॉक्टर पीएसएम और स्त्री रोग विभाग में कार्यरत हैं। दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जीएमसी के प्रभारी डीन डॉ. एके श्रीवास्तव ने सभी एचओडी की इमरजेंसी मीटिंग कॉल की है। लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 24 घंटे में 57 केस भोपाल पुलिस ने 24 घंटे में लॉकडाउन उल्लंघन करने वालों पर 57 केस दर्ज किए हैं। यहां पर 22 मार्च से अब तक लॉकडाउन उल्लंघन के कुल 810 मामले दर्ज हुए हैं। उल्लंघन के इन मामलों में प्रमुख रूप से बेवजह रोड पर पैदल व वाहनों से घूमना, किराना और मीट की दुकान खोलकर शासकीय आदेशों का उल्लंघन करना है, इसमें हाथ-ठेला पर सब्जी बेचकर आदेशों का उल्लंघन करना भी शामिल है। टोटल लॉकडाउन से बढ़ी दिक्कतें, घरों में राशन की किल्लत सरकार ने गुरुवार को देर रात 14 मार्च तक पूरे प्रदेश में टोटल लॉकडाउन का आदेश जारी कर दिया। पहले से चले आ रहे लॉकडाउन से ही लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। घरों में जरुरी सामान खत्म हो गया है। बीते एक सप्ताह से दुकानें नहीं खुलने से लोग सामान नहीं खरीद पा रहे हैं। सरकार जो व्यवस्था करने के दावे कर रही है वो पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। लोग परेशान हैं, दूध सप्लाई बंद होने से बच्चों के पीने तक को दूध नहीं मिल पा रहा है। सबसे ज्यादा स्थिति ग्रामीण इलाकों की खराब है। जानकारी के अनुसार कई इलाकों में 15 दिन से किराने के सामान की सप्लाई नहीं हुई है। थोक की दुकानों पर भी सामान खत्म हो गया है। अब तीन श्रेणियों में होगा कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज राजधानी भोपाल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अब तीन लक्षणों के आधार पर श्रेणियों में बांटकर इलाज किया जाएगा। इसके लिए अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली डेडिकेटेड एंबुलेंस जैसी तमाम जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी सभी इन मरीजों को एक ही अस्पताल में रखकर इलाज किया जा रहा है। फिर चाहे उसमें कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हों या फिर नहीं। सिर्फ सैंपल जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। मरीजों व अस्पतालों की 3 श्रेणियां पहली श्रेणी - इसमें वे व्यक्ति हैं जिनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव तो आया है, लेकिन वे स्वस्थ हैं और सामान्य नजर आ रहे हैं। इन अस्पतालों में चिह्नित कोविड केयर सेंटर आएंगे। आपदा प्रबंधन संस्थान के रेस्ट हाउस में भी 24 बेड उपलब्ध हैं। दूसरी श्रेणी - इसमें वे व्यक्ति आएंगे जिनका टेस्ट पॉजिटिव आने के साथ ही सर्दी, खांसी समेत संक्रमण के मध्यम लक्षण हैं। इन अस्पतालों में चिह्नित कोविड स्वास्थ्य केंद्र आएंगे जिनमें ऑक्सीजन सप्लाई और लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली डेडिकेटेड एंबुलेंस है। इस श्रेणी के अस्पतालों में शामिल एम्स में 70 बेड, जीएमसी में 60 बेड, चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में 500 बेड, बीएमएचआरसी में 40 बेड की सुविधा रहेगी। तीसरी श्रेणी - इसमें वे व्यक्ति आएंगे जिनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई हैं और हालत गंभीर है। इन अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, डेडीकेटेड एंबुलेंस विद लाइफ सपोर्ट सिस्टम और शव वाहन की व्यवस्था रहेगी। इस श्रेणी के अस्पतालों में शामिल एम्स, जीएमसी, चिरायु व बंसल हैं। मप्र में 446 कोरोना संक्रमित मध्य प्रदेश में 411 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इनमें एक पॉजिटिव यूपी के कौशांबी का रहने वाला है। इनमें इंदौर में 235, भोपाल में 109, मुरैना में 13, उज्जैन में 15, खरगोन में 12, बड़वानी में 12, विदिशा 13, जबलपुर में 9, ग्वालियर में 6, होशंगाबाद में 6, छिंदवाड़ा में 2, खंडवा में 5, देवास में 3, शिवपुरी 2, धार, बैतूल, श्योपुर, रायसेन, रतलाम में एक-एक संक्रमित मिला। अब तक इंदौर में 22, उज्जैन में 5, खरगोन 2, भोपाल, छिंदवाड़ा, रतलाम, देवास में एक-एक की मौत हो गई। इसमें इंदौर 21, जबलपुर 3, भोपाल 2, शिवपुरी और ग्वालियर में एक-एक मरीज स्वस्थ्य होने पर घर भेज दिया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today भोपाल में राशन की सप्लाई के लिए किराने का सामान सांची पॉर्लरों पर रखा जा रहा है। यहां से नगर निगम इसकी सप्लाई करेगा। How to search keywords April 10, 2020 संक्रमण के खतरे को देखते हुए भोपाल में 14 अप्रैल तक टोटल लॉकडाउन कर दिया गया है। इस दौरान राशन की परेशानी न आए, इसके ल…
