शहर से सिर्फ 6 किलोमीटर दूर नल्दी का ये 600 हेक्टेयर का जंगल शुरुआती बारिश के बाद पूरी तरह से हरा-भरा हो गया। हाथीपावा की पहाड़ी से ये दिखाई देता है। यहां सागवान और पलाश के घने पेड़े हैं। जंगल का ये क्षेत्र इतना घना है कि बारिश के दौरान और बाद के कुछ महीनों तक धूप पड़े तो जमीन पर नहीं आ पाती। यहां बड़ी संख्या में जंगली जानवर हैं।
रेंजर पियूष चौधरी और बीट गार्ड जुवानसिंह सेमलिया के अनुसार 10 से ज्यादा लकड़बग्घे, 15 के आसपास नीलगाय (रोजड़), 300 के लगभग जंगली सूअर, सियार, खरगोश, 100 के लगभग साही (शरीर से कांटे छाेड़ने वाला जानवर) है। मोर तो यहां 2 हजार से भी ज्यादा हैं। कई बार यहां के जंगली जानवर पहाड़ चढ़कर हाथीपावा तक चले जाते हैं। हाथीपावा पर घूमने आने वाले अपना सबसे ज्यादा समय इस जंगल को निहारने में बिताते हैं।
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