शहर में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होने का जो अंदाजा लगाया जा रहा था वह अब काफी कुछ सच होने लगा है। 31 मई लॉकडाउन के आखिरी दिन तक शहर में कोरोना के 239 मामले थे, जो कि पिछले 40 दिनों में ही दोगुने से ज्यादा बढ़ गए हैं। संक्रमण बढ़ने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार को 9 दिनों में ही 100 मरीज बढ़ गए हैं। यह अब तक का सबसे कम समय है जिसमें यह आँकड़ा पूरा हुआ हो। शहर में कोरोना टेस्ट की क्षमता बढ़ी है लेकिन यह अभी भी जरूरत से काफी कम है। दो-तीन दिनों की पेंडेंसी होने के कारण रिपोर्ट देर से आ रही हैं, हालाँकि मेडिकल कॉलेज में जाँचों की रफ्तार बढ़ी है लेकिन यहाँ भी दूसरे जिलों से आने वाले सैंपलों का बोझ बढ़ रहा है।
शहर में अब उड़िया मोहल्ला, छोटी ओमती और गढ़ाफाटक लाल स्कूल के पास के क्षेत्र संक्रमण के मामले में हॉट स्पॉट बनते जा रहे हैं। यहाँ से रोज ही 2-4 मरीज मिल रहे हैं, कुछ परिवार तो ऐसे हैं जिनके सभी सदस्य संक्रमित हो गए हैं। यहाँ के संक्रमितों के संपर्क में शहर के दूसरे हिस्सों में रहने वाले भी पॉजिटिव निकल रहे हैं। इनके अलावा अब तबियत खराब होने पर लोग जाँच कराने पर पॉजिटिव निकल रहे हैं, जाहिर सी बात है कि इनमें एसिम्टोमैटिक शामिल नहीं हैं, वे अभी भी रोज की दिनचर्या ही जी रहे हैं। किल कोरोना सर्वे के दौरान भी चिन्हित किए जा रहे हाई रिस्क मरीजों में से भी अब संक्रमित निकल रहे हैं।
7 मरीजों को मिली छुट्टी
शुक्रवार को विक्टोरिया, मेडिकल और सुखसागर अस्पतालों में भर्ती संक्रमित मरीजों में 7 को स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई। इनमें फुहारा के बैग हाउस संचालक, तहसीली में चाय दुकान लगाने वाला युवक, आईटीआई निवासी ऑटो चालक शामिल हैं। बताया गया कि दिल्ली से आई महिला जो कि यहाँ पॉजिटिव मिली, उन्हें जिले के संक्रमितों में शामिल नहीं किया जाएगा।
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