IFTTT लॉक डाउन का आज 17वां दिन है। 415 संक्रमित और मौतों का आंकड़ा 28 पर पहुंच गया है। भोपाल से लगे छोट से जिले विदिशा में एक दिन में 10 संक्रमित मिलने से पूरे जिले हड़कंप की स्थिति है। यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 12 हो गई है। राज्य सरकार के संक्रमण रोकने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पब्लिक हेल्थ एक्ट की धारा 71(1) के तहत पूरे प्रदेश में मास्क पहनना कंपलसरी कर दिया है। इसके तहत अब लोग घर से बाहर बिना मास्क के नहीं निकल सकेंगे। जो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार संक्रमित 20 जिलों के में जहां संक्रमित मरीज मिले हैं वहां की 46 बस्तियों को हॉट स्पॉट मान सील करने के आदेश दिए गए हैं। टोटल लॉक डाउन ने बढ़ाई परेशानी, घरों में खाना बनाने के सामान की कमी गुरुवार देररात प्रदेश सरकार ने 14 मार्च तक पूरे प्रदेश में टोटल लॉक डाउन के आदेश जारी कर दिए हैं। पहले से चले आ रहे लॉक डाउन से ही लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जरुरी सामान खत्म हो गया है। सरकार का दावा है कि पूरे प्रदेश में सभी जरुरी सामान की कोई कमी नहीं हो दी जाएगी लेकिन, हकीकत में जरुरी सामान की कमी हो गई है। बीते एक सप्ताह से दुकानें नहीं खुलने से लोग सामान नहीं खरीद पा रहे हैं। सरकार जो व्यवस्था करने के दावे कर रही है वो पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। लोग परेशान हैं दूध सप्लाई बंद होने से बच्चों तक को पीने के लिए दूध तक नहीं मिल पा रहा है। सबसे ज्यादा स्थिति ग्रामीण इलाकों की खराब है। जानकारी के अनुसार कई इलाकों में 15 दिन से किराने के सामान की सप्लाई नहीं हुई है। थोक की दुकानों पर भी सामान खत्म हो गया है। गौशालाओं में गायों के लिए चारा खत्म हुआ लॉक डाउन का असर प्रदेशभर की गौशालाओं पर भी पड़ा है। यहां गायों को दिया जाने वाला चारा खत्म हो गया है। कई गौशालाओं में दिन में एक बार थोड़ा सा भूसा दिया जा रहा है। जो लोग गौशालाओं की व्यक्तिगत तौर पर मदद करते थे वे लॉक डाउन की वजह से मदद करने में असमर्थ हैं। प्रदेश में फसल की कटाई नहीं होने से भूसा भी नहीं आ पा रहा है। प्रदेश भर की गौशालाओं में गायें भूखे मरने की कगार पर आ गई है। सूत्रों का कहना है कि लॉक डाउन की वजह से सही जानकारी सामने नहीं आ रहा है। राज्य के 20 जिले कोरोना प्रभावित; 15 जिलों में 46 कोरोना हॉटस्पॉट कोरोना से ज्यादा प्रभावित 20 जिलों के 46 हॉटस्पॉट को पूरी तरह सील करने के आदेश दे दिए गए हैं। कोरोना से प्रभावित भोपाल, इंदौर और उज्जैन को पहले ही पूरी तरह से सील किया जा चुका है। इन क्षेत्रों में आने-जाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। प्रदेश के 15 जिलों के कुल 46 क्षेत्रों को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, जहां कोरोना संक्रमण के मामले मिले हैं। जबलपुर 8, ग्वालियर 6, खरगोन 5, बड़वानी 5, छिंदवाड़ा 5, देवास 4, होशंगाबाद 3, विदिशा 2, खंडवा 2, मुरैना, शिवपुरी, बैतूल, श्योपुर, रायसेन और धार की 1-1 जगह को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि प्रदेश की कोरोना टेस्टिंग क्षमता 1050 प्रतिदिन हो गई है। टेस्टिंग किट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं। राजधानी भोपाल में जहां संक्रमित मरीज मिले हैं उन्हें हॉट स्पॉट घोषित कर दिया गया है। यहां बाहरी और यहां के निवासियों को बाहर जानें पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रशासन का दावा है कि हर जरूरी सामान यहां रहने वालों को उनके घर पर ही मुहैया कराया जाएगा। अब तीन श्रेणियों में होगा कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज