IFTTT कोरोना पॉजीटिव मरीज के संपर्क में आया एक व्यक्ति और कोल्ड ओपीडी में खांसी-जुकाम की शिकायत लेकर आए तीन लोगों के सैंपल गुरुवार को जिला अस्पताल में लिए गए। इन चारों को जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया है। अब तक लिए गए कुल सैंपलों की संख्या बढ़कर 61 हो गई है। 25 की रिपोर्ट आ चुकी है। इनमें 24 निगेटिव हैं और एक पॉजीटिव है। अभी 36 सैंपलों की रिपोर्ट आना बाकी है। इधर, प्रशासन ने पॉजीटिव मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की सूची में से चार लोगों को भी छात्रावासों में आईसोलेट किया गया। इससे अब यह संख्या 150 से बढ़कर 154 पर पहुंच गई। जिला अस्पताल की कोल्ड ओपीडी में 12 मरीज पहुंचे। इनमें लहरोनी गांव व फक्कड़ चौराहा निवासी प्रीति बाई व शीला बाई सहित एक अन्य व्यक्ति को कोरोना संदिग्ध होने पर सैंपल लेते हुए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया। पॉजीटिव रसीद खान के संपर्क में आए बाबूलाल को भी सैंपल लेने के बाद आइसोलेट कर दिया है। पॉजीटिव मरीज के साथ गए परिजन की रिपोर्ट निगेटिव कोरोना पॉजीटिव मरीज रसीद खान के साथ गई पत्नी व बेटे सहित चार लोगों की रिपोर्ट ग्वालियर में ही जांच के बाद सभी कोरोना निगेटिव पाए गए। बता दें कि 6 अप्रैल को रसीद खान को गंभीर हालत में ग्वालियर रैफर किया गया था और इसके दूसरे दिन यानी 7 अप्रैल को कोरोना पॉजीटिव रिपोर्ट आई थी। ऐसे में उनके साथ गई पत्नी नसीबा, बेटे सलमान, अहसान और रंजन के सैंपल ग्वालियर में लिए गए। जहां गुरुवार को उक्त चारों की रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके साथ ही अन्य परिजन के लिए भी यह राहत भरी खबर साबित हुई। संपर्क में आए 4 लोग छात्रावासों में आईसोलेट, अब 154 भर्ती छात्रावासों में पॉजीटिव मरीज के संपर्क में आए 150 लोगों को मंगलवार को ही आईसोलेट कर दिया गया था। इसके साथ ही गुरुवार को भी 4 लोगों को आईसोलेट किया गया, जो कि प्रशासन की सूची में दर्ज थे। इन्हें भी छात्रावासों में आईसोलेट किया गया। साथ ही परिवारों को भी घरों से बाहर न निकलने की हिदायत प्रशासन की ओर से दी गई। इसके साथ ही अब 154 लोग आईसोलेट हो चुके है। सिर्फ रसीद की पत्नी, बेटा व एक अन्य सहित उसकी हिंडौन में रह रही बेटी शेष बची है। होगी कार्रवाई... क्योंकि इन्होंने इंदौर से लौटने की जानकारी छिपाई कोरोना पॉजीटिव मरीज रसीद खान का बेटा सूफियान और बागल्दा निवासी केसर रजा इंदौर के महू में मजदूरी करते हैं। यह बीते महीने 27 मार्च को श्योपुर लौटे, लेकिन इंदौर के महू से लौटने की जानकारी इन्होंने प्रशासन को नहीं दी। एसडीएम रूपेश उपाध्याय ने बताया कि शासन के नियमों को न मानने पर इन दोनों पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इसके पहले इनके संपर्क में आए लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इसलिए पहले उन्हें देखेंगे और फिर 15 अप्रैल के बाद मामले में इनके खिलाफ कार्रवाई भी तय की जाएगी। बच्चों के खिलौने के साथ-साथ भोजन की मात्रा बढ़ाई कोरोना पॉजीटिव मरीज के संपर्क में आए 154 लोगों को छात्रावासों में आइसोलेट किया गया है। इनमें महिलाओं सहित बच्चे भी शामिल हैं। यहां कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देश के बाद एसडीएम ने आईसोलेट हुए बच्चों के खेलने के लिए