हम्माल-तुलावटियाें में से हम्मालाें ने अपनी हड़ताल समाप्त कर काम पर लाैट गए। हम्मालाें काे 7 रु. की बजाए 8 रु. प्रति क्विंटल के मान से पारिश्रमिक मिलेगा। इस संबंध में मंडी प्रबंधन ने मंगलवार शाम आदेश जारी कर दिया। हम्मालाें के काम पर लाैटने से तुलावटी नाराज हैं। तुलावटियाें ने मंडी प्रबंधन पर आराेप लगाया कि उनकी गैर माैजूदगी में हम्मालों काे बहलाया गया है।
तुलावटियाें ने किसान संघ के पदाधिकारियाें से मिलकर मदद मांगी है, लेकिन किसान संघ ने भी सीधे दखलअंदाजी करने की बजाए प्रदेश पदाधिकारियाें काे इस बारे में उचित समझा। तुलावटियाें द्वारा किसान संघ काे साैंपने के लिए तैयार अावेदन में मंडी अधिनियम की विसंगतियाें काे किसान व तुलावटी के लिए नुकसानदायक बताया। किसान की उपज नीलामी के बाद व्यापारियाें के गाेदाम तक पहुंचती है। इसके बाद सारे खर्च व्यापारियाें से लेने चाहिए थे, ना कि किसान से। क्याेंकि हम्माल संबंधी सारे खर्च व्यापारी के हाेते हैं। जाे किसान से वसूलना अनुचित है। इसमें तुलावटी की भूमिका अलग है।
मामले में किसान संघ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र पाटीदार ने बताया तुलावटियाें ने मिलकर माैखिक चर्चा कर हमारे सामने तर्क रखें हैं। फिलहाल उनकी तरफ से काेई अावेदन हमें प्राप्त नहीं हुआ है। आवेदन मिलने के बाद इस बारे में किसान संघ के प्रदेश पदाधिकारियाें काे अवगत कराया जाएगा। इसके बाद आगामी प्रक्रिया की जाएगी। मंडी सचिव राकेश दुबे ने कहा तुलावटियाें द्वारा लगाया गया हम्मालाें काे बहलाने का आराेप गलत है। हम्मालाें ने ही पहल करते हुए अनाज व्यापारियाें से बात की। फिर दाेनाें पक्षाें ने मंडी प्रशासन के समक्ष उपस्थित हाेकर अपनी बात रखी। इस दाैरान समझाैता हुआ है।
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