राजधानी भोपाल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अब तीन लक्षणों के आधार पर श्रेणियों में बांटकर इलाज किया जाएगा। इसके लिए अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली डेडिकेटेड एंबुलेंस जैसी तमाम जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी सभी इन मरीजों को एक ही अस्पताल में रखकर इलाज किया जा रहा है। फिर चाहे उसमें कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हों या फिर नहीं। सिर्फ सैंपल जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। ऐसे में इस बात की आशंका बनी रहती है कि एक मरीज में कोई भी लक्षण नहीं हैं और दूसरे मरीज में गंभीर लक्षण हैं तो बिना लक्षण वाला मरीज गंभीर रूप बीमार से संक्रमित हो सकता है। ये होंगी मरीजों व अस्पतालों की 3 श्रेणियां... इसमें वे व्यक्ति हैं जिनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव तो आया है, लेकिन वे स्वस्थ हैं और सामान्य नजर आ रहे हैं। इन अस्पतालों में चिह्नित कोविड केयर सेंटर आएंगे। आपदा प्रबंधन संस्थान के रेस्ट हाउस में भी 24 बेड उपलब्ध हैं। इसमें वे व्यक्ति आएंगे जिनका टेस्ट पॉजिटिव आने के साथ ही सर्दी, खांसी समेत संक्रमण के मध्यम लक्षण हैं। इन अस्पतालों में चिह्नित कोविड स्वास्थ्य केंद्र आएंगे जिनमें ऑक्सीजन सप्लाई और लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली डेडिकेटेड एंबुलेंस है। इस श्रेणी के अस्पतालों में शामिल एम्स में 70 बेड, जीएमसी में 60 बेड, चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में 500 बेड, बीएमएचआरसी में 40 बेड की सुविधा रहेगी। इस श्रेणी में वे व्यक्ति आएंगे जिनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई हैं और हालत गंभीर है। इन अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, डेडीकेटेड एंबुलेंस विद लाइफ सपोर्ट सिस्टम और शव वाहन की व्यवस्था रहेगी। इस श्रेणी के अस्पतालाें में शामिल एम्स, जीएमसी, चिरायु व बंसल हैं। विदिशा में 5, लटेरी में एक, गंजबासौदा में चार और कोरोना पॉजिटिव मिले गुरुवार देर रात स्टेट वायरोलॉजी लैब भोपाल की रिपोर्ट में विदिशा शहर में 5 और गंजबासौदा शहर में 4 और 1 लटेरी कोरोना पॉजिटिव नए मरीज मिलने का खुलासा हुआ है। इससे पहले 8 अप्रैल को गंजबासौदा में 1 और सिरोंज में 6 अप्रैल को 1 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुका है। इस प्रकार विदिशा जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या का आंकड़ा 12 तक पहुंच गया है। बासौदा और सिरोंज में 1 कोरोना पॉजिटिव मरीज पहले ही मिल चुके हैं। सीएमएचओ डॉ. केएस अहिरवार और कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने बताया कि गुरुवार देर रात स्टेट वायरोलॉजी भोपाल की रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि विदिशा शहर में कोरोना पॉजिटिव 5 नए मरीज मिले हैं । ये मरीज विदिशा शहर के किला अंदर, चोपड़ा मोहल्ला, लोहंगीपुरा और स्वर्णकार कॉलोनी आदि क्षेत्रों के रहने वाले हैं। ऐसे माहौल के बीच संक्रमितों की पड़ताल करने घर-घर सर्वे कर रहा मैदानी अमला ही असुरक्षित है। सर्वे में जुटे मैदानी अमले को विभाग ने संक्रमण से बचाव के लिए पूरे साधन उपलब्ध नहीं कराए हैं। इससे कई आशा कार्यकताएं हाथों में बिना ग्लब्स पहने ही सर्वे करते दिखाई दे रही हैं। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर उनके संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। जिस काम में कार्यकर्ताएं जुटी हुई है। जिले में बाहर से आए 21698 मरीजों की अब तक स्क्रीनिंग की जा चुकी है। गुरुवार की स्थिति में जिला अस्पताल में 13 मरीज क्वारेंटाइन हैं, जबकि 12 मरीजों को आइसोलेशन में हैं। टोटल लॉक डाउन के आदेश के बावजूद भी लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे लोगों को पुलिस की समजआइश का कोई असर नहीं हो रहा है। ऐसे लोगों को पुलिस सड़क पर ही सजा दे रही है। 