खिलौनों की व्यवस्था छात्रावासों में कराई, ताकि बच्चों को ऐसा न लगे कि वह कहीं और रह रहे हैं। इसके अलावा आइसोलेट हुए लोगों के भोजन की गुणवत्ता और इसकी मात्रा बढ़ाने के निर्देश दिए। रसीद के मोहल्ले में हर घर में होगी हरेक की जांच पॉजीटिव पाए गए हसनपुरा हवेली के रसीद खान के मोहल्ले में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमें गई। यहां टीमों ने रसीद के मोहल्ले में हर घर पर पहुंचकर लोगों की स्क्रीनिंग की, जिसमें बच्चों को भी शामिल किया गया है। लेकिन यहां किसी को कोरोना संदिग्ध की स्थिति नहीं मिली। इसके साथ ही टीमों ने उन्हें घरों में ही रहने की हिदायत दी, जबकि घर में भी एक-दूसरे से एक मीटर की दूरी पर रहने को कहा, जिससे की कोरोना की कोई संभावना उक्त क्षेत्र में न रहें। इसके पूर्व पूरे मोहल्ले को नगर पालिका अमले के द्वारा सेनेटाइज किया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today कोरोना पॉजीटिव मरीज के मोहल्ले में गई टीम ने लोगों की स्क्रीनिंग की, घर में रहने की सलाह देते हुए सोशल डिस्टेंस अपनाने को कहा। How to search keywords April 10, 2020 कोरोना पॉजीटिव मरीज के संपर्क में आया एक व्यक्ति और कोल्ड ओपीडी में खांसी-जुकाम की शिकायत लेकर आए तीन लोगों के सैंपल ग…
IFTTT जिले से एकदम सटे महाराष्ट्र में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित पाए जाने और इसके बाद पड़ोसी जिले खरगोन और बड़वानी में भी संक्रमित मरीज सामने आने के बाद से बुरहानपुर जिले में भी लोग चिंता में थे। राहत इतनी थी कि खंडवा और बुरहानपुर में एक भी पॉजिटिव नहीं मिला था, लेकिन खंडवा में पांच पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद बुरहानपुर जिले में दहशत और बढ़ गई है। सतर्कता बरतते हुए प्रशासन ने खंडवा-अमरावती हाईवे को सील कर दिया है। यही नहीं खेतों से होकर महाराष्ट्र जाने वाले कच्चे रास्तों को भी जेसीबी से खोद दिया गया है। खंडवा में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद कलेक्टर राजेश कुमार कौल और एसपी बीएस बिरदे ने खंडवा-देड़तलाई हाईवे पर नाकाबंदी करने के निर्देश दिए हैं। अब यहां से छोटे-बड़े वाहन निकलना तो दूर, पैदल आने-जाने वालों को भी पूरी तरह रोक दिया गया है। देड़तलाई से आठ किमी दूर शेखपुरा के पास हाईवे पर स्टॉपर लगाकर नाकाबंदी करने के साथ ही यहां दो पुलिस जवान, नगर सुरक्षा समिति सदस्य और कोटवारों को भी तैनात किया है। ये लोग यहां आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में 24 घंटे मुस्तैद रहेंगे। यहां से खंडवा और खालवा तक आवाजाही होती है। देड़तलाई से लगे तीनों रास्तों की नाकाबंदी करने के बाद खंडवा से खालवा, खालवा से देड़तलाई और देड़तलाई से खंडवा के लिए दोनों तरफ से आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है। आम दिनों में गुजरते हैं एक हजार से अधिक वाहन, अब एक भी नहीं जा सकेगा खंडवा-अमरावती हाईवे से देड़तलाई होते हुए आम दिनों में करीब एक हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। इनमें भी 20 से अधिक तो बसें होती हैं। लॉकडाउन लागू होने के बाद से अनुमति लेकर यहां से किराना, अनाज और सब्जी के करीब पांच-छह वाहन गुजर रहे थे लेकिन अब इन पर भी पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। ट्रैक्टर-ट्रक