कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए सिविल अस्पताल से लेकर आसपास का स्वास्थ्य अमला अपनी जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगा हुआ है। स्वास्थ्य अमले के साथ वही आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी की कार्यकर्ताओं का भी सहयोग लिया जा रहा है।
इसी दौरा कोरोना संदिग्धों का इलाज करते हुए कई डॉक्टर होम क्वारेंटाइन हो चुके हैं ताकि संक्रमण न फैले लेकिन डॉक्टरों के होम क्वारेंटाइन होने के बाद सिविल अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा रही हैं। गंभीर बीमारियों के मरीज और डिलेवरी के दौरान डॉक्टरों की कमी पीड़ित मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। वहीं वरिष्ठ अफसरों ने वैकल्पिक रूप से अस्थाई डॉक्टरों की व्यवस्था न करने के कारण यहां पर आने वाले मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है। बता दें कि वर्तमान में आने वाले मौसम के परिवर्तन के चलते कभी बारिश तो कभी उमस भरी गर्मी के कारण सर्दी-खांसी, जुकाम एवं बुखार पेट दर्द के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है इसी बीच अचानक से सिविल अस्पताल से डॉक्टरों की कमी होने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। 24 मार्च के बाद से ही सिविल अस्पताल में पदस्थ स्टाफ के बावजूद स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर हो सके इसके लिए आयुर्वेदिक अस्पताल के डॉ. आशीष खटीक को भी सिविल अस्पताल में पदस्थ कर दिया था, विगत दिनों से कोरोना संदिग्ध मरीजों के संपर्क में आने के कारण सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉ. आशीष खटीक, डॉ. लखन अहिरवार, डॉ. गिरीश वर्मा, डॉ. सर्जन मुरूगन, डॉ. हिमानी वर्तमान में होम क्वारेंटाइन हैं।
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