50 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस्तीफे दिए भोपाल में 40 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव मिलने और इंदौर में कोरोना पॉजिटिव एक डॉक्टर की मौत के बाद प्रदेश में डॉक्टरों के बीच दहशत है। ग्वालियर में गजराराजा मेडिकल कॉलेज के 50 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया है। करीब सप्ताहभर पहले ही जीआरएमसी में 92 रेजिडेंट जूनियर डॉक्टर ने ज्वाइन किया था, एक हफ्ते के अंदर इनमें से 50 डॉक्टरों ने अपने इस्तीफे दे दिए। उनसे जो बांड भरवाया गया था, उसके बदले भी 5 लाख रुपए बाद में भरने को राजी हो गए हैं। इधर, 8 अप्रैल को शिवराज सरकार ने प्रदेश में एस्मा लगा दिया था, जिससे 25-30 डॉक्टरों के इस्तीफे नामंजूर हो गए हैं। गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के पीआरओ डॉ. केपी रंजन ने बताया कि कि उनके पास पर्याप्त स्टॉफ है, इन डॉक्टरों की भर्ती इमरजेंसी के लिहाज से की गई थी। कोरोना से लड़ने के लिए गजराराजा मेडिकल कॉलेज ने 114 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी। गजरा राजा मेडिकल कॉलेज ने 114 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी। 3 महीने की संविदा नियुक्ति के लिए भर्ती के दौरान करीब 92 डॉक्टर ज्वाइनिंग के लिए तैयार हुए थे, इन डॉक्टर्स ने एक अप्रैल को ज्वाइन किया। जीआरएमसी ने इन डॉक्टर्स को जयारोग्य अस्पताल, कमलाराजा महिला एवं बाल चिकित्सालय और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में तैनात किया था, लेकिन तैनाती के हफ्ते भर के अंदर कोरोना के डर से 50 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया। ग्वालियर में बुधवार को चार नए मरीज मिलने से पूरे शहर में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों की सक्रीनिंग कर रही है। और लोगों से अपनी जांच कराने का आग्रह कर रही है। ग्वालियर का दूसरा मरीज भी स्वस्थ्य होकर घर लौटा बीएसएफ टेकनपुर के अफसर अशोक कुमार (57) ने कोरोना से जंग जीत ली है। 13 दिन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती रहे अशोक कुमार की दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद गुरुवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई। वह कोरोना से जंग जीतने वाले जिले के दूसरे शख्स हैं। चार दिन पहले चेतकनपुरी निवासी अभिषेक मिश्रा भी स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं। टेकनपुर के बीएसएफ परिसर में रहने वाले अशोक कुमार की पत्नी 13 मार्च को यूके से लौटी थीं। 26 मार्च को अशोक कुमार को जुकाम, खांसी के साथ हल्का बुखार होने लगा। संक्रमण की आशंका के चलते उन्होंने जेएएच में दिखाया। 27 मार्च को उन्होंने बेटे के साथ जिला अस्पताल मुरार में सैंपल दिया था। इसके बाद उन्हें आईटीएम हॉस्पिटल में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में भेजा गया। 28 मार्च को अशोक कुमार की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें इलाज के लिए सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हालत सुधरने पर 5 व 8 अप्रैल को उनका दो बार और कोरोना टेस्ट कराया गया। दोनों बार उन्हें कोरोना का संक्रमण नहीं पाया गया। गुरुवार को डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। अशोक कुमार के बेटे विनीत कुमार ने बताया, पिता को बीएसएफ अस्पताल में क्वारेंटाइन किया गया है। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. गिरिजाशंकर गुप्ता ने बताया कि डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ मरीजों की बेहतर तरीके से देखभाल एवं मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि दो मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। 