आड़े खड़े कर गांव के रास्ते भी बंद किए महाराष्ट्र से लगे कच्चे रास्ते खुदवाने के साथ ही देड़तलाई के आसपास के सभी गांवों को जोड़ने वाले रास्ते भी बेरिकेड्स लगाने के साथ रोड पर ट्रैक्टर और ट्रक आड़े खड़े कर बंद कर दिए गए हैं। इस कारण गुरुवार को इन रास्तों पर सन्नाटा पसरा रहा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today महाराष्ट्र जाने वाले देड़तलाई से भोखरबलड़ी, देड़तलाई से खापरखेड़ा और चौखंडिया से सादरावाड़ी के कच्चे रास्तों को जेसीबी से खोद दिया है। ताकि यहां से आवाजाही पूरी तरह बंद की जा सके। देड़तलाई चौकी प्रभारी हंस जगदीश झिंझोरे ने खुद खड़े रहकर ये रास्ते खुदवाए। How to search keywords April 10, 2020 जिले से एकदम सटे महाराष्ट्र में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित पाए जाने और इसके बाद पड़ोसी जिले खरगोन और बड़वानी में भी संक…
IFTTT हमारे घर में खाने के लाले हैं। पति मजदूर हैं। पांच बच्चे हैं और एक संतान पेट में पल रही है। ऐेसे में काम बंद होने से घर में कमाने वाला कोई नहीं है। घर में राशन भी खत्म हो गया है। अब हम बच्चों को क्या खिलाएं। हमें कंट्रोल की दुकान से राशन भी नहीं मिला। अपनी पीड़ा किसे सुनाएं। किसी ने हमें बताया कि नगर पालिका से राशन बंट रहा है, इसलिए हम यहां आए हैं। यह बात मनियर में रहने वाली 36 वर्षीय राजकुमारी ने कही। वे गुरुवार नगर पालिका कार्यालय में मनियर क्षेत्र की अन्य महिलाओं के साथ आई थीं। नपा कर्मचारियों ने महिलाओं का आश्वासन दिया कि उनके नाम नोट कर लिए हैं। घर पर मदद पहुंचा दी जाएगी। शहर के मनियर क्षेत्र में गरीब लोगों की आबादी अधिक हैं। यहां रहने वालीं करीब 30 महिलाएं गुरुवार को नगर पालिका कार्यालय पहुंच गईं। इन महिलाओं ने शिकायत करते हुए कहा- हमें न खाने के लिए पैकेट मिल रहे हैं न शासन की ओर से कोई और मदद मिल रही है। हमें यदि नगर पालिका राशन मुहैया करा दे तो हम बच्चों के साथ खुद का पालन कर सकेंगे। इन महिलाओं में राजकुमारी के अलावा सुशीला, रचना, रानी, साबो और पार्वती आदि शामिल थीं। सीएमओ के मौजूद न होने के कारण नपा कर्मचारियों ने इन महिलाओं के नाम लिखकर यह कहकर रवाना कर दिया कि उन्हें मदद पहुंचा दी जाएगी। मानसिक दिव्यांग महिला बोली- मेरे दो बच्चे, मांग कर खाना खाती हूं मनियर की रहने वाली मानसिक दिव्यांग महिला काजल ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि उसे लोग पागल कहते हैं, जबकि वह सब समझती है। वह लोगों की सहायता से इधर उधर से अपने और बच्चों का पेट भरती है, लेकिन अब सब बंद हो गया है। ऐसे में उसके सामने खाने का संकट पैदा हो गया है। यह सुनकर नपा अधिकारियों ने उसको दीनदयाल रसोई योजना से भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने के साथ मदद का आश्वासन दिया। मनियर क्षेत्र की दूसरी गली की महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी गली में भोजन के पैकेट नहीं दिए जा रहे हैं। आदिवासी परिवार हैं, फिर भी हमारे राशन कार्ड नहीं हैं। कुछ महिलाओं ने पर्ची न निकलने की शिकायत कर कहा कि हमें न तो कंट्रोल से राशन मिल रहा है न हमारी पार्षद सुनती हैं। ऐसे में परेशान होकर हम शिकायत करने नगर पालिका गए। यहां हमारे नाम लिख लिए, पर राशन नहीं मिला। शिकायत करने वालों में वार्ड में