अवैध निर्माण को वैध करने कम्पाउंडिंग के लिए अब तक 8 हजार से अधिक मकानों को नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर में कम्पाउंडिंग संभव नहीं है। नियमानुसार केवल 10 प्रतिशत अवैध निर्माण पर ही कम्पाउंडिंग की जा सकती है, लेकिन जिन मकानों को नोटिस दिए गए हैं उनमें से ज्यादातर में 35 से 40 प्रतिशत तक निर्माण अवैध है। नोटिस के बाद यदि कोई व्यक्ति कम्पाउंडिंग करना चाहेगा तो उसे दस प्रतिशत से अधिक अवैध निर्माण को तोड़ना होगा। सामान्य रूप से मकानों का स्ट्रक्चर ऐसा होता है कि 25-30 प्रतिशत निर्माण तोड़ने पर शेष हिस्सा भी बेकार हो जाएगा। दूसरे शब्दों में पूरे मकान को दोबारा ही बनाना होगा।
2016 में 1300 लोगों ने किया था आवेदन, ज्यादातर की फाइल बंद हो गई- चार साल पहले 2016 में कम्पाउंडिंग के नियमों का सरलीकरण होने पर चले अभियान के बाद 1300 लोगों ने कम्पाउंडिंग के लिए आवेदन दिया था। नगर निगम ने इनकी जांच करना शुरू की तो 710 मकानों की जांच में यह बात सामने आई कि इन सब में अवैध निर्माण दस प्रतिशत से अधिक है। इसके बाद विचार के लिए गठित विशेषज्ञों की समिति ने कम से कम 40 प्रतिशत अवैध निर्माण को वैध करने की जरूरत बताई थी। जानकार बताते हैं कि यदि पूरे शहर की बात करें तो शहर में करीब 3 लाख निजी भवनों में से 90 प्रतिशत में अवैध निर्माण है और ज्यादातर में यह दस फीसदी से अधिक है।
नियम ही ऐसे हैं कि अवैध निर्माण मजबूरी
स्ट्रक्चर इंजीनियर राजेश चौरसिया बताते हैं कि बिल्डिंग परमिशन के नियम ही ऐसे हैं जिनमें अवैध निर्माण मजबूरी है। शहर में ज्यादातर प्लॉट 1000 वर्ग फीट तक हैं। इनकी चौड़ाई 30 फीट से कम हैं। इन्हें 10 फीट आगे और 5 फीट पीछे ओपन छोड़ने के बाद 1.25 एफएआर (फ्लोर एरिया रैशो) यानी कुल 1250 वर्ग फीट निर्माण की अनुमति मिलती है, लेकिन यह एक परिवार की जरूरत को पूरा नहीं कर पाता। प्लॉट छोटा होने के कारण सामने के हिस्से को भी कवर कर लेता है और सामने यानी फ्रंट एमओएस में कम्पाउंडिंग का प्रावधान नहीं है।
25 x 40 के प्लॉट पर 1250 वर्गफीट तक के निर्माण की अनुमति है, इसमें 10 प्रतिशत जोड़ने पर 1375 वर्गफीट तक ही वैध हो सकता है, लेकिन ज्यादातर लोगों ने 1600 वर्गफीट से लेकर 1800 वर्गफीट तक निर्माण कर रखा है। प्लॉट जिनकी चौड़ाई 30 फीट है, उन्हें तो एक साइड में 8 फीट और छोड़ना पड़ता है। इससे अधिक यानी 40 फीट की चौड़ाई पर तो दोनों तरफ 8 फीट छोड़ना होता है। हालांकि एफएआर में बालकनी, सीढ़ियां व एक गैरेज को शामिल नहीं किया जाता है, लेकिन फिर भी व्यावहारिक दृष्टिकोण से देखें तो इन नियमों का पालन मुश्किल है।
- 10 प्रतिशत अवैध निर्माण पर ही नियमानुसार की जा सकती है कम्पाउंडिंग
- 10%से ज्यादा निर्माण नोटिस के बाद तोड़ना होगा
एफएआर को बढ़ाकर 2 किया जाए
चौरसिया ने कहा कि 1995 से लागू मास्टर प्लान में 1.25 का एफएआर है। बदलाव तो हुए, लेकिन नया मास्टर प्लान नहीं आया। एफएआर को बढ़ाकर 2 किया जाए और रियर व साइड एमओएस के नियमों में भी बदलाव की जरूरत है। इसके बाद कम्पाउंडिंग की जाए तो लोग तैयार भी होंगे। नगर निगम की आय बढ़ेगी और लोगों को भी राहत मिलेगी।
प्रस्ताव पर फैसला नहीं
नगर निगम ने पिछले साल कम्पाउंडिंग के लिए अवैध निर्माण का प्रतिशत 10 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत तक करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। लेकिन इस पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
कम्पाउंडिंग की लिमिट 20 प्रतिशत करने का किया अनुरोध
हमने शुक्रवार को ही बिल्डिंग परमिशन शाखा की बैठक ली थी। हमने अभी कहा है कि 10 प्रतिशत के भीतर वालों की कम्पाउंडिंग करें, लेकिन अधिक पर तोड़ने की कार्रवाई नहीं करना है। हमने राज्य शासन को कम्पाउंडिंग की लिमिट 20 प्रतिशत तक करने का अनुरोध किया है।वीएस चौधरी कोलसानी, आयुक्त, नगर निगम
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