13 दिन बाद सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से स्वस्थ होकर जाते अशोक कुमार (नीली टी-शर्ट पहने हुए)। उन्होंने हॉस्पिटल के फीडबैक फॉर्म में लिखकर दिया है कि यहां के डॉक्टर, नर्सों तथा अन्य कर्मचारियों ने अच्छा कार्य किया। इन्हीं की बदौलत में ठीक होकर घर जा रहा हूं। मैं इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। रायसेन मेंजांच दल हैरान; न विदेशी से मिला, न जमाती से, फिर भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई 45 साल के व्यक्ति के पॉजिटिव मिलने के बाद उसके पूरे परिवार के सैंपल लिए गए, लेकिन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। संक्रमित व्यक्ति का कहना है कि उसकी न तो ट्रैवल हिस्ट्री है और न ही वह किसी विदेशी या जमाती से मिला, फिर उसे कोरोना क्यों हुआ? जांच दल हैरान है कि परिवार में सिर्फ एक ही को संक्रमण क्यों हुआ? रायसेन में स्वास्थ्य विभाग की टीम वार्ड नंबर 6, गवोईपुरा जहां मंगलवार को संक्रमित मरीज मिला था उसे भोपाल रैफर कर दिया है। मरीज के पूरे परिवार को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। तीन किलोमीटर के इलाके को सील कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर संदिग्ध लोगों के सैंपल ले रही है। गुना खलबली मची; हॉट स्पॉट मुरैना से गुपचुप गुना पहुंचे 49 मजदूर, सभी क्वारेंटाईन कोरोना हॉट स्पॉट मुरैना से 49 मजदूर चार जिलों की सीमा क्रॉस कर गुना जिले के डेहरा गांव पहुंच गए। मुरैना में अब तक 12 पाॅजिटिव मिल चुके हैं, इसलिए गुना में मजदूरों की गुपचुप एंट्री से प्रशासन सकते में आ गया। दोपहर में एक स्वास्थ्य टीम डेहरा गांव भेजी। सभी मजदूरों को आश्रम में क्वारेंटाइन किया गया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today जरुरत मंद लोगों को घर गृहस्थी का सामान नहीं मिल रहा है। टोटल लॉक डाउन की वजह से लोग घर से नहीं निकल पा रहे हैं। ये तस्वीर शिवपुरी की है, यहां एक बुजुर्ग महिला पुलिसकर्मी से बाजार से सामना खरीदने जाने की गुहार लगा रहा है। How to search keywords April 10, 2020 लॉक डाउन का आज 17वां दिन है। 415 संक्रमित और मौतों का आंकड़ा 28 पर पहुंच गया है। भोपाल से लगे छोट से जिले विदिशा में ए…
IFTTT बीएसएफ टेकनपुर के अफसर अशाेक कुमार (57) ने काेराेना से जंग जीत ली है। 13 दिन सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल में भर्ती रहे अशाेक कुमार की दाे रिपाेर्ट निगेटिव आने के बाद गुरुवार काे उन्हें छुट्टी दे दी गई। वह कोरोना से जंग जीतने वाले जिले के दूसरे शख्स हैं। चार दिन पहले चेतकनपुरी निवासी अभिषेक मिश्रा भी स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं। टेकनपुर के बीएसएफ परिसर में रहने वाले अशोक कुमार की पत्नी 13 मार्च काे यूके से लौटी थीं। 26 मार्च को अशाेक कुमार काे जुकाम, खांसी के साथ हल्का बुखार हाेने लगा। संक्रमण की अाशंका के चलते उन्हाेंने जेएएच में दिखाया। 27 मार्च को उन्होंने बेटे के साथ जिला अस्पताल मुरार में सैंपल दिया था। इसके बाद उन्हें आईटीएम हॉस्पिटल में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में भेजा गया। 28 मार्च को अशोक कुमार की जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद उन्हें इलाज के लिए सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हालत सुधरने पर 5 व 8 अप्रैल को उनका दाे बार और काेराेना टेस्ट कराया गया। दाेनाें बार उन्हें काेराेना का संक्रमण नहीं पाया गया। गुरुवार को डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। अशोक कुमार के बेटे विनीत कुमार ने बताया, पिता को बीएसएफ अस्पताल में क्वारेंटाइन किया गया है।सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. गिरिजाशंकर गुप्ता ने बताया कि डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ मरीजों की बेहतर तरीके से देखभाल एवं मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि दो मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 13 दिन बाद सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से स्वस्थ होकर जाते अशोक कुमार (नीली टी-शर्ट पहने हुए)। उन्होंने हॉस्पिटल के फीडबैक फाॅर्म में लिखकर दिया है कि यहां के डॉक्टर, नर्सों तथा अन्य कर्मचारियों ने अच्छा कार्य किया। इन्हीं की बदौलत में ठीक होकर घर जा रहा हूं। मैं इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। How to search keywords April 10, 2020 बीएसएफ टेकनपुर के अफसर अशाेक कुमार (57) ने काेराेना से जंग जीत ली है। 13 दिन सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल में भर्ती रहे अश…