रहने वाली बेबी, रजनी, भूरी, वर्षा, कुसुम, पिंकी, साहना, कल्लो और कांता आदिवासी के साथ अन्य महिलाएं भी शामिल रहीं। इधर... कलेक्टोरेट पहुंचीं महिलाएं बोलीं- कोरोना से पहले कहीं भुखमरी से न मर जाएं शहर के वार्ड 26 में रहने वालीं शिव गौरी, कुंजबिहारी, जय दुर्गे स्व सहायता समूह का संचालन करने वाली महिलाएं गुरुवार को सामूहिक रूप से एकत्रित होकर कलेक्टोरेट पहुंचीं। उन्हें कलेक्टोरेट में कलेक्टर नहीं मिलीं, इसलिए वे निराश होकर लौट गईं। इस दौरान शिव गौरी समूह की अध्यक्ष सोनू भार्गव ने बताया कि हमारे वार्ड में समूह से जुड़ीं महिलाओं की आर्थिक स्थिति बेहद गंभीर है। वे बरी पापड़ बनाकर जैसे तैसे अपना गुजारा करती हैं। इन महिलाओं को कंट्रोल से राशन नहीं मिला। नगर पालिका से भी कोई मदद नहीं मिली। यह महिलाएं भले ही बीपीएल कार्ड धारी नहीं हैं लेकिन इनकी स्थिति बहुत नाजुक है। इसलिए इन महिलाओं को नगर पालिका या प्रशासन राशन मुहैया कराए। वहीं कुंजबिहारी समूह का संचालन करने वाली रजनी चौहान ने बताया कि हमारे समूह की महिलाओं को भी राशन नहीं मिला है। हालात इतने बुरे हैं कि कोरोना के कहर आने से पहले वे भुखमरी से न मर जाएं। कलेक्टोरेट में इन महिलाओं की कोई सुनवाई नहीं हुई। एक महिला को 10 किलो गेहूं का कट्टा देकर बोला गया कि सबके नाम लिख लिए हैं, सबको मदद मिलेगी। क्या कहते हैं जिम्मेदार कलेक्टर शिवपुरी अनुग्रहा पी का कहना है कि मैं अभी जिला खाद्य अधिकारी को बोलती हूं कि वे मनियर और जरूरतमंद बस्तियों के साथ सारे शहर में पीडीएस राशन वितरण करने की सुचारू व्यवस्था बनाएं। साथ ही इस संबंध में जानकारी एकत्रित करें। सीएमओ, नगर पालिका केके पटेरिया ने बताया कि नगर पालिका दीनदयाल रसोई योजना के माध्यम से जरूरतमंदों को घर-घर भोजन मुहैया करा रहा है। हम गेहूं भी बांट रहे हैं। पीडीएस से खाद्यान्न का वितरण भी हो रहा है। जो महिलाएं आईं थीं, उनको हमने भोजन के पैकेट दीनदयाल रसोई योजना से लेने को कहा है। साथ ही इनके नाम लिखकर आवश्यक मदद उपलब्ध कराने के निर्देश अधीनस्थों को दिए हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today गर्भवती महिला राजकुमारी व मानसिक दिव्यांग काजल सहित अन्य महिला जो राशन न मिलने की शिकायत करती हुईं। How to search keywords April 10, 2020 हमारे घर में खाने के लाले हैं। पति मजदूर हैं। पांच बच्चे हैं और एक संतान पेट में पल रही है। ऐेसे में काम बंद होने से घ…
IFTTT जिले के चारों तरफ सीमावर्ती जिलो में कोरोना पॉजिटिव मिलने से जिले में खतरा बढ़ गया है। ऐसे में अब प्रशासन भी सख्त है। जिला प्रशासन ने सीतामऊ, मंदसौर शहर व अफजलपुर में किराना दुकानों को बंद करा दिया। सीतामऊ में दो दिन से यह व्यवस्था लागू है, जिसका असर दिखने लगा है। इसके बाद अब अफजलपुर व मंदसौर में इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। इसके साथ प्रशासन ने नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया। आवश्यक सेवा के अतिरिक्त कोई भी वाहन पर दिखा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंदसौर जिले की सीमा पर लगे प्रतापगढ़, झालावाड़, रतलाम व नीमच की तरफ भीलवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव मिलाहै। इससे मंदसौर में कोरोना का खतरा बढ़ा हुआ है। प्रशासन ने जिले को महामारी से बचाने के लिए सख्ती शुरू कर दी है। प्रशासन ने मंदसौर शहर, सीतामऊ और अफजलपुर में किराना दुकानों को बंद कर दिया है। यहां किराना व्यापारियों के नाम व नंबर की सूची सार्वजनिक की है। जिसे सामान की जरूरत है वह अपने पास के किराना व्यापारी को फोन लगाकर घर पर सामान बुलवा सकता है। समीप के किराना वाले को वाट्सएप करें, वह लाकर देना सामान शहर में कोरोना वायरस के चलते 16 दिनों से लॉकडाउन है। जिला प्रशासन के आदेश पर शहर की सभी किराना दुकानों को बंद कर दिया गया है। अब शहरवासियों को नजदीक किराना दुकान से राशन उपलब्ध होगा। वह भी घर से निकले बिना। आपको किराना एसोसिएशन द्वारा उपलब्ध सूची में से नजदीकी व्यापारी के व्हाट्सअप पर राशन की सूची डालना है। वह स्वयं आपके घर तक राशन पहुंचाकर पेमेंट लेंगे। यहां भी घर-पहुंच व्यवस्था शुरू करेंगे एसपी हितेश चौधरी ने बताया कि घर पहुंच सेवा को मल्हारगढ़, दलौदा व शामगढ़ में लागू कर दिया जाएगा। एक सप्ताह में जिले भर में इस तरह की व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त सामान लेने के लिए घर से निकलने पर प्रतिबंध है। कोई दूध या दवा लेने निकलना चाहता है तो वह पैदल निकलेगा। वाहन चलाते हुए मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीतामऊ में दो दिन से लागू की व्यवस्था सीतामऊ में व्यापारियों ने प्रशासन की मदद से इस व्यवस्था को लागू कर दिया है। सीतामऊ में जगह-जगह किराना व्यापारियों के नाम और नंबर की सूची चस्पा करने के साथ पम्फलेट बांट दिए हैं। सीतामऊ में पहले दिन किराना व्यापारियों के पास केवल 3 ऑर्डर आए, गुरुवार को यह संख्या 50 पहुंच गई। नगर में भीड़ खत्म हो गई। किराना व्यापारी घर जाकर सामान दे आता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today आदेश जारी होने के बाद पूरे बाजार में संन्नाटा पसर गया। घर पहुंच सेवा में अतिरिक्त शुल्क लेने पर प्रशासन ने नपा कंट्रोल रूम 07422-292703, अजय शर्मा 7999863404, नायब तहसीलदार वैभव जैन 8871171715 के शिकायत नंबर जारी किए हैं। समस्या होने पर शिकायत कर सकते हैं। How to search keywords April 10, 2020 जिले के चारों तरफ सीमावर्ती जिलो में कोरोना पॉजिटिव मिलने से जिले में खतरा बढ़ गया है। ऐसे में अब प्रशासन भी सख्त है। ज…
IFTTT लॉक डाउन के बीच उन लोगों की मुसीबतें सबसे ज्यादा बढ़ गई हैं जो दिहाड़ी मजदूरी कर पेट पालते हैं। इन्हें कोई सुविधा नहीं चाहिए, सिर्फ दो टाइम की रोटी के लिए लिए यह दिनभर मजदूरी करते हैं। लॉक डाउन के बीच में ऐसे कई परिवार हैं, जिन्हें भरपेट खाना मिलना तक मुश्किल हो गया है। कराहल से लेकर विजयपुर व वीरपुर की करीब 60 फीसदी आबादी मजदूरी यानी दिहाड़ी पर निर्भर है। जबकि कराहल में तो 90 फीसदी लोग इसी पर आश्रित हैं। ऐसे में लॉक डाउन के चलते यह आदिवासी परिवार अब बेरोजगार हो चुके हैं और घरों में खाने के लाले पड़े चुके हैं। कराहल में समाजसेवी संगठनों के जरिए राशन भेजा जा रहा है, लेकिन हर एक तक यह राशन नहीं पहुंच पा रहा है। लॉक डाउन के बीच तीन दिनी कर्फ्यू ने भी गरीबों की मुसीबत बढ़ा दी है। कर्फ्यू के बीच घरों में आटा, दाल, तेल या अन्य खाद्य सामग्री खत्म होने पर लोग सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। लेकिन यहां अब तक किसी की समस्या का समाधान नहीं किया गया है। लोगों ने खुद ही इसका उपाय निकाला और राशन की पूर्ति पड़ोसी व अन्य लोगों के जरिए की। डोब सहराना में भूखी बैठी वृद्धा ने कहा- राशन देकर भूल गया प्रशासन... निमानिया गांव में एक या दो नहीं बल्कि कई ऐसे परिवार हैं, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। इसी के चलते उन्हें राशन का वितरण भी नहीं हुआ। अब यह लोग प्रशासन और समाजसेवियों के आने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्हें प्रशासन व समाजसेवियों के जरिए थोड़ा राशन दिया था, लेकिन वह खत्म हो चुका है। ऐसे में वह कर्फ्यू के बीच परेशान हैं, क्योंकि समाजसेवी भी उन तक राशन नहीं पहुंचा पा रहे हैं। वृद्धा ने कहा कि यहां तो प्रशासन ने अब तक गांवों में कोई खैर खबर ही नहीं ली है। पहले राशन देकर वह तो उन्हें भूल ही गया, अब वह क्या खाएंगे। बंद के कारण कुछ भी नहीं मिल रहा है। पप्पू बोला- ऐसे तो मैं और बच्चे भी भूखे मर जाएंगे अपने बच्चों के साथ अपनी झोपड़ी के बाहर खड़ा पप्पू। कराहल तहसील भोटूपुरा गांव निवासी पप्पू आदिवासी ने बताया कि उसकी पत्नी तो पहले ही मर चुकी है, अब उसके तीन बच्चे हैं, जिनकी पूरी जिम्मेदारी अब उसी पर है। वह दिहाड़ी कर लाता है फिर भोजन बनाकर बच्चों को खिलाता है। लेकिन लॉक डाउन के बीच उसकी झोपड़ी में अब खाने को कुछ नहीं बचा है। यहां मदद भी किससे मांगें, क्योंकि सभी उसी की तरह जीवन यापन कर रहे हैं। पप्पू ने बताया कि ऐसे तो वह और उसका परिवार भूखा मर जाएगा, क्योंकि उनके पास कोई विकल्प ही नहीं है। यहां चौरासी महापंचायत के टुंडा राम आदिवासी ने उसे कुछ आटा दिया, ऐसे में रुखी रोटी खाकर उसने अपना व बच्चों का पेट भरा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today निमानिया गांव में अपने घर में कई दिन से मदद की आस लगाए बैठी बुजुर्ग महिला। How to search keywords April 10, 2020 लॉक डाउन के बीच उन लोगों की मुसीबतें सबसे ज्यादा बढ़ गई हैं जो दिहाड़ी मजदूरी कर पेट पालते हैं। इन्हें कोई सुविधा नहीं च…
IFTTT इनको सलाम... ये हैं कोरोना से लड़ने वाले योद्धा, 450 लोगों की स्क्रीनिंग कर चुके 4 स्क्रीनिंग दलों द्वारा अब तक 78 घरों का भ्रमण कर 450 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई है। जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है। अब कसरावद की दो महिलाओं में संक्रमण की पुष्टि के साथ पीड़ितों की संख्या 14 हो गई है। इनमें 2 लोगों की मौत हो चुकी है। कसरावद के वार्ड 2 की 30 वर्षीय महिला का पति व सास 13 मार्च को सऊदी अरब उमराह की यात्रा से लौटे थे। महिला के पति ने सेंधवा के कोरोना पॉजिटिव परिवार के सदस्यों के साथ यात्रा की थी। वार्ड 11 की 40 वर्षीय महिला को उसके पति से संक्रमित होने की आशंका है। हालांकि उनकी रिपोर्ट नहीं आई है। 27 मार्च को महिला का पति उसके बड़गांव निवासी कोरोना संक्रमित जीजा को बाइक से निमरानी फाटे से खरगोन के नवग्रह मंदिर तक छोड़ने गया था। उमराह यात्री सेंधवा के बुजुर्ग की मौत व परिवार के सदस्यों और बड़गांव के युवक में कोराेना की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 5 अप्रैल को पति-पत्नी व उनके साथ रह रहे पुत्र के अलावा वार्ड 11 निवासी युवक, उसकी पत्नी और माता-पिता के सैंपल लिए थे। गुरुवार रात को मिली रिपोर्ट में दो महिलाओं के संक्रमित होने की पुष्टि हुई। यह सभी होम आइसोलेट थे। रिपोर्ट आने के बाद दोनों महिलाओं को इंदौर रैफर कर दिया गया है। दोनों परिवार के अन्य 5 सदस्य खरगोन जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में हैं। पीड़िता की सास उमराह से लौटी ठीकरी में उतरी विकासखंड कार्यक्रम अधिकारी गिरनार भूरिया ने बताया पॉजिटिव महिला की सास सेंधवा के बाद ठीकरी रिश्तेदारी में चली गई। वह अभी कसरावद नहीं लौटी। प्रशासनिक टीम ने बड़वानी स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर सैंपल लेने को कहा है। जानकारी के मुताबिक 5 अप्रैल के बाद से अब तक सैंपल नहीं लिए गए हैं। गोगावां में उमराह से लौटे 11 लोगों के सैंपल लिए उमराह की यात्रा कर लौटे 11 लोगों के गुरुवार को सैंपल लिए। तहसीलदार आरसी खतेड़िया ने बताया उमराह से लौटी कसरावद की महिला के पॉजिटिव आने के बाद 11 लोगों के सैंपल जांच के लिए इंदौर भेजे हैं। यह लोग संक्रमित महिला के साथ यात्रा पर गए थे। रिपोर्ट आने तक सभी को घर पर रहने को कहा है। उमराह से लौटे नगर के अन्य 3 लोगों के सैंपल पहले ही इंदौर भेजे हैं। 38 नए सैंपल, 94 रिपोर्ट निगेटिव सीएमएचओ कार्यालय के मुताबिक दामखेड़ा के क्वारंटाइन में 8 मरीज भर्ती हैं। 2 मरीजों को डिस्चार्ज किया। जिला अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में 7 मरीज भर्ती है। होम आइसोलेशन में 55, अभी तक लिए कुल सैंपल 255, आज लिए गए सैंपल 38, रिपोर्ट आना शेष 110, पॉजिटिव सैंपल 14, निगेटिव आए सैंपल 94, कोरोना से मृत्यु 2, स्क्रीनिंग किए गए मरीजों की संख्या 17160, सर्दी, खांसी व बुखार के मरीज 1376। कंट्रोल रूम में शिकायतें 14 आई। जिले के तीन कंटेनमेंट क्षेत्र के अब तक की स्थिति सहकार नगर : यहां 43 घरों में 259 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। कोई भी सर्दी, खांसी व बुखार का मरीज नहीं मिला। अब तक 114 सैंपल लिए गए। 37 की नेगेटिव व 9 मरीज पॉजिटिव मिले हैं। 68 सैंपल की रिपोर्ट आना शेष है। आसनगांव : यहां 522 घरों में 2695 लोगों की स्क्रीनिंग हुई। 6 मरीज सर्दी व खांसी के मिले। यहां कुल 21 में से 17 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। एक पॉजिटिव मरीज मिला है। 3 की रिपोर्ट आना बाकी है। बड़गांव : यहां 62 लोगाें की स्क्रीनिंग गई। 4 सर्दी व खांसी के मरीज मिले। कुल 32 सैंपल लिए गए हैं। 23 की रिपोर्ट आना शेष है। 8 निगेटिव व 1 पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सहकारनगर कंटेनमेंट एरिया में डॉक्टरों को गुलदस्ता देकर काम की प्रशंसा की गई। 4 स्क्रीनिंग दलों द्वारा अब तक 78 घरों का भ्रमण कर 450 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई है। How to search keywords April 10, 2020 इनको सलाम... ये हैं कोरोना से लड़ने वाले योद्धा, 450 लोगों की स्क्रीनिंग कर चुके 4 स्क्रीनिंग दलों द्वारा अब तक 78 घरो…
IFTTT प्रदेश में कोरोना वायरस के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के लक्षण दिखने लगे हैं। गुरुवार देर रात स्टेट वायरोलॉजी लैब भोपाल की रिपोर्ट में विदिशा शहर में 5 और गंजबासौदा शहर में 4 और 1 लटेरी कोरोना पॉजिटिव नए मरीज मिलने का खुलासा हुआ है। इससे पहले 8 अप्रैल को गंजबासौदा में 1 और सिरोंज में 6 अप्रैल को 1 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुका है। इस प्रकार विदिशा जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या का आंकड़ा 13 तक पहुंच गया है। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर उनके संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। बासौदा और सिरोंज में 1 कोरोना पॉजिटिव मरीज पहले ही मिल चुके हैं। सीएमएचओ डॉ. केएस अहिरवार और कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने बताया कि गुरुवार देर रात स्टेट वायरोलॉजी भोपाल की रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि विदिशा शहर में कोरोना पॉजिटिव 5 नए मरीज मिले हैं । ये मरीज विदिशा शहर के किला अंदर, चोपड़ा मोहल्ला, लोहंगीपुरा और स्वर्णकार कॉलोनी आदि क्षेत्रों के रहने वाले हैं। इन सभी मरीजों की रात में ही सर्चिंग करवाई गई। जो नए मरीज मिले हैं इनके सैंपल स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पॉजिटिव मरीज मिलने का खुलासा हुआ है। कंटेनमेंट किया गया है पूरे क्षेत्र को कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन का कहना है कि जिन जगह पर कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, उसको कंटेनमेंट किया गया है। जहां किसी को आने जाने की मनाही रहेगी। वहीं प्रशासन ने आज से मास्क और चेहरे पर कपड़ा बांधकर ही घर से निकलने के आदेश जारी किए हैं। मैदानी अमले को ग्लब्स नहीं ऐसे माहौल के बीच संक्रमितों की पड़ताल करने घर-घर सर्वे कर रहा मैदानी अमला ही असुरक्षित है। सर्वे में जुटे मैदानी अमले को विभाग ने संक्रमण से बचाव के लिए पूरे साधन उपलब्ध नहीं कराए हैं। इससे कई आशा कार्यकताएं हाथों में बिना ग्लब्स पहने ही सर्वे करते दिखाई दे रही हैं। 21698 की हुई स्क्रीनिंग जिले में बाहर से आए 21698 मरीजों की अब तक स्क्रीनिंग की जा चुकी है। गुरुवार की स्थिति में जिला अस्पताल में 13 मरीज क्वारेंटाइन हैं, जबकि 12 मरीजों को आइसोलेशन में हैं। जिले में सिर्फ गुरुवार को ही 63 मरीजों के सैंपल कोरोना की जांच के लिए लेकर भेजे गए हैं। जबकि जिले में 299 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। अभी तक कुल 151 मरीजों की रिपोर्ट आ चुकी हैं, जिनमें दो कोरोना पॉजिटिव आए हैं, जबकि 149 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 3500 अमला जुटा सर्वे में सिरोंज और बासौदा के बाद विदिशा शहर में भी सर्वे शुरू हो चुका है। शमशाबाद, नटेरन और लटेरी में भी सर्वे शुरू किया जा रहा है। इस सर्वे में स्वास्थ्य विभाग की एएनम, एमपीडब्ल्यू, आशा-ऊषा कार्यकर्ता व सहयोगी के अलावा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं और नगरीय निकायों का अमला जुड़ी अन्य जानकारियां जुटा रहा है। सीएमएचओ डॉ. केएस अहिरवार ने बताया कि जिले में करीब 3500 से अधिक मैदानी कर्मचारियों की इस सर्वे में स्थानीय स्तर पर ड्यूटी लगाई गई है। अब तक कहां कितने मरीज मिले विदिशा 6, बसौदा 5, सिरोंज 1, लटेरी 1, कुल 13 Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today स्वासथ् विभाग की टीम घर-घर जाकर सक्रीनिंग कर रही है। How to search keywords April 10, 2020 प्रदेश में कोरोना वायरस के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के लक्षण दिखने लगे हैं। गुरुवार देर रात स्टेट वायरोलॉजी लैब भोपाल की र…